नोएडा, इरोस टाइम्स : आज नोएडा के सेक्टर-21 रामलीला मैदान में चल रही श्री रामकथा के आठवे दिन पूज्य संत श्री विजय कौशल जी महाराज ने भगवान राम के द्वारा धनुष खंडन के बाद की लीला, परसुराम चर्चा व रामविवाह एवं आगे की कथा कही। उन्होंने बताया की भगवान का रूप बहुत आकर्षक है, संतो की सेवा के महत्व पर उन्होंने बताया कि जो संतो को भोजन कराता है उसके भंडार सदा भरे रहते है। भगवान के दर्शन पर उन्होंने कहा कि भगवान शरीर की आँखों से नहीं हृदय की आँखों से होते है। भगवान से मिलने के लिए मानव का ज्ञानी होना आवश्यक नहीं है, बल्कि भाव,हृदय का पवित्र होना, समर्पण होना चाइये। भगवान का कर्ता रूप नहीं दिखता है, उनका कार्य दीखता है।भगवान यश अपयश से परे होते है, यश अपयश मानव के साथ साथ चलते है। सामाजिक परिवर्तन पर उन्होंने कहा कि समाज केवल नियम से नहीं नियत से,शास्त्रों के अध्ययन से बदलता है। उन्होंने लक्ष्मण जी के चरित्र से सीख लेते हुए बताया कि हमे संसार में हर चीज़ नहीं खानी चाइये, नहीं देखनी चाइये एवं ना ही सुननी चाइये। उन्होंने बताया कि अहंकारी कभी भी शांति नहीं चाहता है , वह केवल युद्ध चाहता है। रामराज्य की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि जब हर व्यक्ति प्रजापालक, प्रेमी, सहयोगी, चरित्रवान हो, उस समय के समाज की परमव्यवस्था को ही रामराज्य कहते है। बताया है, संत सरल हृदय होते है। आज की कथा में उन्होंने भक्त चरित्र में भक्त धन्ना जाट के जीवन की चर्चा की। कथा के अंतिम दिन कल सुबह रविवार को कथा सुबह को 10:00 से 12:30 तक होगी। कथा के इस शुभ अवसर पर मंगलमय परिवार के सभी लोगो के साथ नगर के असंख्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
एम्स अस्पताल के नजदीक स्थित रैन बसेरे का औचक निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री सौरभ भारद्वाज
EROS TIMES: दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज दिल्ली में स्थित एम्स अस्पताल के नजदीक बने रैन बसेरे का औचक निरीक्षण करने पहुंचे । निरीक्षण के दौरान मंत्री सौरभ…