राजधानी को झीलों का शहर बनाने में जुटी केजरीवाल सरकार हैदरपुर डब्ल्यूटीपी के परिसर में 2.2 एकड़ जमीन पर बनेगी कृत्रिम झील
कृत्रिम झील बनने से हैदरपुर डब्ल्यूटीपी की विभिन्न इकाइयों से रिसने वाले साफ पानी को स्टोर करने में मिलेगी मदद, भूजल स्तर में होगा सुधार
कृत्रिम झील के जरिए 80 लाख लीटर पानी रोजाना किया जा सकेगा रिचार्ज आसपास की आबोहवा होगी साफ
झील का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोलने पर भी विचार करेगी केजरीवाल सरकार ताकि पर्यटक यहां पर गर्मी से राहत के साथ सुकून के पल तलाश पाएं
Eros Times: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को ‘झीलों का शहर’ बनाने के अरविंद केजरीवाल के विजन को साकार करने के लिए दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। दिल्ली की झीलों को पुनर्जीवित कर उन्हें आकर्षक पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जा रहा है। इसी कड़ी में अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए दिल्ली जल बोर्ड हैदरपुर डब्ल्यूटीपी के परिसर में 2.2 एकड़ जमीन पर कृत्रिम झील बनाने जा रही है। यह झील करीब 53000 क्यूएम यानी 1.1 एमजी की धारण क्षमता के साथ 6 मीटर गहरी होगी। झील के जरिए हैदरपुर डब्ल्यूटीपी की विभिन्न इकाइयों से रिसने वाले साफ पानी को स्टोर करने में मदद मिलेगी, जिससे साफ पानी को मजबूरन नालों में व्यर्थ नहीं बहाना पड़ेगा। इस कृत्रिम झील से करीब 80 लाख लीटर पानी रोजाना रिचार्ज किया जा सकेगा। करीब 6 करोड़ रूपए की लागत वाली इस परियोजना का निर्माण कार्य 6 माह में पूरा किया जाएगा।
झील के निर्माण से पानी को स्टोर कर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मिलेगी मदद
हैदरपुर डब्ल्यूटीपी करीब 100 एकड़ जमीन में फैला हुआ है इसमें 16 एमजीडी का रीसाइक्लिंग प्लांट है। हैदरपुर डब्ल्यूटीपी 216 एमजीडी की क्षमता के मुकाबले करीब 240 एमजीडी पीने के पानी का प्रोडक्शन करता है। वर्तमान में यहां पर अतिरिक्त पानी किसी भी कारणवश या टेक्नीकल क्लिच के चलते नालों में बह जाता है। पानी के व्यर्थ बहाव को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार हैदरपुर डब्ल्यूटीपी के परिसर के अंदर 2.2 एकड़ पर एक कृत्रिम झील बनाएगी। जहां टेक्नीकल क्लिच यानी कई बार पाइप फटने रिपेयर वर्क और फ्लो मीटर लगाने के दौरान पंप हाउस से जुड़ी समस्याओं के दौरान किसी भी वजह से डब्ल्यूटीपी का प्रोडक्शन कम करना पड़ता था या फिर मजबूरन साफ पानी को बहाना पड़ता था। लेकिन झील के निर्माण के बाद नालों की बजाय डायरेक्ट झील में पानी को डायवर्ट किया जाएगा। इससे पानी को स्टोर कर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी। साथ ही हैदपुर में मौजूदा 33 ट्यूबवेल की वॉटर क्वॉलिटी बेहतर होगी और उनकी लाइफ भी बढ़ेगी।
दिल्ली के अन्य डब्ल्यूटीपी में भी केजरीवाल सरकार करेगी कृत्रिम झीलों का निर्माण
हैदरपुर डब्ल्यूटीपी के परिसर में बनने वाली यह कृत्रिम झील पेड़- पौधों और पक्षियों की कई प्रजातियों के लिए आशियाना बनेगी। झीलों से आसपास की आबोहवा भी साफ होगी। इससे महानगर की बढ़ती आबादी के लिए पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के अलावा गर्मी के चरम के दौरान तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी। झील का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोलने पर भी केजरीवाल सरकार विचार करेगी। ताकि आसपास के लोग व पर्यटक यहां पर गर्मी से राहत के साथ सुकून के पल तलाश पाएं। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अन्य डब्ल्यूटीपी में भी इस तरह की कृत्रिम झीलों का निर्माण करने का फैसला लिया है, ताकि व्यर्थ बहते पानी का बचाव किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार का विजन दिल्ली को झीलों का शहर बनाना है। इसी विजन को साकार करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दिल्ली में झीलों का जिर्णोद्धार और नव निर्माण कर ग्राउंड वाटर को रिचार्ज किया जा रहा है। ये झीलें दिल्ली के गिरते भूजल स्तर में सुधार लाने में भी मददगार साबित होगी। साथ ही कार्बन भंडारण के लिए एक सिंक के रूप में भी काम करेगी। इसके अलावा ये झीलें पौधों, पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों का आशियाना बनेगी। इससे महानगर की बढ़ती आबादी के लिए पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के अलावा गर्मी के चरम के दौरान तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी। झीलों के आसपास के क्षेत्र में लगाए गए पीजोमीटर यह बताएंगे कि भूजल का स्तर कितना बढ़ा है। झीलों के निर्माण व कायाकल्प से क्षेत्र में एक इकोसिस्टम का भी निर्माण होगा।