वॉशिंगटन, इरोस टाइम्स: ISIS और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठन ऐसे बम डेवलप कर रहे हैं, जो कि लैपटॉप जैसी डिवाइस में भी फिट हो सकते हैं। हम आपको बता दें की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये लैपटॉप बम एयरपोर्ट पर सिक्युरिटी स्कैनर्स को भी मात दे सकते हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया, “हो सकता है कि इस खतरे को देखते हुए अमेरिका और ब्रिटेन ने 8 मुस्लिम देशों के एअर ट्रैवलर्स के बड़ी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर यात्रा करने पर बैन लगाने जैसा कदम उठाया। “एयरपोर्ट स्कैनर के जरिए हो रहा है टेस्ट…
– इंटेलिजेंट्स रिपोर्ट के मुताबिक, “टेरर ग्रुप्स ने एयरपोर्ट स्कैनर हासिल कर लिए हैं और इन्हीं के जरिए वो लैपटॉप बम का टेस्ट कर रहे हैं।”
– “लैपटॉप या ऐसी दूसरी डिवाइस में बम होने के खतरे को देखते हुए US और UK ने 8 मुस्लिम देशों के 10 एयरपोर्ट्स से आने वाले पैसेंजर्स को प्लेन में बड़ी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर चलने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है।”
कमर्शियल एविएशन को टारगेट कर रहे टेररिस्ट
– होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट के एक बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें डिपार्टमेंट ने कहा था, “पॉलिसी मैटर होने के नाते हम ऐसी खुफिया जानकारी पर चर्चा नहीं करते। लेकिन, रिपोर्ट्स से पता चला कि इलेक्ट्रॉनिक्स में एक्सप्लोसिव डिवाइस स्मगल करने के लिए टेररिस्ट ग्रुप कमर्शियल एविएशन को टारगेट कर रहे हैं।”
लगातार मजबूत हो रहा है सिक्युरिटी सिस्टम
– “अमेरिकी सरकार लगातार पुरानी इन्फॉर्मेशन का रिव्यू कर रही है और नई इन्फॉर्मेशन इकट्ठा कर रही है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्युरिटी (DHS) और ट्रांसपोर्ट सिक्युरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (TSA) लगातार अपने सिक्युरिटी प्रॉसेस और पॉलिसीज का मूल्यांकन कर रहे हैं। यात्रियों को सेफ रखने के लिए इसमें इजाफा किया जा रहा है। सिक्युरिटी को मजबूत करने के लिए हम कई सुरक्षा घेरे बना रहे हैं, इनमें विजिबल और हिडेन सिक्युरिटी लेयर्स शामिल हैं।”
– कुछ US ऑफिशयल ने CNN को बताया कि “टेरर ग्रुप्स की प्लेन में बम पहुंचाने की क्षमता कितनी है? इस सवाल को लेकर मिलिट्री और इंटेलिजेंस के लोगों में पिछले कुछ महीनों से चिंता बढ़ती जा रही है। अलकायदा और ISIS के बारे में कुछ खास खुफिया जानकारी को हासिल करने की कोशिश की जा रही है।”
FBI एक्सपर्ट्स भी कर रहे हैं बम की टेस्टिंग
– CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, “FBI एक्सपर्ट भी कई तरह के लैपटॉप बम, अलग-अलग तरह की बैट्री और एक्सप्लोसिव्स का टेस्ट कर रहे हैं, ताकि ये पता लगाया जा सके कि एयरपोर्ट स्कैनर पर इनका पता लगाना कितना मुश्किल हो सकता है।”
– बता दें कि 21 मार्च से जॉर्डन, कतर, कुवैत, मोरक्को, यूएई, सऊदी अरब, इजिप्ट और तुर्की से अमेरिका आने वाली फ्लाइट्स में इलेक्ट्रॉनिक आईटम्स को बैन कर दिया गया है।