0 दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली प्रोफेश्नल कांग्रेस दिल्ली के बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर एक श्वेत पत्र जारी करेगी
0 भाजपा की केन्द्र सरकार तथा दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने न तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन किया है और न ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर बनाए गए ग्रेडेड एक्शन प्लान को दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए लागू किया है।
0 दिल्ली कांग्रेस वकीलों के साथ मिलकर केन्द्र सरकार द्वारा वकीलों को जीएसटी के दायरे में लाने तथा दिल्ली सरकार द्वारा वकीलों से उनके दफ्तरों पर बिजली की व्यवसायिक दरों से बिजली का बिल वसूलने के खिलाफ 22 नवम्बर 2017 को राजघाट पर शांतिपूर्ण धरना देंगे।
0 अजय माकन ने केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री रहते हुए 2021 के मास्टर प्लान में वकीलों को प्रोफेश्नल की परिभाषा में सम्मलित किया था ताकि वकीलों से व्यवसायिक दरों पर हाउस टैक्स व बिजली के बिल न वसूले जाए।
नई दिल्ली/EROS TIMES : 10 नवम्बर, 2017 — दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन के नेतृत्व में वकीलों की बैठक हुई थी जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा वकीलों को जीएसटी के दायरे में लाने तथा दिल्ली सरकार द्वारा वकीलों से उनके दफ्तरों पर बिजली की व्यवसायिक दरों से बिजली का बिल वसूलने को लेकर चर्चा की गई तथा वकीलों के इन दोनो मुद्दों पर रोष प्रकट करने के लिए राजघाट पर शांतिपूर्वक धरना करने का निर्णय भी लिया गया।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री चतर सिंह, दिल्ली प्रोफेश्नल कांग्रेस चैयरमेन श्री अमर पंवार, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, लीगल विभाग के पूर्व सचिव के.सी. मित्तल ने सम्बोधित किया तथा प्रदेश प्रवक्ता पूजा बाहरी, एडवोकेट सुनील कुमार, दिनेश कुमार एडवोकेट तथा सरफराज अहमद सिद्दकी एडवोकेट भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे।
प्रोफेश्नल कांग्रेस चैयरमेन अमर पंवार ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने सोमवार से जो ऑड-इवन चालू करने की घोषणा बिना जमीनी तैयारी के की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हैल्थी लिमिट से 10-12 बढ़ा हुआ है। जिसके लिए भाजपा की केन्द्र सरकार तथा आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार दोनो जिम्मेदार है।
अमन पंवार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार तथा दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने न तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन किया है और न ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर बनाए गए ग्रेडेड एक्शन प्लान को दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए लागू किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 8 अक्टूबर और 8 नवम्बर के बीच 8 बार प्रदूषण का स्तर खराब स्तर पर रहा, 21 बार यह बहुत खराब स्तर पर रहा और एक बार आपातकालीन स्तर पर पहुचा।
अमन पंवार ने कहा कि दिल्ली प्रोफेश्नल कांग्रेस ने एक कोर कमेटी का गठन किया है जो कि दिल्ली में प्रदूषण की भयावह स्थिति को लेकर एक सप्ताह में श्वेत पत्र तैयार करेगी तथा इस श्वेत पत्र को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन के द्वारा केन्द्र व दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली के वायु प्रदूषण को खत्म करने के सुझावों को लागू करने के लिए दबाव बनाऐगी।
पंवार ने कहा कि दिल्ली सरकार के एक सप्ताह के ऑड-इवन का प्रभाव बहुत अच्छा होता यदि दिल्ली परिवहन व्यवस्था दुरस्त होती। उन्होंने कहा कि मेट्रो पर होने वाली पार्किंग का शुल्क कई गुणा बढ़ा दिया गया है जिसके कारण लोग मेट्रो की सेवाएं न लेकर अपने वाहनों से चलेंगे। उन्होंने कहा कि यदि मेट्रो के किराए कम कर दिए जाए और ज्यादा से ज्यादा नई डीटीसी की बसे चलाई जाए तो ऑड-इवन सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है तब से डीटीसी की बसों में भारी गिरावट आई है।
अमन पंवार ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब 2012-13 में दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी उस समय डीटीसी के बेड़े में 5445 बसें थी जो कि जनवरी 2016 में घटकर 4461 रह गईं और जून 2017 में 3951बसें ही रह गई। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 2012-13 में डीटीसी की प्रतिदिन की कमाई 3.17 करोड़ थी जो कि जनवरी 2016 में 2.46 करोड़ रह गई और जून 2017 में तो यह कमाई 1.88 करोड़ ही रह गई। उन्होंने कहा कि हम डीटीसी से चलने वाले यात्रियों की बात करे तो 2012-13 में कांग्रेस के समय जहां यह संख्या 46.77 लाख थी वहीं जनवरी 2016 में यह संख्या 43.09 लाख और जून 2017 में केवल 25.81लाख रह गई जबकि ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले दो वर्षों में दिल्ली की जनसंख्या कई लाख बढ़ी है।
अ0भ0कां0क0 लीगल विभाग के पूर्व सचिव के.सी. मित्तल ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन के नेतृत्व में वकीलों द्वारा 22 नवम्बर 2017को सायं 4 बजे राजघाट पर शांतिपूर्ण धरना आयोजित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने डाक्टरों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है इसलिए वकालत को भी नोबल प्रोफेशन माना जाता है इसलिए वकालत के पेशे को भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। दूसरी ओर श्री अजय माकन ने केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री रहते हुए 2021 के मास्टर प्लान में वकीलों को प्रोफेश्नल की परिभाषा में सम्मलित किया था ताकि वकीलों से उनके कार्यालयों पर व्यवसायिक दरों पर हाउस टैक्स व बिजली के बिल न वसूले जाए।