वॉशिंगटन:EROS TIMES: ब्रिटेन की पॉलिटिकल कंसल्टिंग फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका से डेटा शेयर करने के मामले में फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस की दो सीनेट कमेटी के ज्वाइंट सेशन में पेश हुए।
डेटा शेयर को लेकर माफी मांगी। साथ ही उन्होंने भारत में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के बारे में कहा कि वे कोशिश करेंगे कि इसमें पूरी सावधानी बरतेंगे। जकरबर्ग ने समिति के सामने डेटा लीक रोकने को लेकर अपनी तैयारी और उठाए जाने वाले कदमों की भी जानकारी दी।
सीनेटर ने जकरबर्ग से पूछे सवाल
सीनेटर सीन जॉन थुन, रिपब्लिकन, साउथ डिकोटा: क्या आप राजनीतिक भाषणों की हर तरह से सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं?
जकरबर्ग: अगर खतरा है तो हम ऐसा करने को तैयार हैं। मैं नहीं चाहता कि राजनीतिक विचारधारा से जुड़े कंटेंट पर हमारी कंपनी का कोई शख्स फैसला ले।
डैन सुलीवान, रिपब्लिकन, अलास्का: क्या फेसबुक और खुद आप बहुत पावरफुल हैं?
जकरबर्ग: ने कोई जवाब नहीं दिया।
क्रिस कून्स, डेमोक्रेट, डेलावेयर: क्या यह फेसबुक का काम नहीं है कि वह अपने यूजर्स की हिफाजत करे। आप यूजर्स को यह जिम्मेदारी क्यों नहीं सौंपते कि उन्हें अनुचित सामग्री का पता चले और वे उसे हटा सकें?
जकरबर्ग: फेसबुक को अपनी कंटेंट पॉलिसी को बेहतर करने की जरूरत है। इस पर काम हो रहा है। आने वाले वक्त में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए ऐसे कंटेंट को फ्लैग करने का इंतजाम होगा।
डिक डर्बिन, डेमोक्रेट, इलिनॉइस: क्या आप हमें यह बता सकते हैं आपने पिछले हफ्ते किन लोगों को मैसेज किया? आप हमें उनके नाम बता सकते हैं?
जकरबर्ग: नहीं। मैं इसे यहां सार्वजनिक तौर पर नहीं बताना चाहूंगा।
इस पर डर्बिन ने कहा, “आपकी निजता का अधिकार, आपकी निजता के अधिकार की सीमाएं और पूरी दुनिया को एक-दूसरे से जोड़ने के नाम पर आप मॉर्डन अमेरिका को क्या दे रहे हैं। मेरे ख्याल से यही सब कुछ है।”
44 सीनेट ने 5 घंटे किए सवाल
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 44 सीनेटर ने जकरबर्ग से 5 घंटे तक सवाल-जवाब किए। इस दौरान करीब 200 अन्य लोग भी मौजूद थे।
भारत के चुनाव को सुरक्षित बनाने की कोशिश करेंगे
जकरबर्ग ने कहा, “2016 में हुए अमेरिकी चुनाव के बाद हमारी सबसे बड़े प्राथमिकता है कि हम दुनिया में होने वाले चुनाव में सावधानी बरतें। हमारे लिए डेटा प्राइवेसी और विदेश में होने वाले चुनाव सबसे अहम मुद्दा हैं, जिन्हें सही से निभाना हमारी बड़ी जिम्मेदारी है।”
– “2018 दुनिया के लिए महत्वपूर्ण साल है। भारत, पाकिस्तान समेत कई देशों में चुनाव होंगे। हम इन चुनाव को सुरक्षित बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे।”
रूस पर सिस्टम में सेंध लगाने का आरोप
जकरबर्ग ने रूस पर आरोप लगाते हुए कहा, “रूस में लोग हैं जिनका काम हमारे सिस्टम, दूसरे इंटरनेट सिस्टम और अन्य सिस्टम में सेंध लगाकर फायदा उठाना है।”
“ऐसे में यह हथियारों की दौड़ है। जिसे बेहतर बनाए रखने और इसे बेहतर करने के लिए इसमें निवेश करने की जरूरत है।”
डेटा का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए
जकरबर्ग ने माना कहा, “मैंने फेसबुक के 8.70 करोड़ यूजर्स के निजी डेटा का दुरुपयोग रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए, जबकि यह मेरी जिम्मेदारी थी।”
जकरबर्ग ने माफीनामे में क्या लिखा?
जकरबर्ग ने लिखा, “हमने अपनी जवाबदेही मानने में चूक की। मुझसे यह बड़ी गलती हुई है, माफ कर दें।”
पेशी से पहले अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की समिति ने जकरबर्ग के लिखित माफीनामा की मूल प्रति जारी की। इसमें जकरबर्ग ने लिखा, “मैंने फेसबुक की शुरुआत की। मैं इसे चलाता हूं और यहां जो होता है, उसके लिए जिम्मेदार हूं। यह बिलकुल साफ है कि हमने ऐसे टूल्स को रोकने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया, जिससे नुकसान हुआ। इसका दुरुपयोग फेक न्यूज, चुनाव में विदेशी दखल और हेट स्पीच में हुआ।”
मजबूत व्यवस्था बनाने का किया वादा
जकरबर्ग ने इसमें अपनी गलती मानते हुए ऐसी व्यवस्था बनाने का वादा किया है, जिससे कोई भी विदेशी शक्ति अमेरिका के चुनाव को प्रभावित ना कर सके।
उन्होंने कहा कि फेसबुक नियमों को और सख्त बनाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की चूक ना हो पाए।
वॉट्सऐप के मैसेज नहीं देखता फेसबुक
जकरबर्ग ने दावा किया कि फेसबुक सिस्टम वॉट्सऐप पर प्रसारित होने वाले मैसेज की चीजों को नहीं देखता।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की पॉलिटिकल कंसल्टिंग फर्म कैंब्रिज एनालिटिका घोटाले की वजह से फेसबुक की ऐप रिव्यू टीम से किसी को भी नहीं निकाला गया है।
जकरबर्ग ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी टूल्स बनाना ही नहीं, बल्कि यह भी तय करना है कि वे बेहतर ढंग से काम करें।
जकरबर्ग अमूमन ग्रे कलर की टीशर्ट पहनते हैं, लेकिन वे सीनेट में पेशी के नीले रंग का सूट पहनकर पहुंचे।
जकरबर्ग कहते रहे हैं कि उन्हें हर दिन कपड़ों का चयन करना उलझन भरा काम लगता है, इसलिए वे अक्सर टीशर्ट या हूडी पहनते हैं।
सीनेट में जकरबर्ग की पेशी हो रही थी तो अमेरिकी संसद के बाहर उनके विरोध में कई लोग #DeleteFacebook और जकरबर्ग का मास्क लगाकर पहुंचे थे।
सीनेट के अंदर भी कोड पिंक ग्रुप के लोग लेंस पर “STOP SPYING” (जासूसी रोको) लिखे चश्मे पहने मौजूद थे।
फेसबुक पर क्या है आरोप?
फेसबुक पर आरोप है कि उसने बिना इजाजत यूजर्स के निजी डेटा कैंब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर किए थे।
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अमेरिका के फेसबुक यूजर्स के निजी डेटा का इस्तेमाल किया गया था।