EROS TIMES: नई दिल्ली- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान अरविन्द केजरीवाल के स्वास्थ्य मॉडल की सच्चाई को जानने के लिए मौहल्ला क्लीनिक में गए, वहां लोगों से मिले। लोगों ने अपनी परेशानी सांझा की, बताया कि मौहल्ला क्लीनिक में न डॉक्टर है, न दवाइयां है, न टेस्ट होते है और मौहल्ला क्लीनिक के इर्द गिर्द गंदगी के ढेर लगे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी चरमरा चुकी है कि जब किसी गरीब परिवार में कोई बीमार होकर सरकारी अस्पताल जाता है, उसका इलाज न करके उसे प्राईवेट अस्पताल रेफर कर दिया जाता है, जहां इलाज कराने के लिए उसके पास पैसा नही है। केजरीवाल के शासन में गरीब चौतरफा मर रहा है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में जो झूठ की रेवड़ी दे रहे है उसकी सच्चाई लोगों के सामने आ चुकी है लोगों को मौहल्ला क्लीनिक की सच्चाई पता चल गई है। 200 टेस्ट मुफ्त करने का वादा था, पूरा नही किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार बताए कि 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने के वादे किया था, लेकिन आज आधे मोहल्ला क्लीनिक भी नही शुरु किए है जो सुचारु रुप से कार्य तक नही कर रहे है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने कांग्रेस शासनकाल में सुचारु रुप से चल रही 1396 डिस्पेंसरियों में से अधिकतर बंद करके मौहल्ला क्लीनिक पर काम किया जबकि इन डिस्पेंसरियों में सरकारी कर्मचारी कार्यरत थे और मौहल्ला क्लीनिक आम आदमी पार्टी के वालियंटरों के घरों में परिचालन हो रहा है, इनमें असुविधाओं के कारण दिल्ली के गरीब लोग परेशान है। कोविड महामारी के दौरान केजरीवाल सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था का मॉडल की पोल पहले खुल चुकी है जब लोगों सांसों के लिए तरस रहे थे और दिल्ली कोविड से मरने वालों की गिनती में सबसे उपर रहा।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि मुफ्त की रेवड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई लोग जानते है। क्योंकि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों को कुछ सीमित दवाएं लिखने के लिए मजबूर किया जा रहा है और वो भी अस्पताल में उपलब्ध नही होती। ऑपरेशन होना बंद हो गए है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन काल में अस्पतालों में 19571 बेड जोड़े गए जबकि केजरीवाल सरकार के शासन काल में केवल 9590 बेड जोड़े गए। केजरीवाल सरकार बताए कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए 30,000 अतिरिक्त बेड मुहैया कराने के वादे का क्या हुआ?