कभी गंदगी और असुरक्षा के लिए बदनाम जगह अब केजरीवाल सरकार ने सुंदर झील में किया तब्दील

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने तिमारपुर झील का स्थलीय निरीक्षण कर परियोजना से जुड़े कार्यों की समीक्षा की

जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्थानीय लोगों और बच्चों के साथ झील के आसपास पौधे भी लगाकर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

40 एकड़ जमीन पर तिमारपुर झील विकसित होने से स्थानीय लोगों को गंदगी और असमाजिक तत्वों से मिला छुटकारा

तिमारपुर झील बनाने की योजना पर काम अंतिम चरण में है, झील से ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मिलेगी मदद

झील परिसर में लोगों के लिए फूड कैफे, सेल्फी प्वाइंट, स्टेप प्लाजा, म्यूजियम, ओपन एयर थियेटर, बटरफ्लाई पार्क, गैलरी, ऑडिटोरियम जैसी तमाम सुविधाएं

झील परिसर में 5 एकड़ में एसटीपी का किया जा रहा निर्माण, रोजाना 25 एमएलडी पानी का किया जाएगा शोधन

कुछ वर्षों पहले यह जमीन गंदगी से लबालब थी और आज लोगों को इस खुबसुरत झील के जल्द से जल्द खुलने का इंतजार है

पहले यहां असमाजिक तत्वों के चलते आपसास के लोगों का रहना मुश्किल था, अब सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस जगह को सबसे स्वच्छ व सुरक्षित बना दिया है

Eros Times: केजरीवाल सरकार की ओर से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित की जा रही तिमारपुर झील परिसर में लोग जल्द ही प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। इस परियोजना से जहां ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने मदद मिलेगी साथ ही इलाके के लोगों को पानी की समस्या से भी निजात मिलेगी। इसी कड़ी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को तिमारपुर झील का स्थलीय निरीक्षण कर परियोजना से जुड़े कार्यों की समीक्षा की। साथ ही डीजेबी अधिकारियों को झील को उम्मीदों के अनुरूप बनाने और समय से गुणवत्ता पूर्ण कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्थानीय लोगों और बच्चों के साथ झील के आसपास पौधे भी लगाए और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। 

जल्द पर्यटकों के लिए ओपन होगी 40 एकड़ में फैली तिमारपुर झील

जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि तिमारपुर झील को 40 एकड़ जमीन पर विकसित किया जा रहा है। झील बनाने की योजना पर काम अंतिम चरण में है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण का 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। इसका बाकी काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। जिसके बाद जल्द झील को आम लोगों के लिए ओपन कर दिया जाएगा। इकोलॉजिकल सिस्टम को बनाए रखने और लागत प्रभावी तरीकों के साथ ज्यादा से ज्यादा अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्ज करने के लिए परियोजना को तैयार किया जा रहा है। यहां बनाए जा रही एसटीपी का साफ पानी इस झील में छोड़ा जाएगा। कार्य पूरा होने के बाद पानी को स्टोर कर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी और वॉटर ट्रीटमेंट में भी फायदा होगा।

झील बनने से स्थानीय लोगों को गंदगी और असमाजिक तत्वों से मिला छुटकारा

जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली के तिमारपुर में 1940 के करीब अंग्रजों के जमाने के ट्रीटमेंट प्लांट हुआ करते थे। इन ऑक्सिडेशन पॉन्ड को गंदा पानी साफ करने के लिए प्रयोग किया जाता था। गंदे पानी को साफ करने का ये तरीका बहुत पुराना था, जिस कारण तिमारपुर की जमीन पर गंदा पानी जमा हो जाता था और बेहद बदबू भी आती थी। इसी वजह से यह प्लांट बंद किया गया। जिसके बाद पिछले कई सालों से लोगों ने साइट पर कूड़ा डालना शुरू कर दिया। ऐसे में यह जगह असामाजिक तत्व का अड्डा बन गई। यहां शाम होते ही शराबियों का डेरा लग जाता था। जिसके चलते स्थानीय लोग स्वयं को असुरक्षित महसूस करते थे। यहां लोगों के साथ आपराधिक घटनाएं भी होने लगी। गंदगी और असुरक्षा के चलते आसपास के लोग यहां लोग आना तक पसंद नहीं करते थे। इसे लेकर स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, जिसके बाद समस्या पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस जमीन पर झील विकसित करने का जिम्मा उठाया। इसके अलावा यहां प्राकृतिक एसटीपी भी बनाया जा रहा है। झील बनने से स्थानीय लोग बेहद खुश है। अब इलाके के लोगों को न केवल गंदगी से निजात मिली है, बल्कि जनता के लिए भी एक सुरक्षित स्थल बन गया है। यहां सभी वर्गों के लोगों के लिए तमाम सुविधाएं भी है। 

यहां हर वर्ग के लोगों को मिलेगी कई सुविधाएं

केजरीवाल सरकार की ओर से तिमारपुर झील को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यहां पर फूड कैफे ओपन एयर थियेटर बटरफ्लाई पार्क गैलरी ऑडिटोरियम जैसी तमाम सुविधाएं होगी। झील परिसर खुलने के बाद झील की सुंदरता के साथ ही यहां आने वाले लोग सेल्फी प्वाइंट सीटिंग एरिया की स्टेप प्लाजा म्यूजियम जैसी सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे। इसे सिग्नेचर ब्रिज से भी जोड़ा जा रहा है। झील से न केवल भूजल स्तर बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र में एक इकोसिस्टम का भी निर्माण होगा। साथ ही आसपास के इलाकों में पानी की कमी को पूरी किया जा सकेगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा की इस झील में सालभर साफ पानी भरा रहे। 

स्थानीय लोग बोलें- कभी गंदगी अंबार था, आज आकर्षण का केंद्र

निरीक्षण के दौरान साइट पर मौजूद वैभव कुमार ने बताया कि कुछ वर्षों पहले यह जमीन गंदगी से लबालब हुआ करती थी। यहां दिनभर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था। खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए यह जगह बेहद असुरक्षित थी। ऐसे माहौल को देखते हुए स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हमें झील की सौगात दी। जहां से पहले लोग गुजरना तक पसंद नहीं करते थे, अब इस खुबसुरत झील के जल्द से जल्द ओपन होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि यहां पर गर्मी के मौसम में सुकुन के पल तलाश पाएं। 

वहीं, निवासी गोविंद ने बताया कि पहले इस जमीन पर हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ था। ऐसे में स्थानी निवासी बदबू से परेशान थे। लोगों को डेंगू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों का भी डर सता रहा था। यहां शाम होते ही शराबियों का जमघट लग जाता था और आपसास के लोगों का रहना मुश्किल हो गया था। लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार ने यहां झील विकसित कर हमें बहुत बड़ा तोहफा दिया है। मैं केजरीवाल सरकार का दिल से शुक्रियादा करना चाहता हूं। अब यह झील हमारे लिए इलाके के सबसे स्वच्छ व सुरक्षित स्थानों में से एक है। 

रोजाना 15 से 20 मिलियन गैलन पानी होगा रिचार्ज

जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि तिमारपुर में झील परिसर के निर्माण के अलावा 5 एकड़ में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत तिमारपुर झील परिसर यह एसटीपी बनाया जा रहा है। इस प्लांट में हर रोज 25 एमएलडी पानी का शोधन किया जाएगा। इस प्लांट के शोधित पानी का इस्तेमाल झील को भरने और ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में किया जाएगा। तिमारपुर झील से रोजाना 15 से 20 मिलियन गैलन पानी रीचार्ज होने की संभावना है। 

उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार राजधानी दिल्ली में झीलों का जीर्णोद्धार और नव निर्माण कर ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में जुटी है। इस पहल से दिल्ली झीलों का शहर तो बनेगी ही साथ ही भूजल स्तर में भी सुधार होगा। दिल्ली में बन रही अलग अलग झील से आने वाले समय में राजधानी के पास पानी के अपने सोर्स भी होंगी। झीलों के आसपास पर्यावरण तंत्र को जीवंत करने के लिए देसी पौधे लगाए जा रहे है। साथ ही सभी जल निकायों को सुंदर रूप देने की दिशा में लगातार मेहनत की जा रही है।

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