दिल्ली:EROS TIMES: ऐतिहासिक धरोहर लाल किला को डालमिया भारत लिमिटेड ने गोद लिया है। मोदी सरकार की ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ योजना के तहत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और डालमिया ग्रुप के बीच 25 करोड़ रुपये में पिछले दिनों करार हुआ। इसके तहत अब यह कंपनी अगले पांच साल तक विरासत स्थल का संचालन और रखरखाव करेगी। डालमिया ग्रुप ने ये कॉन्ट्रैक्ट इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप को हराकर जीता।
डालमिया भारत समूह ने अगले कुछ महीनों में लाल किले को विकसित करने का इरादा रखकर विचार करना शुरू कर दिया है। जुलाई में सुरक्षा एजेंसियों को अस्थायी रूप से लाल किला सौंपने से पहले 23 मई को काम शुरू कर देगा।
लालकिला का रखरखाव प्राइवेट कंपनी को सौंपे जाने पर कांग्रेस ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस ने पूछा कि अब बीजेपी की सरकार संसद, सुप्रीम कोर्ट में से किसे प्राइवेट कंपनी के हवाले करेगी?
दरअसल, 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री के भाषण के लिए इसे जुलाई में ही सुरक्षा एजेंसियों के हवाले कर दिया जाएगा। डालमिया भारत समूह के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि वे अस्थायी रूप से प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के भाषण के लिए इसे सौंपने से पहले नाइट इलूमनेशन को पूरा करने की योजना बना रहे हैं।
पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) केजे अल्फोंस, मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इस मौके पर डालमिया भारत के कार्यकारी निदेशक संदीप कुमार ने कहा, हम भारत के इस धरोहर को गोद लेकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
डालमिया ग्रुप लाल किला को टूरिस्ट के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए काम करेगा। साथ ही उसके सौंदर्यीकरण, रखरखाव की जिम्मेदारी उसकी होगी। समझौते के तहत ग्रुप को छह महीने के भीतर लाल किला में जरूरी सुविधाएं मुहैया करानी होगी। इसमें एप बेस्ड गाइड, डिजिटल स्क्रिनिंग, फ्री वाईफाई, डिजिटल इंटरैक्टिव कियोस्क, पानी की सुविधा, टेक्टाइल मैप, टॉयलेट अपग्रेडेशन, रास्तों पर लाइटिंग, बैटरी से चलने वाले व्हीकल, चार्जिंग स्टेशन, सर्विलांस सिस्टम, कैफेटेरिया आदि शामिल है।
पर्यटन मंत्रालय ने ‘अपनी धरोहर अपनी पहचान’ (एडॉप्ट ए हेरिटेज) योजना विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर 27 सितंबर 2017 को लांच की थी। यह योजना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के प्रमुख स्मारकों में शुरू की गई है, जिसके तहत 95 स्मारकों को शामिल किया जा चुका है। अपनी धरोहर अपनी पहचान योजना के तहत विभिन्न धरोहरों को गोद लेने के लिए 195 आवेदन मिल चुके हैं. जिसे सरकार प्राइवेट कंपनियों को सौंप सकते है यह योजना एएसआइ के प्रमुख स्मारकों में शुरू की गई है, जिसके तहत 95 स्मारकों को शामिल किया जा चुका है।
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, ”मोदी सरकार द्वारा इसे लाल किले का निजीकरण करना कहोगे, गिरवी रखना कहोगे या बेचना। अब प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस का भाषण भी निजी कंपनी के स्वामित्व या नियंत्रण वाले मंच से होगा। ठोको ताली. जयकारा भारत माता का!
डालमिया भारत समूह संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय से विशिष्ट मंजूरी मिलने के बाद लाल किले घूमने आने वाले से वसूली करेगा। कॉर्पोरेट हाउस द्वारा योजनाबद्ध गतिविधियों के माध्यम से उत्पन्न कोई भी राजस्व को वापस किले के विकास और रखरखाव में लगाना होगा। डालमिया भारत समूह को अर्ध-वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए आगंतुकों को चार्ज करने की अनुमति दी जाएगी।
9 अप्रैल को डालमिया भारत लिमिटेड, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे, भले ही पर्यटन मंत्रालय 25 अप्रैल, 2018 को सौदा के साथ सार्वजनिक किया लेकिन यह कुछ स्मारकों और धरोहरों के कॉर्पोरेट नियंत्रण की अनुमति देने के लिए मोदी प्रशासन की योजना का हिस्सा था, ताकि उनके रखरखाव और संचालन को और अधिक पेशेवर तरीके से संभाला जा सके। अनुबंध के तहत, डालमिया भारत समूह को लाल किले के आसपास के समय सीमा के तहत एक बड़े बदलाव के साथ काम करना होगा।