Eros Times:अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर छात्रों को लैगिंक समानता और सतत विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की रणनीतियां की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी वूमेन हेल्प डेस्क द्वारा दो दिवसीय ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ डॅाक्युमेंट्री फिल्म निर्माता श्री अजय चिटनिस, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल सांइसेस की निदेशक डा निरूपमा प्रकाश द्वारा किया गया।
सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए डॅाक्युमेंट्री फिल्म निर्माता अजय चिटिनिस ने संबोधित करते हुए कहा कि उनकी बनाई डॉक्युमेंट्री फिल्म ने कार्यस्थल में काम कर रही महिलाओं की परेशानी और शोषण को दर्शाया है। आज महिलायें हर क्षेत्र में अपना उंचा मुकाम हासिल कर रही है और लैगिंक समानता किसी भी समाज, समुदाय, संस्थान और राष्ट्र के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है।
इस अवसर पर अजय चिटिनिस द्वारा निर्मित डॉक्युमेंट्री फिल्म ‘‘ पायल चावला द माइंड दैट मैटर्स’’ का प्रदर्शन भी किया गया।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा. बलविंदर शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा कि इस विश्व का अस्तित्व महिलाओं के कारण है। जीवन की प्रथम महिला हमारी मॉं होती है जो हमारे विकास की नींव रखती है। एक तरफ आज महिलायें विज्ञान तकनीकी, कला, खेल सभी क्षेत्रों में उंचा मुकाम हासिल कर रही है वही दूसरी तरफ कुछ महिलाओं को समानता का मौका नही मिल रहा और उनके साथ भेदभाव हो रहा है। एमिटी विद्यालय समूह की चेयरपरसन डा अमिता चौहान का विश्वास है कि बालिकाओं को सशक्त बनाने में शिक्षा महत्वपूर्ण योगदान देती है इसलिए उनके द्वारा अमिताशा विद्यालय का संचालन किया जा रहा है जिससे शोषित वर्ग की हजारों छात्राये लाभांवित हो रही है। इस सम्मेलन के जरीए विभिन्न वैश्विक संस्थानों में कार्यस्थल पर महिलाओं की स्थिती और चुनौतियों को समझने और चर्चा की जायेगी।
एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल सांइसेस की निदेशक डा निरूपमा प्रकाश ने अतिथियों को सबोधित करते हुए कहा कि किसी भी कार्य में सफलता के लिए संयुक्त प्रयास आवश्यक है जिसमें महिलाओं और पुरूषों दोनो का सहयोग आवश्यक है। भविष्य के सतत विकास के लिए लैगिंक समानता आवश्यक है। इस सम्मेलन के द्वितीय दिन 9 मार्च को समापन समारोह में खेल, उद्योग सहित अन्य क्षेत्रों में सफलता हासिल करके छात्रों का प्रेरणास़्त्रोत बनने वाली महिलाओं को एमिटी वूमेन एचिवर अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा।
सम्मेलन के अंर्तगत ततृीय सत्र ‘‘ सशक्त महिला, विश्व को शिक्षा’’पर सत्र का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता एनसीईआरटी के समाजिक विज्ञान में शिक्षा और लैगिक शिक्षा में विशेषता विभाग की प्रमुख प्रो गौरी श्रीवास्तव ने की और इस सत्र में एम्स की कार्डियक एनस्थेसिया विभाग की पूर्व प्रमुख ब्रहमाकुमारी उषा किरण, जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या डा रेनू सहगल, लाला जगत नारायण डीएवी मॉडल स्कूल पंजाब की प्रधानाचार्या सुश्री अनिता नंदा और द भोपाल स्कूल ऑफ सोशियल सांइसेस की प्रमुख डा नैना सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये।
एम्स की कार्डियक एनस्थेसिया विभाग की पूर्व प्रमुख ब्रहमाकुमारी उषा किरण ने कहा कि नकारात्मक परिस्थितियों में भी संतुलन बनाये रखना जरूरी है। छात्रों को तकनीकी व आधुनिक शिक्षण की जानकारी दे किंतु व्यवहारिक कौशलता, स्वंय का प्रबंधन भी सीखायें। जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या डा रेनू सहगल ने संबोधित करते हुए कहा कि समाजिक और आर्थिक विकास के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण आवश्यक है जिससें वे जीवन में जो भी चाहे उपलब्धि हासिल करें। सरकारी योजनाये केवल स्लोगन ना बनने दे बल्कि उसका प्रभावीकरण भी आवश्यक है। लाला जगत नारायण डीएवी मॉडल स्कूल पंजाब की प्रधानाचार्या सुश्री अनिता नंदा ने कहा कि महिला समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और पूरा परिवार उस पर आधारित होता है। अगर हम लैंगिक समानता को हासिल कर ले तो सभी सतत विकास लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। द भोपाल स्कूल ऑफ सोशियल सांइसेस की प्रमुख डा नैना सिंह ने कहा कि अपने अधिकारों की जागरूकता सबसे अधिक जरूरी है इसलिए सशक्त बनने के लिए स्वंय के अधिकारों को जाने और उनका उपयोग करें। हमें लड़कों केा भी सीखाना होगा कि बालक बालिकाओं के अधिक समान है और बालकों के सामने महिला आदर के आचरण प्रस्तुत करने होगे।
इस सम्मेलन के प्रथम सत्र ‘‘ महिलाओं का सशक्तीकरण – लैगिंक समानता की राह’’ पर आयोजित किया गया जिसमें एनआईईएसबीडी की वरिष्ठ सलाहकार डा रेखा भारद्वाज, अनहद की संस्थापक डा शबनम हाशमी, ब्रेन बिहेवियर रिसर्च फांउडेशन की चेयरपरसन डा मीना मिश्रा, पावर टू एमपावर एडवोकेसी की संस्थापिका डा उषा रूप नारायण ने अपने विचार रखे। द्वितीय सत्र ‘‘ महिला व्यापार नेतृत्व और उद्यमिता’’ में इनवेस्ट इंडिया की एस्सीटेंट वाइस प्रेसीडेंट श्रीमती अनुशा अग्रवाल, अजूका लैब्स की सहसंस्थापिका डा फातिमा बेनजीर, दिल्ली उच्च न्यायालय की अधिवक्ता डा रेखा अग्रवाल ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एजुकेशन की प्रमुख डा अलका मुदगल, एमिटी लॉ स्कूल की एडिशनल डायरेक्टर डा शेफाली रायजादा उपस्थित थी|