घुमारवीं में महिलाओं के हित संरक्षण कानून संबंधी विधिक जागरूकता शिविर

EROS TIMES: हिमाचल प्रदेश के घुमारवीं में महिलाओं के हित संरक्षण कानून संबंधी विधिक जागरूकता शिविर आयोजित
मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 15100 पर करें कॉल

घुमारवीं 3 अकतूबर- विधिक सेवा प्राधिकरण दीवानी न्यायालय घुमारवीं के तत्वावधान में विधान से समाधान कार्यक्रम के तहत महिलाओं के हित संरक्षण कानून संबंधी विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन विकास खण्ड घुमारवीं के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लिगल सर्विसेज कमेटी की अध्यक्षा सीनियर सिविल जज मोनिका सोम्बल ने की। इसके अंतर्गत विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नामित रिसोर्स पर्सन मनोरमा चौहान और सर्वमगला गर्ग ने महिलाओं से संबंधित कानून के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
सीनियर सिविल जज मोनिका सोम्बल ने कहा कि कानून के अनुसार यदि किसी महिला का पति या उसके पति का कोई भी रिश्तेदार उस महिला के साथ क्रूरता (मारपीट करना, परेशान करना) करता है या मानसिक रुप से व किसी भी अन्य प्रकार से परेशान करता है तो उस व्यक्ति पर घरेलू हिंसा के लिए भारतीय न्याय संहिता 85 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाती है। उन्होंने बताया कि इस कानून का उद्देश्य किसी ऐसी स्त्री की रक्षा करना है जिसको उसके पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा किसी भी प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने टेली लॉ के बारे में भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 15100 पर कॉल कर सकते हैं।
सुपरवाइजर मनोरमा ने कहा कि महिलाएं स्वावलंबी होने की दिशा में तेजी से अग्रसर हैं। मातृ शक्ति हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। उनहोने बताया कि महिलाओं के कल्याण के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 भारत का एक महत्वपूर्ण श्रम कानून है। यह कानून पुरुषों और महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन देने का प्रावधान करता है। उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत नियोक्ताओं को लिंग की परवाह किए बिना समान वेतन देना ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि इस कानून का मकसद कार्यस्थलों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करना और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ाना है।
सुपरवाइजर सर्वमंगला गर्ग ने एसिड अटैक, बलात्कार अपहरण, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न घरेलू हिंसा के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी तथा इन अपराधों पर दोषियों को किस धारा के अन्तर्गत कौन-कौन सी सजाएं हो सकती हैं के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर सुपरवाइजर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित लगभग 65 महिलाओं को जानकारी दी गई। बैठक में कोर्ट परिसर के मनोज चंदेल, करम चंद, अर्जुन कुमार अक्षय कुमार, अनिल कुमार सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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