ग़ाज़ियाबाद, इरोस टाइम्स: अखिल भारतीय योग संस्थान रजि. व लायंस क्लब द्वारा दो दिवसीय ध्यान योग कार्यशाला का आयोजन लायन्स एनेक्सी कवि नगर में किया गया।
इस कार्यशाला के प्रथम दिवस पर भिवानी हरियाणा से पधारे स्वामी राज नाथ ओ३म की तीन बार गहरा लम्बा स्वांस भर कर ध्वनि कराई ओर संगठन सूत्र ‘ओं सं गच्छध्वम सं वद्धवम सं वो मनांसि जानतम, देवा भागं यथा पूर्वे संजानाना उपासते ‘बोल कर सत्र को प्रारम्भ किया।
गोल्ड मेडलिस्ट स्वामी राज नाथ ने शिविरार्थीओ को 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय दिवस में होने वाले आसान प्राणायाम का लगभग 300 साधक व साधिकाओं को इसका पूर्वाभ्यास कराते हुये ग्रीवा संचालन, कटिचक्र आसान, घुटना संचालन, अर्धचंद्राकार आसान, ताड़ासन, वृक्षासन, हस्तपादासन, त्रिकोण आसान, भद्रासन, अर्धउष्ट्रासन, शशांकासन, वक्रासन, भुजंगासन, शलभासन, मकरासन, सेतुबंधासन, पवनमुक्तासन, व कपालभांति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराया और शवासन में विश्राम कराते हुए बताया कि शव आसान में विश्राम करने से ऊर्जा ऊष्मा पूरे शरीर मे समाहित होती है, स्वयं के साथ जुड़ जाना ही योग है, अपने आपे में आने से आनन्द की अनुभूति होती है। साइड से करवट लेकर बैठने से कमर ठीक रहती है। गुस्से को कंट्रोल करने के शशांक आसान उत्तम, भुजंगासन से पेट और चेहरा प्रभावित होता है,योग करने से बुद्धि विकसित होती है, हास्यासन से खुश रहते हैं,जहां ऑक्सीजन ज्यादा हो वहां प्राणायाम का अभ्यास करने से प्राण शक्ति बढ़ती है, लंग्स, डायाफ्राम मजबूत होते हैं योग रोगों से बचाता है। भ्रामरी प्राणायाम कंसन्ट्रेशन हेतु अति उत्तम है ओर
निम्न मंत्र बोला-
“नमस्ते सते ते जगत्कारणाय, नमस्ते चिते सर्वलोकाश्रयाय ।
नमोऽद्वैततत्त्वाय मुक्तिप्रदाय, नमो ब्रह्मणे व्यापिने शाश्वताय।।”
हे सत्य सनातन जगत् के कारणरूप जगदीश्वर ! तथा सभी लोकों के एकमात्र आश्रय चेतनस्वरूप परमात्मन् ! आपके लिए बार-बार मेरा नमस्कार है एवं मुक्ति प्रदान करने वाले अद्वैततत्त्व, नित्य, व्यापक, ब्रह्म आपके लिए मै नमस्ते करता हूँ।
लायन्स क्लब के अध्यक्ष जी ने स्वामी जी को माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
स्वामी जी के साथ आये नवयुवकों द्वारा किया व्यायाम का सुंदर प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केन्द्र रहे।
के के अरोरा जी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया और 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर रामलीला मैदान कवि नगर में भाग लेने हेतु विनम्र निवेदन किया।
मंच का कुशल संचालन संस्थान के महामंत्री देवेंद्र हितकारी जी ने किया उन्होंने हस्यासन कराया और स्वामी जी का परिचय देते हुये बताया कि आपने 20 वर्ष की आयु में सन्यास ले लिया था,आश्रम में समस्त सुविधाएं होने पर भी वह तपस्वियों का जीवन व्यतीत करते है,नाथ सम्प्रदाय व गोमट गोरक्षा भिवानी से जुड़े हैं।
प्रमिला सिंह जी,रेखा गुलाटी जी व वीना वोहरा आदि ने ने वैदिक प्रार्थना व शांतिपाठ कराया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्व अशोक मित्तल,सी ए योगेश कंसल, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य, मनमोहन वोहरा,दयानंद शर्मा, चौ.मंगल सिंह, डा. रतन लाल गुप्ता,अशोक माहेश्वरी,अनुज यादव, पूजा निश्चल, वीना निश्चल आदि मौजूद रहे।