वॉशिंगटन, इरोस टाइम्स: आपको बता दे की अमेरिका ने बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए आतंकियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। अफगानिस्तान में सुरंगें बनाकर छिपे करीब सात हजार आईएस आतंकियों पर गुरुवार को अमेरिका ने दुनिया का सबसे बड़ा 10 हजार किलो का नॉन-न्यूक्लियर बम GBU-43 गिरा दिया दिया। इस बम को मदर ऑफ ऑल बम भी कहा जाता है। जिस जगह हमला हुआ है, वह पाकिस्तान की सीमा से सटी जगह है। पेशावर यहां से महज 100 किलोमीटर की ही दुरी पर है। अफगान अफसरों के मुताबिक, इस हमले में 36 आतंकी मारे गए हैं। अमेरिका ने यह हमला अपने एक सैनिक की मौत का बदला लेते हुए किया है। यह सैनिक पिछले शनिवार को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में शहीद हुआ था। बता दें कि अमेरिका ने 2001 में 9/11 हमलों के बाद अफगानिस्तान में जंग शुरू की थी। 16 साल में पहली बार उसने इतने बड़े नॉन न्यूक्लियर बम का वहां इस्तेमाल किया है।
जाने किसने गिराया बम ?
– यूएस मिलिट्री के मुताबिक, “मदर ऑफ ऑल बॉम्ब को एअरफोर्स स्पेशल ऑपरेशंस कमांड ने MC-130 एयरक्राफ्ट से ड्रॉप किया। आर्मी इस बम से हुए नुकसान का असेसमेंट कर रही है।”
कौन था किसके निशाने पर?
– अमेरिका के निशाने पर पाकिस्तान बॉर्डर के पास के इलाके में छिपे ISIS के आतंकी थे। ये आतंकी सुरंगों और गुफाओं की आड़ में रह रहे थे। यूएस सेंट्रल कमांड ने कहा कि ये ऑपरेशन अफगानिस्तान में ISIS-K के खिलाफ चल रही लड़ाई का हिस्सा था।
क्यों की यूएस ने कार्रवाई?
– अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी जरनल जॉन निकोलसन ने कहा कि जैसे-जैसे ISIS को नुकसान पहुंच रहा है, वो अपनी सेफ्टी बढ़ाने के लिए आईईडी, बंकर और टनल्स का इस्तेमाल कर रहा है।
आम लोगों को बचाने बरती सावधानी…!!!
– हमले के दौरान आम नागरिकों को बचाने के लिए पूरी सावधानी बरती गई है। यह बम सामान्य लड़ाकू विमान से नहीं गिराया जा सकता था। इसलिए मालवाही एमसी-130 एयरक्राफ्ट से गिराया गया। अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल जॉन निकलसन ने बताया कि नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
जाने कहां गिराया गया बम?
– पेंटागन ने बताया कि अफगानिस्तान की नानागढ़ प्रोविन्स के अचिन डिस्ट्रिक्ट में ISIS खुरासान टनल कॉम्प्लेक्स पर ये बम गिराया गया। यहां से महज एक घंटे की दूरी पर पाकिस्तान बॉर्डर है। यहां पर करीब 95 हजार पश्तून कबायली भी रहते हैं। पाकिस्तानी सीमा से सटा पूर्वी अफगानिस्तान का यह जिला अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक है। ओसामा बिन लादेन के अल कायदा के आतंकियों ने भी इसी प्रांत में स्थित तोरा-बोरा की गुफाओं में ठिकाना बनाया था।
-यूएस मीडिया के मुताबिक, “अफगानिस्तान में गुरुवार शाम 7 बजे GBU-43 बम गिराया गया। ये जीपीएस गाइडेड बम था।”
– बम का वजन 21,600 पाउंड यानी करीब 10,000 किलोग्राम है। यूएस ने अफगानिस्तान में जो बम गिराया, वह सीरिया में बरसाए जा रहे अमेरिकी बमों से 21 गुना ज्यादा वजनी है।
क्या है इस बम खासियत ?
– अगर न्यूक्लियर बमों को छोड़ दें तो ये दुनिया में मौजूद सबसे पावरफुल ट्रेडिशनल बम है।
– इसका वजन 10 हजार किलोग्राम के करीब होता है। कुल 8,164 एक्सप्लोसिव भरा होता है।
– टीएनटी एक्सप्लोसिव (Trinitrotoluene) से तुलना करें तो ये उससे 11 गुना ज्यादा ताकतवर होता है। करीब डेढ़ किमी के दायरे में आने वाली सभी चीजों को तबाह कर देता है।
– पेंटागन के स्पोक्सपर्सन एडम स्टंप के मुताबिक, “बम को मैसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बॉम्ब (MOAB) नाम से जाना जाता है। इसका निकनेम मदर ऑफ ऑल बॉम्ब्स है।”
यूएस ने कब शुरू की थी अफगानिस्तान में जंग की शुरुआत?
अमेरिका ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर तालिबान के 9/11 आतंकी हमले के बाद अफगानिस्तान पर हमला किया था। 2014 में बराक ओबामा ने जंग खत्म करने का एलान किया। लेकिन यूएस ने वहां अपनी एक टुकड़ी रखी है। अब आईएसआईएस वहां जड़ें जमा रहा है। इस वजह से अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपना मिशन दोबारा तेज किया है।