नई दिल्ली/EROS TIMES : केंद्र सरकार की प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2016 के लागू होने के बाद से प्रकाशकों की बढ़ती समस्याओं पर अब लगाम लगने की संभावना बढ़ गई है।
विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय के नव नियुक्त महानिदेशक घनश्याम गोयल इस आशय का आस्वासन दिया है। मंगलवार को ऑल इंडिया स्माल एवं मीडियम न्यूज़पेपर फेडरेशन के अध्यक्ष एवं भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य सरदार गुरिंदर सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने श्री गोयल से बातचीत की।
उन्होंने कार्यभार ग्रहण करने के बाद फेडरेशन के पदाधिकारियों से कहा कि समस्याओं का हल मिल बैठकर किया जाएगा और लघु और मंझोले समाचार पत्रों के साथ न्याय किया जाएगा।
डीजी से औपचारिक मुलाकात के दौरान फेडरेशन के महामंत्री अशोक नवरत्न, पत्र सूचना कार्यालय की कमेटी के सदस्य एल सी भारतीय, पवन सहयोगी, पवन नवरत्न, संजय शर्मा, अनवर अली खां, संजय गोविल और सईद अहमद मौजूद थे।
डीजी ने फेडरेशन के अध्यक्ष श्री सिंह को आश्वासन देते हुए कहा कि आने वाले 1 सप्ताह के अंदर करीब 300 समाचार पत्रों को विज्ञापन सूची में शामिल का दिया जाएगा।
श्री गोयल ने कहा कि मैंने सोमवार को ही यह कार्यभार संभाला है कुछ फाइलें तैयार हैं जिनका निस्तारण करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों को जारी होने वाले विज्ञापनों में अनुपात का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाएगा विज्ञापन नीति के तहत बड़े, मध्यम और लघु समाचार पत्रों के लिए निर्धारित अनुपात 50, 35 और 15 का ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा प्रकाशकों की रोजमर्रा की समस्या के निपटारे के लिए दिवस अफसर की तैनाती के लिए विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह बड़े खेद का विषय है कि बीते 4 महीनों में प्रकाशको और डीएवीपी के बीच एक गहरी खाई बनी है जिसे हम सब मिलकर पाटने का प्रयास करेंगे। इसके लिए जब भी प्रकाशित बंधु बैठकर विचार विमर्श कर सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार की नीति के अनुसार प्रकाशकों के हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत महसूस हुई तो सरकार के स्तर पर भी मामले को उठवाकर समस्या के निपटारे का प्रयास किया जाएगा।