
नई दिल्ली/EROS TIMES : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने युवाओं को देश के इतिहास से परिचित कराने का आह्वान करते हुए आज कहा कि देश की नींव पर सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण होता है। राष्ट्रपति ने यहां भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित देश भक्ति की 43वीं अखिल भारतीय राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि देशभक्त नागरिकों की सुदृढ़ नींव पर सशक्त और एकजुट राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र भक्ति की भावना जाग्रत रखने के लिए यह आवश्यक है कि भविष्य की पीढियों से संवाद बनाये रखा जाए।
राष्ट्रपति ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और प्रतियोगिता में भाग लेने वाले तकरीबन पांच लाख बच्चों की सराहना की। राष्ट्रपति ने भारत विकास परिषद की भी लगातार 50 वर्ष तक इस तरह का आयोजन करने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरीके से परिषद ने देशभक्ति की भावना को बनाये रखा है।
समूह गान प्रतियोगिता में देशभर में विभिन्न भाषाओं और बोलियां के गीत पेश किए गए। पूरे वर्ष चली इस प्रतियोगिता में 50 हजार विद्यालयों के पांच लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में पंजाब से फजिल्का का राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, उत्तरप्रदेश से गाजियाबाद का सुशीला इंटर कॉलेज, ओड़िसा से कलिंग का दिल्ली पब्लिक स्कूल, छत्तीसगढ से बिलासपुर का दिल्ली पब्लिक स्कूल और महाराष्ट्र से रायगढ़ का डीएवी पब्लिक स्कूल, मणिपुर से इंफाल का शेशांक शेतम शांगलेन स्कूल, तमिलनाडु से चेन्नई का डीएवी स्कूल और पुद्दूचेरी का डीएवी स्कूल शामिल हैं। श्री कोविंद ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही पूरे विश्व को गणित, विज्ञान, कला और साहित्य के क्षेत्रों में योगदान देता रहा है।
युवा पीढ़ी को इतिहास के गौरवशाली बिन्दुओं से परिचित कराया जाना चाहिए। ऐसे प्रयासों से युवा पीढ़ी में राष्ट्र-गौरव और आत्म-विश्वास की भावना और अधिक मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ, नैतिकता को युवाओं के जीवन का आधार बनाना जरूरी है। शिक्षित होने के लिए केवल ज्ञान प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि शिक्षा का असली उद्देश्य अच्छे और नैतिक व्यक्तित्व का निर्माण करना है, जो समाज और देश के लिए अपना योगदान दे सके।
राष्ट्रपति ने परिषद के सामाजिक कल्याण के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्वच्छता, स्वास्थ्य, और पर्यावरण के क्षेत्रों में लोग अपनी जिम्मेदारी समझाने का और उसके अनुसार अमल भी करने का अभियान भी चलाना चाहिए। इन सभी प्रयासों में सफल होने के लिए लोगों को प्रेरित करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को प्रेरित करने के लिए देश-प्रेम से ओत-प्रोत झंडा-गीत की शक्ति का उपयोग किया जा सकता है। भाषण के अंत राष्ट्रपति ने झंडा गीत विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा३३ गाते हुए सभी से साथ देने का आग्रह भी किया।