नई दिल्ली, इरोस टाइम्स: जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने की नरेंद्र मोदी से मुलाकात। मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा, “लोगों से बातचीत होनी चाहिए। और बात करने से ही कोई रास्ता निकलेगा।” इससे पहले एक अफसर ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों को जुटाने के लिए 300 वॉट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे। हर ग्रुप में करीब 250 मेंबर्स थे। इनका मकसद सिक्युरिटी फोर्सेस के एनकाउंटर ऑपरेशन को बंद करना था। आपको बता दें कि बीते दिनों पुलवामा के एक स्कूल में आर्मी की कार्रवाई के बाद स्टूडेंट्स ने भी फोर्सेस के खिलाफ पत्थरबाजी की थी। कल महबूबा यूनिफाइड कमांड की बैठक करेंगी।
– महबूबा ने कहा, “राज्य में जो हालात खराब हुए, उन पर चर्चा हुई। इसमें हमारा जो अलायंस है, उस पर चर्चा हुई। मैंने पीएम को बताया कि सिंधु जल समझौते के चलते हमें नुकसान होता है। अपने लोगों से बातचीत होनी चाहिए। इससे ही कोई रास्ता निकलेगा।”
– “हम एक ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं कि जहां गवर्नेंस और बातचीत दोनों पॉसिबल हो। अच्छे माहौल के बिना कुछ नहीं हो सकता।”
– “पत्थरबाजी के जिम्मेदार कुछ लड़के हैं, जिन्हें उकसाया जाता है।”
– “वाजपेयीजी के समय हुर्रियत के नेताओं से बात हुई थी। वो वहीं पर छूटी हुई है। मोदी ने भी कहा था कि मैं वाजपेयीजी के नक्शेकदम पर चलूंगा। इसलिए तो पीडीपी और बीजेपी साथ हैं। पत्थरबाजी और गोली के माहौल में बात नहीं हो सकती। माहौल को ठीक करके ही सबकुछ मुमकिन है।”
– “राज्य में गवर्नर रूल लगे या नहीं, ये केंद्र सरकार का फैसला है।”
अन्य राज्य कश्मीर में प्रोग्राम ऑर्गनाइज करें।
– रविवार को मोदी ने सुझाव दिया था कि दूसरे राज्यों को भी कश्मीर में प्रोग्राम ऑर्गनाइज करना चाहिए ताकि वहां के स्टूडेंट्स को बाहर जाकर पढ़ने का मौका मिले।
– हाल ही में हुए श्रीनगर बाईपोल में जमकर हिंसा हुई थी और 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला जीते थे।
– बता दें कि 2015 में जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी सरकार बनने के बाद से पत्थरबाजी की घटनाओं में जमकर इजाफा हुआ है। पिछले हफ्ते आर्मी चीफ बिपिन रावत और नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने कश्मीर के हालात पर चर्चा की थी।
अब तक 90% वॉट्सऐप ग्रुप किए गए बंद….
– एक अफसर के मुताबिक, “हमने ग्रुप और ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर्स की पहचान कर ली है। पुलिस ने उन्हें काउंसलिंग के लिए भी बुलाया। इसका रिस्पॉन्स भी अच्छा मिला। बीते 3 हफ्तों में 90% वॉट्सऐप ग्रुप खत्म किए जा चुके हैं।”
– “पत्थरबाजी के दौरान घाटी में इंटरनेट सर्विसेज को बंद करने के फैसले काफी असर हुआ था।”
– शनिवार को दुर्बुग गांव में आतंकियों के साथ हुए एनकाउंटर का विरोध करने कुछ ही लोग पहुंचे थे। जबकि 28 मार्च को हुए एनकाउंटर के दौरान बड़ी तादाद में लोग पहुंचे थे। इसके बाद फोर्सेस की फायरिंग में 3 लोगों की मौत हो गई थी।
– अफसर के मुताबिक, “अगर इंटरनेट बंद हो तो भीड़ का पहुंचना नामुमकिन होता है। इससे पहले तो हमने ये भी देखा कि ऑपरेशन की जगह पर करीब 10 किमी से लोग पहुंच गए और पत्थरबाजी कर ऑपरेशन को रोकने की कोशिश की।”