Eros Times: नोएडा। लक्ष्मण परशुराम संवाद, दशरथ कैकई संवाद, कौशल्या राम संवाद एवं राम वन गमन , श्री राम केवट संवाद और भरत केकई संवाद की रामलीला का हुआ मंचन
नोएडा। सेक्टर 46 के रामलीला ग्राउंड में चल रही श्रीराम लखन धार्मिक लीला में छठे दिन लक्ष्मण परशुराम संवाद के साथ रामलीला का शुभारंभ किया जाता है।
इसके बाद दशरथ कैकई संवाद एवं कौशल्या राम संवाद के साथ-साथ राम जी का वन गमन, केवट संवाद के साथ-साथ भरत केकई संवाद की रामलीला का मंचन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर और राज्यमंत्री कैप्टन विकास गुप्ता एवं दैनिक सच कहूं के संपादक ऋषि पाल अरोड़ा आदि के द्वारा लीला मंचन का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने कहा कि रामलीला से हमेशा लोगों को एक सीख मिलती है। साथ ही हम ऐसे मंच के माध्यम से अपने अपने देश की संस्कृति व धरोहर को बचाए रखा है।
उन्होंने कहा कि देश ने अनेकों तकनीकी उपलब्ध की है।
लेकिन संस्कृति व सभ्यता के लिए रामलीला आदि धार्मिक कार्यक्रमों का होना जरूरी है।
इस अवसर पर राज्य मंत्री कैप्टन विकास गुप्ता ने रामलीला के आयोजन का आयोजकों का आभार प्रकट किया।
वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में दैनिक सच कहूं के संपादक ऋषि पाल अरोड़ा ने कहा कि इस प्रकार के मंचन से जहां युवा पीढ़ी को संस्कृति व सभ्यता बचाने की सीख मिलती है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में दैनिक सच कहूं के संपादक ऋषि पाल अरोड़ा के अलावा पीयूष द्विवेदी ,राकेश अग्रवाल एवं रामनिवास यादव ने भी रामलीला संचालकों एवं कलाकारों का आभार प्रकट किया।
इसके बाद आए हुए अतिथियों का संस्था के अध्यक्ष विपिन अग्रवाल ने उनका सम्मान कर आभार प्रकट किया।
रामलीला संचालक पंडित कृष्णा स्वामी ने रामलीला सुनाते हुए दशरथ द्वारा राज्य अभिषेक की घोषणा के बाद की रामलीला का शुभारंभ किया।
रामलीला में मथरा द्वारा केकई को भड़का देने तथा महाराज दशरथ उन्हें मनाने जाते हैं ।
तो केकई महाराज से दो वचन मांगती है।
पहले वचन में राम को 14 वर्ष का वनवास एवं दूसरे वचन में भरत को राजगद्दी।
राजा दशरथ दोनों वचन सुनकर परेशान हो जाते हैं।
लेकिन वचन के अनुसार वह उन्हें दोनों वादे पूरे करने का वचन देते हैं। इसके बाद राम का 14 वर्ष के लिए वनवास की लीला का मंचन होता है। जिसे देखकर लोगों मन में भी पीड़ा होती है।
इसके बाद राजा दशरथ का देहांत हो जाता है।
और भरत उनके संस्कार के बाद राम को लेने चित्रकूट जाते हैं।
लेकिन वचन के अनुसार राम नहीं आते हैं।
अंत में उनकी खड़ाऊ लेकर भारत वहां से आते हैं ।
इसके बाद रामचंद्र जी चित्रकूट को भी त्याग कर आगे बढ़ जाते हैं। उनके रास्ते में निषाद राज आते हैं। और गंगा पार कर लेते हैं की लीला का समापन हुआ ।
इस अवसर पर राधेश्याम गोयल, गिरजा अग्रवाल, संजीव पुरी, प्रदीप मेहता ,अजय गोयल ,वीरेश तिवारी, रोहतास गोयल, सुधीर गोयल, वरुण कुमार सिंह ,अजय जैन, अजय गुप्ता, संजय गोयल ,मुकेश यादव, प्रमोद यादव बलराज गोयल ,पूनम सिंह, अनुज गुप्ता, वीरेश तिवारी, श्रीकांत बंसल, शबनम गुप्ता, संजय जिंदल, सुधीर मित्तल, सुनीता सिंह आदि मौजूद थे।