EROS TIMES: नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भ्रष्टाचार और निकम्मे शासन से दिल्ली को बर्बाद करने वाली आम आदमी पार्टी के खिलाफ लोगों का गुस्सा उजागर हो चुकी है और अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही हार मान ली है। जिसके कारण आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की दूसरी सूची में 20 उम्मीदवारों की घोषणा में 13 मौजूदा विधायकों की टिकट काट दी है। जबकि पहले घोषित 11 उम्मीदवारों में भी 6 बाहरी दूसरे दलों के उम्मीदवार शामिल थे।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि एंटी एन्कम्बेंसी के चलते अपनी हार के डर के कारण आम आदमी पार्टी मौजूदा विधायकों की टिकट काटकर दूसरे दलों से आए बागी नेताओं पर दाव खेलना चाहती है, जबकि जनता ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मिली जानकारी के आधार के पर मैंने कहा था कि हार डर केजरीवाल तक को सता रहा है इसलिए इनके बड़े नेता सीट बदलने की तैयारी में है जिसका खुलासा आज मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से उम्मीदवार बनाने पर हो चुका है। मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में जेल जाने वाले प्रथम आरोपी थे।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि इमानदारी का ढ़ोल पीटने वाले अरविन्द केजरीवाल और उनके नेता भ्रष्टचार के आंकठ में डूबे हुए है और उनको हार का डर सताने लगा है जिसके कारण केजरीवाल ने 31 में से 16 मौजूदा विधायकों की टिकटें काट दी हैं। चुनाव से पहले केजरीवाल की घबराहट उनकी हार का प्रमाण है क्योंकि जनता के बीच जनता की समस्याओं पर चर्चा के दौरान उन्हें जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जनता के विरोध के डर की वजह से अरविन्द केजरीवाल स्वयं अपनी विधानसभा सीट बदलने की फिराक में है, यह बड़ा प्रश्न है केजरीवाल की विश्वसनीयता और जन प्रतिनिधि का दायित्व निभाने पर।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल, जो भ्रष्टाचार मुक्त, स्वच्छ और पारदर्शी सरकार का वादा करके सत्ता में आए थे आज भ्रष्टाचार और कुशासन, अपना घड़ा भरने के लिए आप नेताओं के बेटों और रिश्तेदारों को टिकट देकर भ्रष्टाचारियों को मैदान में उतार रहे है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि अपनी एक महीने की दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान दिल्ली की दुखी और पीड़ित जनता की आंखों में मैंने भ्रष्ट केजरीवाल सरकार के खिलाफ नाराजगी और गुस्से को स्पष्ट देखा है जिसकी चर्चा हजारों लोगों ने मुझसे अपने दुख, दर्द और पीड़ा साझा करके की है। दिल्ली की जनता के सामने कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है, जो फिर से दिल्ली को विकास की डगर पर ला सकर विकसित शहरों की पंक्ति में खड़ा कर सकती है। आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों ने भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है, जिनकी सच्चाई दिल्ली की जनता के सामने उजागर हो चुकी है।