नेपाल के कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने किया एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा
Eros Times: एमिटी विश्वविद्यालय की शिक्षण गुणवत्ता, पोस्टहार्वेस्ट तकनीकी और पोस्टहार्वेस्ट शोध के संर्दभ में जानकारी प्राप्त करने के लिए नेपाल के कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल सहित वैज्ञानिकों के 27 सदस्यों ने कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय के हॉर्टीकल्चर विशेषज्ञ पुरूपोत्तम पी खाटीवाडा के नेतृत्व में आज एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। विदित हो कि नेपाल के कृषि और पशुधन मंत्रालय द्वारा उत्पादकता बढ़ाने और कटाई के उपरांत नुकसान को कम करने के उददेश्य से नेपाल के तीन बड़े शहरों में के आस पास ‘फल और सब्जियों के मूल्य श्रृंखला विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है इसी परियोजना के अंर्तगत भारत के संस्थानों में शैक्षित दौरे का आयोजन कर कृषि तकनीशियन कृषि उत्पादन, पोस्टहार्वेस्ट प्रबंधन और बाजार संबधित प्रणाली को सीखते है। एमिटी में उनका दौरा हमारे वैज्ञानिको से जानकारी हासिल करना था।
नेपाल के कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय के हॉर्टीकल्चर विशेषज्ञ ने कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय .- यूएनडीपी कार्यक्रम पर जानकारी देते हुए कहा कि नेपाल में खेत की फसल की तुलना में फल स्ब्जियों की फसल को उच्च मूल्य की वस्तु माना जाता है। पिछले दशकों में फल और सब्जियों के कुल उत्पादन और उत्पादकता के मामले में एक अच्छी प्रगति हासिल की गई है लेकिन फिर भी इन फसलों के क्षेत्र और उत्पादकता दोनो में वृद्वि की गुजांइश है। उत्पादन क्षमता की तुलना में इन फल और सब्जियों की विपणन मात्रा अभी भी कम है। उन्होने कहा कि कटाई से पूर्व और कटाई के उपरांत भी प्रथाओं के सीमीत ज्ञान और उपयुक्त भंडारण सुविधा की कमी के कारण कटाई के बाद नुकसान में योगदान करते है। इस यात्रा के माध्यम से हमारा लक्ष्य उत्पादकता में वृद्धि करना, कटाई के बाद नुकसान कम करना और उत्पादकताओं की सहाकारी समितियों को संगठित करके बाजार से जुड़ाव को मजबूत करना आदि सीखना है जिससे आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को लाभ हो सके।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा कि एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसमें इतने बड़े प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हिस्सा ले रहे है। हम कृषि के विभिन्न पहलुओं पर आपसी सहयोग से मिलकर कार्य करने की संभावनाओं पर विचार करेगें जिसमें शोध और नवाचार पर हमारा ध्यान अधिक केन्द्रीत होगा। वर्तमान में बढ़ रही आबादी की मांग को पूरा करने और खाद्य सुरक्षा के लिए कृषि क्षेत्र की चुनौतीयों से निपटना आवश्यक है।
एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि भारत और नेपाल के मध्य बरसों से प्रगाढ़ संबंध रहा है और कृषि क्षेत्र में संयुक्त कार्य इस संबंध को और भी मजबूती प्रदान करेगा। यह दोनो संस्थानों के लिए एक बृहद अवसर है जहां एक दूसरे का सहयोग करने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होनें एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की जा रही शोध ओर नवाचार की जानकारी प्रदान की।
एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना के दौरान बागवानी भी उन कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में शामिल रहा जो निरंतर विकास करता रहा। उन्हाने फसलों, फल और सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए कटाई के उपरांत अपनाई जा रही तकनीकी और नवीनतम तकनीकीयों की जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी विश्वविद्यालय पोस्टहार्वेस्ट (कटाई के उपरांत नुकसान कम करने) प्रयोगशालाओं और कृषि क्षेत्र सुविधाओं का दौरा किया। कार्यक्रम में नेपाल के कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ कृषि अर्थशास्त्री यादव पद्योती और वैल्यु चेन डेवलपमेंट के नेशनल प्रोजेक्ट मैनेजर शिवा के श्रेष्ठा ने अपने विचार रखे।