भारत की जलकृषि क्रांति : सेमिनार में वैश्विक नेतृत्व के लिए ब्लूप्रिंट का जाएगा अनावरण
भारत के जलीय कृषि पुनर्जागरण को एक ऐतिहासिक सेमिनार में प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें वैश्विक स्थिरता नेतृत्व के लिए एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार की गई है।
सेमिनार, सस्टेनेबल एक्वाकल्चर : ग्लोबल लीडर बनने के लिए भारत की क्षमता, भारत के जलीय कृषि परिवर्तन पर प्रकाश डालता है, जो इसे स्थायी प्रथाओं में वैश्विक नेतृत्व की ओर प्रेरित करता है।
नई दिल्ली : आगामी 25 सिंतबर, 2023 को नई दिल्ली में सस्टेनेबल एक्वाकल्चर : भारत के वैश्विक लीडर बनने की क्षमता विषय पर आयोजित होने वाला अभूतपूर्व सेमिनार एक दूरदर्शी कदम के तहत टिकाऊ जलीय कृषि के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहने वाले मत्स्य पालन मंत्री परषोत्तम रूपाला के साथ यह ऐतिहासिक कार्यक्रम भारत की जलीय कृषि यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। अन्य वक्ताओं में संसद सदस्य एनके प्रेमचंद्रन सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
जलीय कृषि क्षेत्र पिछले एक दशक में देखा गया उल्लेखनीय परिवर्तन
दूरदर्शी नेतृत्व और स्थिरता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता से प्रेरित, भारत के जलीय कृषि क्षेत्र में पिछले एक दशक में उल्लेखनीय परिवर्तन देखा गया है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी ‘ब्लू क्रांति’ के आह्वान ने नीतिगत सुधारों की एक लहर शुरू की, जिससे जलीय कृषि क्षेत्र में विकास को विशेष प्राथमिकता मिली। प्रधानमंत्री की मत्स्य सम्पदा योजना और तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2023 जैसी उल्लेखनीय पहल इस यात्रा में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित हो रही है।
किंग्स इंफ्रा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक साजी बेबी जॉन ने अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, “यह सेमिनार भारत के जलीय कृषि उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। हम विकास और स्थिरता के एक अभूतपूर्व युग के कगार पर खड़े हैं। उन्होंने कहा, किंग्स इंफ्रा नवाचार और सहयोग के माध्यम से जलीय कृषि में वैश्विक लीडर बनने की भारत की यात्रा का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विभिन्न राज्यों के किसान समूह लेंगे भाग
सेमिनार में प्रसिद्ध विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, प्रौद्योगिकीविदों, निवेशकों के अलावा विभिन्न राज्यों के किसान समूह भी भाग लेंगे। कार्यक्रम के दौरान व्यक्तिगत के साथ ही ऑनलाइन दोनों तरह से एकत्रित होने के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान सभी लोग भारत के जलीय कृषि समुदाय की समावेशिता और विविधता का प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम में SISTA360 का राष्ट्रीय लॉचिंग मुख्य आकर्षणों में से एक रहेगा, जो एक अभूतपूर्व डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे पता लगाने योग्य, पारदर्शी, टिकाऊ और लाभदायक जलीय कृषि समाधान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। SISTA360 इनपुट खरीद को सरल बनाने, टिकाऊ उत्पादन को प्रोत्साहित करने, लाभदायक विपणन की सुविधा देने के साथ ही सरकारी योजनाओं और कार्यक्रम लिंकेज पर मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करता है।
समुद्री शैवाल की खेती और मूल्यवर्धित उत्पादों के विकास पर भी रहेगा फोकस
सेमिनार में समुद्री शैवाल की खेती और मूल्यवर्धित उत्पादों का विकास पर भी मुख्यरूप से फोकस किया जाएगा। दरअसल, ये नवाचार न केवल भारत के तटीय और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बल्कि देश के कृषि क्षेत्र के लिए भी आशाजनक हैं। उद्योग और शिक्षा जगत की संलग्धता से नई घरेलू नस्लों, प्रजातियों के विविधीकरण और पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण जैसी पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार प्रथाओं का उदय हुआ है।
देश टिकाऊ दस गुना विकास हासिल करने की कगार पर
वर्तमान में, भारत के केवल 5-10% जलीय संसाधनों के उपयोग के साथ, देश टिकाऊ दस गुना विकास हासिल करने की कगार पर है, जो ट्रिलियन-डॉलर की ब्लू अर्थव्यवस्था प्राप्त करने योग्य वास्तविकता बन जाएगी। सेमिनार का उद्देश्य 2030 तक भारत को जलीय कृषि का वैश्विक केंद्र बनाने के लक्ष्य के साथ हितधारकों के बीच सामूहिक कार्रवाई करना है। यह प्रयास आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। यह सेमिनार टिकाऊ जलीय कृषि में वैश्विक लीडर बनने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण होने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा, क्योंकि यह क्षेत्र के अवसरों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है।