पंच परिवर्तन से समाज होगा एकजुट और समरस

EROS TIMES: प्रेरणा शोध संस्थान न्यास एवं शंभु दयाल पीजी कॉलेज, गाजियाबाद के तत्वाधान में प्रेरणा विचार मासिक पत्रिका के विशेषांक – ‘परिवर्तन की पंचधारा’ का लोकार्पण हुआ।पत्रिका का विशेषांक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंच परिवर्तन पर आधारित है।समाज की युगानुकुल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संघ विषयों का चयन करता है। पंच परिवर्तन के विषय भी ऐसे ही हैं। वैसे ये सभी विषय संघ और स्वयंसेवकों के विचार-व्यवहार में पहले से हैं। इसमें तीन बातें नयी हैं। पहला यह कि संघ के शताब्दी वर्ष में इनके लिए सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से काम करना है। दूसरा कि मात्र स्वयंसेवकों को नहीं संपूर्ण समाज को इन परिवर्तनों से जोड़ना है और तीसरा- इन विषयों पर समाज में कार्य कररहे लोगों को सम्मानित करना, उनका सहयोग करना और उन्हें आगे लाना है। पंच परिवर्तन की मूल प्रेरणा भारतीय जीवन दृष्टि है। सनातन,हिन्दू या भारतीय जीवन दृष्टि की विशेषता है कि यह यह एकात्म,सर्वांगीण, सर्वसमावेशी, और वैश्विक है। उपरोक्त बातें मुख्य वक्ता श्याम किशोर ने कही। इसी क्रम में पत्रिका की समीक्षा करते हुए पत्रिका के संपादक मनमोहन सिसोदिया ने कहा कि प्रेरणा विचार पत्रिका पिछले एक वर्ष से राष्ट्रीय हित के सभी जरूरी विमर्श को पाठकों के समक्ष रख रही है। पत्रिका का यह विशेषांक पाठकों के लिए पंच परिवर्तन का अनुपम स्रोत साबित होगा।इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया की पुस्तक अज्ञेय का भी विमोचन हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से अनेक प्रेरक लोग समाज का मार्गदर्शन करते आ रहे हैं इसलिए भारतीय समाज अनेक झंझावातों के बावजूद भी अपनेसनातन संस्कृति के मूल तत्व को बनाए रखा है। हालांकि कुछ तथाकथित लोग जो अपने को ज्ञानी कहते हैं वह भारत की धारा को विस्मित करने का कुचक्र रचते रहे हैं।  प्रेरणा विचार पत्रिका की कार्यकारी संपादक डॉ. प्रियंका सिंह ने अज्ञेय पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि यह पुस्तक भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और दर्शन के विविध पहलुओं पर आधारित है, जिसमें आत्मा,परमात्मा और नैतिकता के बीच गहरे संबंधों पर गहन चर्चा की गई है। लेखक ने आत्मा की अमरता और पुनर्जन्म के सिद्धांतों को भारतीय दर्शन के संदर्भ में समझाया है, जो भारतीय ज्ञान परंपरा का अभिन्न अंग हैं। पुस्तक में लेखक ने यह बताया है कि भारतीय राष्ट्रवाद केवल राजनीतिक अवधारणा नहीं है, बल्कि यह नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित है। अध्यक्षीय संबोधन में बिजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि प्रेरणा विचार पत्रिका का यह विशेषांक देशभर के लिए प्रेरक और अनुकरणीय सिद्ध होगा। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए शंभु दयाल महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.अखिलेश मिश्र ने कहा कि प्रेरणा विचार  पत्रिका सभी पाठकों और सम्पूर्ण समाज के लिए प्रेरणा स्रोत की तरह है। कार्यक्रम का संचालन पत्रिका की प्रबंध संपादक मोनिका चौहान ने किया।

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