Eros Times: छात्रों को हॉर्टिकल्चर या बागवानी के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधानों की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ ऑरगेनिक एग्रीकल्चर और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ हॉर्टिकल्चर स्टडीज एंड रिसर्च के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘ बागवानी अनुसंधान में हालिया प्रगति 2024’’(आईसीआरएएचओआर) पर दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एडीजी (बागवानी) डा सुधाकर पांडे, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक द्वारा किया गया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एडीजी (बागवानी) डा सुधाकर पांडे ने संबोधित करते हुए कहा कि सम्मेलन द्वारा बागवानी क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान की प्राप्त जानकारी छात्रों एवं प्रतिभागियों के लिए लाभप्रद होगी। कृषि में वांछित विकास के लिए बागवानी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान मेे बागवानी में प्रौद्योगिक आधारित विकास कार्यक्रम पर मिशन के रूप में कार्य करना होगा। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से लेकर कीट जैसी समस्यों की चुनौतियों से निपटने के लिए शोधार्थियो और छात्रों को स्थायी समाधान हेतु अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रीत करना चाहिए।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत का बागवानी क्षेत्र, कृषि क्षेत्र की तुलना में कम महत्वपूर्ण नही है और बागवानी क्षेत्र आज देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डा चौहान ने स्न 2047 तक भारत को बागवानी महाशक्ति के रूप में आगे बढ़ाने की दृष्टि से महत्वकांक्षी ‘‘मिशन बागवानी’’ की घोषणा भी कीं।
एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा किएमिटी मे ंहम छात्रों को इस प्रकार के सम्मेलनों से विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करके अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित करते है।
एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक ने बताया कि इस दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में देश से 100 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है जिसमें 60 से अधिक मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियां, 11 मुख्य भाषण और यूएसए, स्पेन, नार्वे आदि देशों के 10 बागवानी विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कृषि जागरण के संस्थापक श्री एम सी डॉमिनिक, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ ऑरगेनिक एग्रीकल्चर की संयुक्त समन्वय डा संगीता पांडेय भी उपस्थित थी।