समाजसेवी रंजन तोमर की आरटीआई से मिली जानकारी
नॉएडा : वर्ष 2022 में कुल 32 हाथियों की मृत्यु विभिन्न कारणों से देश में हुई , यह जानकारी नॉएडा के समाजसेवी श्री रंजन तोमर को वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा एक आरटीआई के माध्यम से दी गई है , इस दौरान कुल 9 हाथियों का शिकार भी देश पर में हुआ है।
झारखण्ड में सबसे ज़्यादा मृत्यु और शिकार भी
झारखण्ड राज्य में सबसे ज़्यादा मृत्यु जिसकी संख्या 14 है और सबसे ज़्यादा ही शिकार जिसकी संख्या 4 है हुई , इससे भी शर्म की बात यह है की यहाँ एक भी शिकारी गिरफ्तार नहीं हो पाया, और झारखण्ड में हाथियों की जनसंख्या देश में आठवे नंबर पर आती है , इसके बाद नंबर आता है उत्तराखंड का जहाँ 7 हाथियों की मृत्यु हुई और एक का शिकार हुआ , तीसरे नंबर पर उड़ीसा रहा जहाँ 6 हाथियों की मृत्यु हुई और 3 की हत्या , यहाँ अच्छी बात यह रही के 8 शिकारियों की गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा तमिल नाडु में 2 , कर्णाटक, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 1 -1 हाथी का शिकार हुआ। उत्तर प्रदेश में एक हाथी का शिकार हुआ।
समाजसेवी और सरकार की मुहीम रंग लाई , पिछले दस वर्षों में सबसे कम हुए शिकार
गौरतलब है की पिछले वर्ष 2021 में रंजन तोमर की आरटीआई से यह जानकारी सामने आई थी की उस वर्ष 49 हाथियों का शिकार हुआ था , और उससे पहले दस वर्ष की जानकारी भी श्री तोमर ने आरटीआई के माध्यम से उजागर की थी , जिसमें औसतन 42 हाथी प्रति वर्ष मारे जा रहे थे , लेकिन समाजसेवी की मुहीम , मंत्रालय को लिखे पत्रों , मीडिया का साथ और सरकार के प्रयासों से यह नंबर बेहद कम हुए हैं , झारखण्ड को छोड़कर अन्य राज्यों ने अच्छी मेहनत की है। ऐसे में कहीं न कहीं पर्यावरणविदों के चेहरे खिलेंगे।