मुंबई, इरोस टाइम्स: अब महाराष्ट्र समेत हरियाणा और पंजाब के बाद उत्तर प्रदेश में किसानों के कर्ज माफी की गूंज सुनाई देने लगी है। महाराष्ट्र में काफी समय से कर्ज माफी की मांग कर रही शिवसेना ने अब इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यूपी में किसानों का कर्ज माफ करने के लिए जहां याेगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की वहीं महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी योगी की राह पर चलने की मांग भी करी। उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्ज माफ कर यह साबित कर दिया कि यह महज चुनाव प्रचार के दौरान कहा जाने वाला जुमला नहीं है। ठाकरे ने राज्य के सीएम देवेंद्र फडणवीस से अपील की है कि वह भी यूपी के सीएम की राह पर चलते हुए राज्य में किसानों के कर्ज को माफ करें।
# हरियाणा में भी उठ रही मांगें…
वहीं भाजपा शासित हरियाणा में भी इंडियन नेशनल लोकदल समेत किसान संगठनों द्वारा कर्ज माफी को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बनाना शुरू कर दिया है। किसान संगठनों का कहना है कि यूपी की तरह हरियाणा में भी किसानाें के कर्ज माफ होने चाहिए। आपको बता दे कि वर्तमान समय में हरियाणा में करीब साढ़े 16 लाख किसान हैं। इनमें से करीब 15 लाख कर्ज के बोझ तले दबे अभी भी दबे हुए हैं।
# अब पंजाब भी पीछे नहीं है…
पंजाब में भी यूपी सरकार के इस बड़े फैसले की गूंज सुनाई दे रही है। वहीँ शिरोमणि अकाली दल ने यूपी सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए पंजाब की केप्टन सरकार से भी इस तरह के कदम उठाने की मांग कर डाली है। पार्टी के सचिव और प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता पूरी की और इस फैसले की तारीफ की जानी चाहिए।
# यूपी में किसानों का लगभग 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ
गौरतलब है कि यूपी सरकार के मुखिया ने पहली केबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की थी। यूपी में कुल दो करोड़ 30 लाख किसान हैं, जिनमें दो करोड़ 15 लाख लघु और सीमांत किसान हैं। सरकार के फैसले के मुताबिक प्रदेश के दो करोड़ से अधिक लघु और सीमांत किसानों को फायदा देते हुए उनका एक लाख रुपये तक का कर्जा माफ कर दिया गया है। इस तरह से राज्य के किसानों का करीब 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया है। यूपी सरकार के इस फैसले से प्रदेश के राजकोष पर करीब 36,359 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।