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दिल्ली, इरोस टाइम्स: दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्मप्रकाश के 99वें जन्म दिवस के अवसर पर विधान सभा में आयोजित समारोह में आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अगुवाई में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई। दिल्ली विधान सभा परिसर स्थित चौधरी ब्रह्मप्रकाश की प्रतिमा पर केजरीवाल ने पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। विधान सभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, दिल्ली सरकार के ऊर्जा एवं स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, कला एवं संस्कृति, भाषा एवं जल मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, कई विधायकों एवं चौधरी ब्रह्मप्रकाश के जयेष्ठ पुत्र सुरेश चैधरी, उनके परिजनों, अनेक स्वतंत्रता सेनानियों और समाजसेवियों ने भी चौधरी ब्रह्मप्रकाश के जयेष्ठ पुत्र ने भी पुप्ष अर्पित किए।
केजरीवाल ने इस अवसर पर चौधरी ब्रह्मप्रकाश को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि चौधरी साहब ने आजीवन गरीबों, पिछड़ों और वंचितों की आवाज को बुलंदी दी और सत्याग्रह व आंदोलनों के माध्यम से उनके हक की लड़ाई लड़ी। उन्होंने दिल्ली को महा दिल्ली बनाने का सपना देखा था। दिल्ली की सीमा से लगे राज्यों के कुछ हिस्सों को मिलाकर महादिल्ली बनाने और उसे एक सशक्त और मजबूत राज्य बनाने के लिए वे संघर्ष करते रहे। लेकिन स्टेट्स रिआॅर्गेनाईजेशन कमीशन की उलट रिपोर्ट के चलते उनका यह सपना साकार न हो सका।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को एक विकसित एवं सशक्त राज्य बनाने के उनके सपने को साकार करने के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध और इस दिशा में तेजी से कार्यरत है।
केजरीवाल ने कहा कि 16 जून 1918 को कीनिया की राजधानी नैरोबी में जन्मे दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्मप्रकाश ने आजादी के आंदोलन में अपनी अग्रणी भूमिका निभाते हुए दिल्ली के किसानों, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यक समुदाय व बंचित लोगों की आवाज को बुलंदी दी। उनकी समस्याओं को गांव और खेत-खलिहानों से उठाकर सत्याग्रह और आंदोलनों के माध्यम से सरकार के समक्ष पहुंचाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया।
उन्होंने कहा कि चौधरी ब्रह्मप्रकाश पंचायती राज प्रथा के प्रवल समर्थक थे और अखिल भारतीय पंचायत परिषद् के कई वर्षों तक सदस्य रहे। सहकारिता आंदोलन के प्रवर्तक के रूप में चौधरी साहब पूरे देश में चर्चित माने जाने वाले नेता थे। सहकारिता उनका विश्वास, चिंतन, संकल्प और कर्मक्षेत्र था। सहकारिता के मुख्य सिद्धांत को उन्होंने कार्यरूप दिया और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक सहकारी समितियों और संघ आदि संगठनों के वे प्रेरणाश्रोत रहे।
केजरीवाल ने कहा कि चौधरी ब्रह्मप्रकाश की स्मृति को अक्षुण्य बनाये रखने के लिए दिल्ली सरकार ने चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वैदिक संस्थान, खेड़ा डाबर में उनकी आदमकद प्रतिमा लगायी है।
इस अवसर पर दिल्ली विधान सभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने चौधरी ब्रह्मप्रकाश को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे एक जुझारू राजनेता थे और दिल्ली के विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहे। गोयल ने कहा कि 2018 को चौधरी ब्रह्मप्रकाश की जन्मशती के रूप में मनाया जाएगा।