EROS TIMES: गाजियाबाद,रविवार, को आर्य समाज अवंतिका का 17 वाँ दो दिवसीय भव्य वार्षिकोत्सव धूमधाम से सम्पन्न हुआ।दिल्ली प्रदेश से पधारे आचार्य डा वीरेन्द्र विक्रम के ब्रह्मत्व में पंचकुण्डीय महायज्ञ सम्पन्न हुआ, मुख्य यज्ञमान निधि तोमर एवं लव तोमर,नीलम वर्मा एवं पी एन वर्मा,नेहा एवं पीयूष रहे।यज्ञोप्रान्त यज्ञमानों को आशीर्वाद के पश्चात आचार्य जी ने परिवार की उन्नति में संस्कारित महिलाओं की भूमिका विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि महिला परिवार की आधारशिला होती है।वह अपने बच्चों को सुसंस्कारी बनाती,पालन पोषण करती है।अपने गुणों के प्रकाश से प्रकाशित मां के रूप में नारी का परमात्मा के बाद दूसरा नंबर है। मां प्रथम गुरु होती है। जैसे भावों से युक्त समस्त कार्यों में मां बच्चों के प्रति समर्पित होती है अन्य कोई नहीं। जीवन यज्ञ नारी के द्वारा पूर्ण होता है। उन्होंने आगे कहा कि “राष्ट्र की आजादी में आर्य समाज की महती भूमिका” विषय आयोजित करना इस बात का द्योतक है कि आर्य समाज राष्ट्र रक्षा के लिए चिंतित है। देश की आजादी के आंदोलन में सबसे ज्यादा जेल जाने वाले आर्य समाजी थे,अतः आर्य समाज के प्रत्येक कार्यकर्त्ता का कर्तव्य बन जाता है क्योंकि आर्य समाज राष्ट्र का सजग प्रहरी है।
मेरठ से पधारे सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक पंडित अजय आर्य, नरेश चन्द्र आर्य एवं साथी कलाकारों के आधुनिक साज बाज पर ईश्वर भक्ति एवं देश भक्ति के भजनों को सुनकर श्रोता झूम उठे।
समारोह के तेजस्वी युवा वक्ता पंडित गौतम खट्टर ने आयोजकों को सार्वजनिक स्थान पर कार्यक्रम करने हेतु साधुवाद देते हुए कहा कि आर्य समाज की वेदी पर विचार तर्क से ओतप्रोत होते हैं। स्वामी दयानन्द और सत्यार्थ प्रकाश से हजारों लोगों ने प्रेरणा लेकर जीवन बदले। उन्होंने कहा दयानंद के सन्देश को आम आदमी तक पहुंचाएं। वर्ण आश्रम व्यवस्था को लागू कर देश विश्वगुरु के गौरव को प्राप्त होगा,हम दयानंद के उपकारों को भुला नहीं सकते वह नए युग का सूत्रपात करके गए हैं,वह सम्पूर्ण क्रांति के पुरोधा थे। स्वामी दयानंद ने कहा था विदेशी राजा कितना ही अच्छा क्यों ना हो लेकिन स्वदेशी राजा से अच्छा नहीं हो सकता।
कु.प्रिया बंसल,कशा सिंघल, किमाया सिंघल,अथर्व तोमर एवं आर्य समाज द्वारा निर्धन बच्चों हेतु निःशुल्क संचालित दयानन्द विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा मंत्रों एवं भजनों का प्रस्तुतिकरण आकर्षण का केन्द्र रहे।
डॉ. प्रतिभा सिंघल ने कहा कि हमें राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र की रक्षा का संकल्प लेना होगा।आज समाज में अनेकों समस्याएं सिर उठा रही हैं जिसका समाधान केवल आर्य समाज के पास हैं।
सभा अध्यक्ष कृष्ण शास्त्री ने कहा कि राष्ट्र की स्वतंत्रता में क्यों आर्य समाज को मूलभूत मानते हैं? क्योंकि राष्ट्र की चिंता आर्य समाज करता है। ईश्वर की आज्ञा है कि यह भूमि मेरी माता है और मैं इसका पुत्र हूं और आर्य समाज का प्रत्येक व्यक्ति इससे ओतप्रोत है। संसार की प्रत्येक समस्या का हाल सत्यार्थ प्रकाश में है। वेद का सिद्धांत सार्वदेशिक,सार्वकालिक और सार्वभौमिक है। हमारा कर्तव्य और मंतव्य एक होने चाहिएं। राष्ट्र की रक्षा का उपाय केवल आर्य समाज के पास है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को आर्य समाज से जोड़ना पड़ेगा।
समारोह में चौधरी सत्यवीर, पार्षद मनोज त्यागी,आचार्य देव शर्मा,कृपाल सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे।
मंच का कुशल सञ्चालन प्रधान वेद प्रकाश तोमर ने किया उन्होंने दूर दराज से पधारे श्रोताओं एवं आर्य प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से श्रद्धानंद शर्मा, सुभाष गर्ग, तेज पाल, स्वदेशी आयुर्वेद के निर्देशक डॉ. आर के आर्य,चौधरी मंगल सिंह, सुभाष शर्मा, वीके धामा, ज्ञान बोध, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण आर्य, नरेन्द्र पांचाल, मंगल सिंह चौधरी, सत्यपाल आर्य, ज्ञान प्रभा बंसल, सुमन जिंदल, रेखा गर्ग, सुरेन्द्र सिंह एवं डॉ. प्रमोद सक्सैना आदि उपस्थित रहे।
शांतिपाठ, खिचड़ी एवं कम्बल वितरण के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।