EROS TIMES:छात्रों की गणित विषय में रूचि विकसित करने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट फॉर कंपटिटिव एक्जामिनेशस एंव एमिटी सेंटर फॉर साइंस ओलंपियाड द्वारा एमिटी विश्वविद्यालय में कक्षा 6 वी से 12 वी के छात्रों हेतु साप्ताहिक 22वें राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका आज समापन हो गया। इस कार्यशाला सें देश भर के विद्यालयो ंसे लगभग 300 छात्रों ने हिस्सा लिया। समापन समारोह में एनएसयूटी पूर्वी परिसर के निदेशक डा नरेन्द्र कुमार, एमिटी विद्यालय समूह की चेयरपरसन डा अमिता चौहान, डीआरडीओ के ठोसावस्था भौतिक प्रयोगशाला की निदेशक डा मीना मिश्रा, भारत सरकार के प्रिसिंपल साइंटफिक एडवाइजर कार्यालय के सलाहकार डा नीरज सिंन्हा, रितनंद बलवेद एजुकेशन फंाउडेशन के ट्रस्टी श्री अरूण चौहान और एमिटी इंस्टीटयूट फॉर कंपटिटिव एक्जामिनेशस की निदेशक श्रीमती मीनाक्षी रावल द्वारा प्रतिभागी छात्रों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम केे अंर्तगत नंवबर 2023 में आयोजित ग्लोबल टैलेंट सर्च एक्जामिनेशन में शामिल हजारो युवा प्रतिभागीयों में विेजताओं और एमिटी इंटरनेशनल ओलंपियाड के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
समापन समारोह में एनएसयूटी पूर्वी परिसर के निदेशक डा नरेन्द्र कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों के विकास हेतु इस प्रकार के राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड कार्यशाला में हिस्सा लेना समय की मांग है। यह आपके कक्षा के बाहर विज्ञान का ज्ञान प्राप्त करने के प्रति जूनून, दृढ निश्चियता को दर्शाता है। पिछले 7 दिवसीय इस कार्यशाला में आपको गणित के ज्ञान के अलावा अपनी नींव को मजबूत करने एवं कौशल विकसित करने का अवसर भी प्राप्त हुआ। गणित द्वारा समस्याओ के निवारण हेतु मॉडल विकसित करता है। इस डिजिटल विश्व में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी गणित जैसे विषय वास्तविक विश्व की समस्याओ को विकसित करने में सहायक सिद्ध हो रहे है। उन्होनें छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आगे बढ़ने के लिए सदैव प्रश्न पूछें और जीवन में असफलता, सफलता का एक भाग है क्योकी हर असफलता भी आपको कुछ ना कुछ सीखा जाती है। सफल होने के लिए केवल विषय में रूचि ही नही प्रतिबद्धता भी आवश्यक है।
एमिटी विद्यालय समूह की चेयरपरसन डा अमिता चौहान ने कहा कि 18 से 24 तक चलने वाली इस कार्यशाला में छात्रों ने गणित की बारिकियों का सीखा और आज समापन समारोह पर उन्हें वरिष्ठ वैज्ञानिकों एंव विशेषज्ञों से मिलने का मौका भी मिल रहा है। विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में वैज्ञानिकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है इसलिए हम छात्रों को शोध के लिए प्रोत्साहित करते है। अब तक हमारे एमिटी विद्यालय के छात्रों द्वारा लगभग 100 पेटेंट फाइल किये गये है और एमिटी के इस मिशन को पूर्ण करने में अभिभावक भी सहायकबन रहे हैै। हम छात्रांे को नये विचार या शोध करने के लिए प्रेरित करते है और एमिटी द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाती है।
डीआरडीओ के ठोसावस्था भौतिक प्रयोगशाला की निदेशक डा मीना मिश्रा ने कहा कि आज के छात्र कल के सुनहरे भारत का भविष्य है। डीआरडीओ, सेना सहित अन्य संस्थानों के लिए तकनीकी विकसित करने में सहायक है आज जहां हम है वहां कल आपमें से कई छात्र होगें। आप जो भी पढ़े उस कार्य के प्रति जूनून विकसित करें और हारने के भय को स्वंय से सदैव दूर रखे। जब आप कोई मिशन ठान लेते है तो 50 प्रतिशत कार्य स्वंत संपन्न हो जाता है। आज भारत में सेमीकंडक्टर, एआई और क्वंाटम के क्षेत्र में काफी कार्य हो रहा है क्योकी यह तकनीकी भविष्य की है जहंा बृहद खेल का मैदान है जो अवसरों से भरा है। एमिटी द्वारा विद्यालय स्तर पर छात्रों को प्रेरित करने के लिए संचालित किये जा रही कार्यो की जानकारी ने प्रभावित किया है।
भारत सरकार के प्रिसिंपल साइंटफिक एडवाइजर कार्यालय के सलाहकार डा नीरज सिंन्हा ने कहा कि एमिटी शिक्षा के साथ संस्कृति एंव मूल्यों का पोषण भी छात्रों में करता है। आज तक कोई भी देश बिना वैज्ञानिकों के प्रगति नही कर पाया है उदाहरण के तौर पर अमेरिका, जापान और कोरिया आदि। आज भारत भी नई प्रौद्योगिकीयों के सहारे नई उड़ान भर रहा है। उन्होनें छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि अपने को समझे, बड़ा पैकेज आपको विकसित नही करेगा बल्कि आपका ज्ञान एंव जूनून आपको विकसित करेगा। आपके ज्ञान के पीछे धन व यश का पैकेज स्वंय ही आ जायेगा।
कार्यशाला में प्रतिभागी छात्र के पिता श्री रवि वर्मा ने कहा, कार्यशाला के दौरान एमिटी के शिक्षकों द्वारा प्रदान की गई शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता से मैं पूरी तरह मंत्रमुग्ध था। इस कार्यशाला के माध्यम से, मेरी बेटी में अत्यधिक आत्मविश्वास और सीखने की महान योग्यता विकसित हुई है, इसलिए ज्ञान और सीख से भरपूर इस कार्यशाला में उसका नामांकन कराना हमारे द्वारा लिया गया सही निर्णय था।
गणित ओलंपियाड में भाग लेने के अपने उत्साह को साझा करते हुए अहलकॉन पब्लिक स्कूल की बारहवीं कक्षा की छात्रा वंशिका राव ने कहा इस कार्यशाला में भाग लेना मेरे लिए एक यादगार और समृद्ध अनुभव था। शिक्षकों द्वारा दिए गए निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन ने मुझे अपने कौशल और समस्या-समाधान क्षमताओं को निखारने में मदद की। एमिटी में अपने एक सप्ताह लंबे प्रवास के दौरान मैंने पाठ्येतर गतिविधियों और योग सत्रों का भी आनंद लिया।
इस अवसर पर एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी ग्रूप् वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिह आदि लोग उपस्थित थे।