Eros Times: मनुष्य जीवन स्वयं में एक प्रकृति की अनुपम देन है, और निसंदेह संसार में इसको सर्वोत्तम स्वरूप और सुविधाएं ईश्वर द्वारा प्रदान की गई हैं ।हमारे धार्मिक ग्रंथो में भी मनुष्य योनि को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। ऐसी ही अनुपम भेट को लेेकर हम इस संसार में आए हैं। प्रकृति के क्रमानुसार यह भी शाश्वत सत्य है कि जो आया है उसको जाना भी है |और समय के अनुसार बचपन ,यौवन और वृद्धावस्था में आकर मनुष्य के शारीरिक शक्तियों में कमी भी आती है ।यह भी सत्य है की हर एक को इस अवस्था से गुजरना है और आज जो युवा है कल वे वृद्ध होंगे। आज विज्ञान के आधार पर हमने बहुत कुछ नियंत्रण किया है और अब मनुष्य की औसत आयु में भी पर्याप्त वृद्धि हुई है। वर्तमान भारत में ही अनुमान के अनुसार, 1300 करोड़ व्यक्ति इस अवस्था में बताए जाते हैं ।जो भी हो हमें इस अवस्था के व्यक्तियों के प्रति भी उचित व्यवस्था के प्रति विचार करने की आवश्यकता है|
विस्तार में ना जाकर, केवल हम यही कहना चाहेंगे के आज अधिकांश इस अवस्था के लोग पहले की अपेक्षा बहुत अधिक सुखी है और अपना जीवन भली भांति व्यतीत कर रहे हैं। फिर भी, इस दिशा में बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है जिसमें स्वयं वरिष्ठ नागरिकों को तो अपने आचार विचार में परिवर्तन करना ही है, लेकिन समाज तथा सरकार की ओर से भी कुछ प्रयास वांछनीय है ।हर्ष का विषय है |की वृद्ध लोगों के लिए एक आयोग बनाने की मांग की जा रही है| जिसके द्वारा इस आयु के व्यक्तियों के लिए पर्याप्त साधनों की व्यवस्था हो सकेइस क्रम में अभी सेक्टर 23 नोएडा में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सीनियर सिटीजन केंद्र की स्थापना की गई और भावी योजनाओं पर विचार विमर्श किया गया।
हम सभी ऐसे प्रयास की सराहना करते हैं| और हमारी कामना है कि इस प्रकार की व्यवस्था साकार रूप लेते हुए वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए सफल हो ।
इस संबंध में जो कार्यक्रम किया गया उसके आयोजको को, हम सभी बहुत-बहुत बधाई देते हैं और अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हैं।