Eros Times: हमने अपने आसपास कई ऐसे लोगों को मेट्रों में या अन्य पब्लिक स्पेस में देखा होगा जिन्हें गोद में लैपटॉप लेकर काम करने की आदत होती है। वहीं, कोविड के बाद ज्यादातर लोगों को घर से काम करने की आदत हो गई है, जिससे गोद में लैपटॉप लेकर काम करना उनकी आदत बन गई है। इसके कारण लोगों में पीठ और कंधे का दर्द और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं अधिक देखी गई। आशा आयुर्वेदा की फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि क्या आपको भी लैपटॉप को गोद में लेकर काम करने की आदत है? अगर हां, तो अभी इस आदत को आज ही छोड़ दें, क्योंकि यह आदत आपके लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। लेकिन क्या यह आदत आपके शरीर के लिए सुरक्षित है?
डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि एक रिपोर्ट का माने तो गोद में लैपटॉप रखकर काम करने की आदत पुरुषों निसंतानता की समस्या पैदा कर सकती है। लैपटॉप को गोद में रखकर काम करने की आदत पुरुषों में निसंतानता की समस्या पैदा कर सकती है। इसका असर पुरुषों के प्रजनन अंगों पर पड़ता है, जिससे उनके शुक्राणुओं की संख्या प्रभावित होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पुरुषों की शारीरिक संरचना के कारण महिलाओं की तुलना में उन्हें लैपटॉप की गर्मी से ज्यादा नुकसान होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाओं में गर्भाशय शरीर के अंदर होता है, जबकि पुरुषों में अंडकोष शरीर के बाहरी हिस्से में होता है। इस वजह से हीट रेडिएशन का सीधा असर पुरुषों के अंगों पर पड़ता है। इस वजह से हीट रेडिएशन का सीधा असर पुरुषों के अंगों पर पड़ता है।
डॉ. चंचल शर्मा बताती है कि लैपटॉप गोद में रखकर काम करना आपके लिए कई तरीके से नुकसानदायक होता है। जैसे की लंबे समय तक गोद में लैपटॉप रखकर काम करने से पैरों की त्वचा का रंग खराब हो जाता है और इससे स्किन कैंसर का खतरा भी रहता है।
टोस्टेड स्किन सिंड्रोम की समस्या में अपनी गोद में लैपटॉप रखकर काम करने से जो लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी से आपकी जांघों का ऊपरी हिस्सा थोड़ा गर्म हो जाता है। जिसके कारण त्वचा का रंग खराब होने, खुजली और जलन होने लगती है।
ओवरहीटिंग का पुरुष प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तापमान बनाए रखने के लिए अंडकोष बहार स्थित है और यह अंतर शुक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यक है। लेकिन लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने पर अंडकोष का तापमान बढ़ जाता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन और शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी आती है। इसके अलावा शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता बाकियों की तुलना में काफी कम होती हैं। और लंबे समय तक लैपटॉप के इस्तेमाल से पुरुष हार्मोन के उत्पादन में कमी आ सकती है, जो निसंतानता की समस्या में पैदा कर सकता है।
डॉ. चंचल शर्मा कहती है कि पुरुष निसंतानता से बचने के लिए आपको कुछ टिप्स को अजमाना हैं कि सबसे पहले तो आप अपने लैपटॉप को लंबे समय तक अपनी गोद में रखकर इस्तेमाल करने से बचें। दूसरा कि आप अपने लैपटॉप को अपनी गोद में रखने के बजाय किसी सख्त सतह जैसे डेस्क या टेबल पर रखें। और आखिर में अपने अंडकोषों को ठंडा करने के लिए लैपटॉप के उपयोग से नियमित ब्रेक लें। इसके अलावा आप आयुर्वेदिक दवाइयों और पंचकर्म थेरेपी का सहारा लें सकते है। इस इलाज की सबसे अच्छी बात ये है कि बिना किसी साइड इफेक्ट, बिना किसी सर्जरी के नेचुरल तरीके से कंसीव करने में मदद करता जो कई सालों से कोशिश कर रहे है। इलाज के साथ आपको डाइट, जीवनशैली और योग-व्यायाम पर भी ध्यान देने की जरूरत है जो आगे के इलाज में मदद करते हैं।