गाड़ियों के टायर की वजह से होने वाले हादसों को कम करने के लिए नोएडा ट्रैफिक पुलिसकर्मी ले रहें हैं खास ट्रेनिंग।
EROS TIMES:क्या आप जानते हैं कि हाईवे पर चलते वक्त या लंबी यात्रा पर निकलने पर हादसों से बचने के लिए क्या-क्या एहतियात बरतनी चाहिए? जब आप लंबे रूट पर निकलें तो आपकी गाड़ी का टायर प्रेशर कितना हो? क्या आपको पता है कि किसी हादसे को टालने में टायर का अलाइनमेंन, रोटेशन और ट्रेड डेप्थ कितना अहम है? हर साल सड़क हादसों में पूरे देश में जान गंवाने वालों की बढ़ती तादाद को देखते हुए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने एक बड़ी पहल की। नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ATMA) और इंडियन टायर टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी (ITTAC) के साथ मिलकर टायर केयर और सेफ्टी पर एक खास ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया।
नोएडा के सेक्टर 14-ए स्थित डीसीपी ट्रैफिक ऑफिस में इस ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। टायर की वजह से होने वाले हादसों को कम करने मसकद से इसकी शुरुआत की गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2022’ नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में भारत में कुल 4,61,312 सड़क हादसे हुए। इन हादसों में 1,68,491 लोगों ने अपनी जान गंवाई और कुल 4,43,366 लोग घायल हुए। हर साल इस तरह के हादसे और उसकी चपेट में आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस तरह के हादसों की बड़ी वजह टायर सेफ्टी और मेंटेनेंस को लेकर बरती जा रही लापरवाहियां भी रही हैं।
इसलिए ट्रेनिंग के दौरान टायर सेफ्टी और मेंटेनेंस को लेकर ट्रैफिक पुलिस को खास तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया गया। आईटेक के विशेषज्ञों ने नोएडा ट्रैफिक पुलिस को उन तकनीकी पहुलओं के बारे में बताया जिससे वो आम लोगों को भी टायर केयर और सेफ्टी के बारे में जागरुक कर सकें। इस ट्रेनिंग का लक्ष्य टायर की वजह से होने वाले हादसों को रोकना या कम करना था।
ट्रेनिंग सेशन के दौरान आईटेक के एक्सपर्ट ने टायर प्रेशर, अलाइनमेंन, रोटेशन और ट्रेड डेप्थ को लेकर सभी भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की। जैसे अक्सर लोग हाईवे पर चलते समय टायर के प्रेशर को कम कर देतें हैं। एक्सपर्ट ने बताया की हाईवे पर चलते समय टायर प्रेशर हमेशा वाहन मैनिप्रेक्चरर द्वारा दिए गए मानक के अनुसार ही रखें। हमेशा जब टायर ठंडे हों तभी टायर में हवा डलवाएं। यही नहीं, टायर प्रेशसर कम होने से इंधन की खपत ज्यादा होती है, जिसकी वजह से कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन ज्यादा होता है। ऐसा होने से वायु प्रदूषण बढ़ता है।
टायर पर अंकित टीडीआई इंडिकेटर की पहचान कर टायर को बदलने का समय जान लें। इस तरह की कई और तकनीकी जानकारियों के बारे में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों और आईटेक एक्सपर्ट के बीच चर्चा हुई। बता दें कि ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन सभी टायर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष राष्ट्रीय संस्था है। आईटेक इसकी तकनीकी सहयोगी संस्था है।
इस महत्वपूर्ण ट्रेनिंग सेशन को लेकर नोएडा ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी अनिल कुमार यादव उत्साहित दिखे। इस मौके पर डीसीपी अनिल यादव ने कहा कि आईटेक के साथ मिलकर आने वाले समय में कई और आयोजन किए जाएंगे ताकि आम लोगों को टायर केयर और सेफ्टी के बारे में जागरुक किया जा सके। ट्रेनिंग सेशन में मौजूद नोएडा ट्रैफिक के एसीपी राजीव कुमार गुप्ता ने कहा, “सड़क सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता है हम ऐसे आयोजनों में आगे चलकर नोएडा के आम लोगों और संस्थाओं को भी जोड़ेंगे।” आईटेक के पूर्व चेयरमैन वीके मिश्रा ने कहा कि हम नोएडा ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए काम करते रहेंगे। इस मौके पर आत्मा के एडीजी संजय चटर्जी, आईटेक के डायरेक्टर नीतीश कुमार शुक्ला, आत्मा के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर राहुल वाचस्पति, आईटेक के डिप्टी डायरेक्टर विनय विजयवर्गीय मौजूद थे। इस ट्रेनिंग सेशन में 50 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया। ट्रेनिंग सेशन का संचालन विनय विजयवर्गीय ने किया।