कुंभ मेला : कुंभ पर्व हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण महापर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं। इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष इस पर्व का आयोजन किया जाता है। हरिद्वार और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच लगभव छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है। 2013 का कुम्भ प्रयाग में मनाया गया था।
खगोल गणनाओं के अनुसार यह मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा, वृश्चिक राशी में और वृहस्पति, जब मेष राशी में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के होने वाले इस योग को “कुम्भ स्नान-योग” भी कहते हैं और इस दिन को विशेष मंगलिक माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार इस दिन खुलते हैं और इस प्रकार इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से हो जाती है। यहाँ स्नान करना साक्षात स्वर्ग दर्शन से माना जाता है।
आपको जानकर ये भी आश्चर्य होगा कि कुम्भ मेला हमारे स्पेस से भी दिखाई देता है।जब हम स्पेस से अपनी पृथ्वी की तरफ देखते हैं तो हमें कुंभ मेले की तस्वीर दिखाई देती है।