Eros Times :नोएडा। सेक्टर-56 स्थित सामुदायिक केंद्र में नोएडा में पंजाबी विकास मंच द्वारा नोएडा-स्तर पर 8 वाँ लोहड़ी का सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम अपने पंजाबी समाज को नई ऊर्जा प्रवाहित करने के लिए धूम धाम से मनाया जिसमें रंगारंग कार्यक्रम के साथ साथ भांगड़ा, गिदा और पंजाबी गाने व कविता गाए गए जिसमें लोगों ने संगीत व ढोल पर डांस भी किया। इस कार्यक्रम में पंजाबी समाज ने बढचढ कर भाग लिया व लगभग 500 से अधिक पंजाबी लोगों ने सहयोग देकर व उपस्थित होकर इसकी शोभा बड़ाई। इस आयोजन में नोएडा के गणमान्य पंजाबियों के साथ साथ सभी संरक्षक , पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य परिवार सहित सम्मिलित हुए।अतिथियों में डॉ सुशील चौधरी (सपत्नी) चेयरमैन आई केयर हॉस्पिटल), नवाब सिंह नागर दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री, कैप्टन विकास गुप्ता दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री भाजपा, महेश आर्य पूर्व एमएलसी राष्ट्रीय प्रवक्ता सपा, पंकज अवाना पूर्व प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा आप पार्टी, राम कुमार तंवर महानगर अध्यक्ष कांग्रेस, फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा, के के जैन, जी एस सचदेवा, संजय मावी, अध्यक्ष सेक्टर 56 व उनकी टीम, का स्वागत मंच पर पंजाबी विकास मंच के संरक्षकों व चेयरमैन दीपक विग और प्रधान जी.के. बंसल द्वारा गुलदस्ते व शाल भेंट कर किया गया। अतिथियों ने पंजाबी समाज की अपनी परंपराओं को जीवन्त रखने में इस महत्व पूर्ण योगदान की भूरी भूरी प्रशंसा की।
आज के कार्य क्रम में पंजाबी विकास मंच ने पंजाबी रत्न की उपाधि देने की एक नई महत्वपूर्ण पहल की और अपने पंजाबी समाज के दो विशिष्ट पंजाब्बियों को जिन्होंने पंजाबी समाज की परम्परा के अनुसार समाज के हर वर्ग के लिए उत्कर्ष योगदान दिया है उन्हें ‘पंजाबी रत्न’ की उपाधि देकर सम्मानित किया।
दीपक विग के अतिरिक्त हमारे पंजाबी समाज में और कोई दूसरा व्यक्ति नहीं जिसका नोएडा और एनसीआर में पंजाबियत को जिंदा रखने व संगठित करने में कोई विकल्प हो, इस लिए पहला पंजाबी रत्न दीपक विग को प्रदान किया गया। आज से वह पंजाबी रत्न दीपक विग कहलाये जाएँगे। दूसरा पंजाबी रत्न पंजाबी विकास मंच ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के ग़रीब लोगों को निशुल्क दृष्टि प्रदान करने वाले हमारे पंजाबी डॉक्टर सुशील चौधरी, चेयरमैन आईकेयर हॉस्पिटल को प्रदान किया। समाज की इस भाँति सेवा करने का शायद ही कई दूसरा उदाहरण हो। आज से हम उन्हें पंजाबी रत्न डॉ सुशील चौधरी के नाम से ही संबोधित करेंगे।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता पंजाबी रत्न दीपक विग (चेयरमैन – पंजाबी विकास मंच) ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की पंजाबी कोई जाति नहीं है, वरन 10,000 साल पुरानी संस्कृति है। ऋगवेद में पंजाब को सप्त-नद कहा गया है और महाभारत में इसे पंच-नद कहा गया है | भारतीय पंजाब व अविभाजित पंजाब के मूल निवासी, चाहे वो किसी भी जाति अथवा धर्म से हो, पंजाबी ही कहलाते है | जैसे पूर्व-प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खत्री सिख है, पर पूर्व-प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल खत्री हिन्दू थे , स्वर्गीय अरुण जेटली पंजाबी ब्राह्मण व लाला लाजपत राय पंजाबी वैशेय थे, अमर शहीद भगत सिंह जाट सिख थे व् उनके साथी क्रांतिकारी सुखदेव थापर, मदन लाल ढींगरा भी खत्री थे। आज के समय में लोकप्रिय क्रिकेटर विराट कोहली खत्री हिन्दू है राजकपूर, देवानंद, रणबीर कपूर इन सभी को हम पंजाबी के तौर पर ही जानते है।
पंजाबी विकास मंच के चेयरमेन विग ने बताया की आज़ादी से पहले पंजाब एक बहुत बड़ा राज्य था, परन्तु कालान्तर में इसका 60% हिस्सा पाकिस्तान में चला गया, और बचे हुए 40% भाग में से भी हिमाचल, हरियाणा अलग हो गए | आज भी पुरे देश में 5 करोड पंजाबी है, जिसमे से 3 करोड के करीब पंजाब में है और 2 करोड के करीब देश भर में फैलें हुए है | इस के साथ-साथ विदेशों में भी पंजाबी आबादी बड़ी संख्या में है।
पंजाबी रत्न दीपक विग जी ने समस्त उत्तर प्रदेश के पंजाबियों (नॉएडा समेत ) को लोहड़ी की बधाईयां दीं।
पंजाबी विकास मंच के अध्यक्ष जी. के. बंसल ने लोहड़ी पर्व का महत्व बताते हुए कहा, कि लोहड़ी का त्यौहार मकर संक्राति से एक दिन पहले हर वर्ष मनाया जाता हैं। इस प्रकार, लोहड़ी त्यौहार पौष माह के अंतिम दिन, सूर्यास्त के बाद (माघ संक्रांति से पहली रात) यह पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी की पूजा के समय अग्नि में डलने वाली वस्तुओं से शब्द निर्माण जान पड़ता है, जिसमें ल (लकड़ी) +ओह (गोहा = सूखे उपले) +ड़ी (रेवड़ी) = ‘लोहड़ी’ के प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि प्राचीन भारत में श्वतुर्यज्ञ का अनुष्ठान मकर संक्रांति पर होता था, संभवत: लोहड़ी उसी का अवशेष है। इसलिए लोहड़ी मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले मनाया जाता है। पूस-माघ की कड़कड़ाती सर्दी से बचने के लिए आग भी सहायक सिद्ध होती है – यही व्यावहारिक आवश्यकता ‘लोहड़ी’ को मौसमी पर्व का स्थान भी देती है। इस त्यौहार के पीछे मान्यता है कि खरीफ की फसल धान आदि के आगमन के बाद, किसान प्रकृति को धन्यवाद देता। इस लिहाज से लोहड़ी को एक दूसरे नाम ‘ख़ुशी का पर्व’ भी कहें तो गलत नहीं होगा।
पंजाबी विकास मंच के संरक्षक जे. ऐम. सेठ ने बताया की लोहड़ी पर्व बहुत पुराना है, जिसके साथ अन्य किस्से भी जुड़ते गए, जैसे मुगल काल में, अकबर के शासन के दौरान, दुल्ला भट्टी पंजाब में रहा करता था, दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की रक्षा की थी, क्योंकि उस समय अमीर सौदागरों को सदंल बार की जगह लड़कियों को बेचा जा रहा था, दुल्ला भट्टी ने इन्हीं सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई, इसलिए दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया और हर लोहड़ी को उसकी शौर्य-कथा भी सुनाई जानी शुरू हो गई। उन्होंने सभी से आधुनिकता में भी पर्वो के माध्यम से पंजाबियत को जिन्दा रखने की अपील की |
इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने पंजाबी रत्न दीपक विग की पंजाबी विकाश मंच को आज की ऊँचाई पर पहुँचाने के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की और यह आशा की कि वह पंजाबी समाज का मार्ग दर्शन पहले की तरह ही करते रहेंगे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पंजाबी रत्न दीपक विग, जी. के. बंसल , ओ.पी. गोयल , बी.बी. सभरवाल, विनोद ग्रोवर, आर. एन. गुप्ता, जे.एम. सेठ , संजीव पूरी , संजीव बांधा, एस. पी. कालरा , सुनील वाधवा, हरीश सभरवाल, प्रदीप वोहरा, एस.एस. सचदेव, अलका सूद, सरोज भाटिया , प्रभा जयरथ, ऋतु दुग्गल, अमरदीप शाह , प्रेम अरोड़ा , व यश पाल भनोत, संजय खत्री, आर के भट्ट, सुनील वर्मा, परवीन पासी, विक्रम कालसी, अंजना भागी, जितेंद्र कठपालिया,गौरव जग्गी, विनीत कपूर, नीलम भागी, शरण चौहान, पिंकी गुप्ता, डी.एस. चावला, अजय साहनी, अचल जैन, राजकुमार नारंग, नरेन्देर थरेजा, राजेश साहिल आदि सभी पदाधिकारियों ने महत्व पूर्ण भूमिका निभाई।