बीजिंग:EROS TIMES: आज भी चीन में कुछ इस तरह से निभा रहे है अपनी परंपरा, कुछ ग्रामीण इलाकों में आज भी 3000 साल पुरानी ‘घोस्ट मैरिज’ की परंपरा निभाई जा रही है।
इस परंपरा में अगर किसी लड़के की मौत बिना शादी के हो जाती है, तो उसे अकेला नहीं दफनाया जाता।
बल्कि उसकी शादी किसी महिला की डेडबॉडी से कराई जाती है और फिर दोनों को साथ दफनाया जाता है। श्राप की वजह से भी निभाते हैं यह लोग इस परंपरा को जो इनकी मान्यता बन गयी है, इस परंपरा के पीछे मान्यता यह है कि अविवाहित मरने वाले लड़के की आत्मा को शांति मिले और उसे अकेलापन महसूस न हो।
हालांकि आज के समय में इस परंपरा में डेडबॉडी मिलना आसान नहीं है, ऐसे में कई लोग गैरकानूनी तौर पर महिला की डेडबॉडी मुहैया कराने का काम करते हैं। और यह भी माना जाता है कि अगर किसी परिवार में अविवाहित लड़के की मौत हो जाती है तो इसे फैमिली के लिए श्राप समझा जाता है।
लड़के की आत्मा की शांति के लिए ये रस्म निभाई जाती है। इसे ‘घोस्ट मैरिज’ कहा जाता है।
ग्रामीण इलाकों खासकर शांक्सी प्रांत में इस परंपरा का चलन बदस्तूर जारी है।
लेकिन अब इसे चोरी-छिपे निभाया जाता है। दो साल पहले एक ग्रामीण परिवार ने बेटे की आत्मा की शांति के लिए एक लड़की की डेडबॉडी 18 लाख रुपए में खरीदी थी। ये पैसे लड़की के परिवार ने लिए थे।
चीन के लोग अपनी इस परंपरा को छोड़ के भी छोड़ नहीं पा रहे है।
यहाँ तक की डेडबॉडी नाम पर इनका धंधा चलता है-
परंपरा के नाम पर कई माफिया महिलाओं की डेडबॉडी की खरीद-फरोख्त का धंधा भी करते हैं।
2014 में पूर्वी चीन में पुलिस 11 लोगों को अरेस्ट किया गया था।
ये लोग कब्र से महिलाओं की डेडबॉडी चुरा लेते थे और चोर बाजार में बेचते थे।
चोरों ने बताया कि एक डेडबॉडीज की कीमत करीब दो लाख रुपए होती है।
मार्केट में ऐसी डेडबॉडी का पैसा मिलता है, जिसका शव एक या दो दिन पुराना हो। बहुत पुरानी डेडबॉडी के कोई पैसे नहीं देता।
वहीं, 12 महिलाओं के कत्ल के लिंक भी इस ‘घोस्ट मैरिज’ से जुड़े हैं। यानी पैसे कमाने के लिए महिलाओं के कत्ल भी किए जाते हैं।
कत्ल भी किया जाता है इसे परंपरा के नाम पर।