न्यायालय द्वारा सिसोदिया को सीबीआई के बाद दोबारा से 7 दिन की ईडी के रिमांड में भेजना साबित करता है शराब घोटाले के सबूत साबित हुए है, हमें विश्वास है।
शराब घोटाले के मास्टर माइंड अरविन्द केजरीवाल नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दें। – अनिल भारद्वाज
EROS TIMES: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस पूछती हैं कि अन्ना-दूत अरविन्द केजरीवाल की नई शराब नीति में कोई भ्रष्टाचार नही था और वे राजस्व में फायदा पहुॅचाने वाली थी तब दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को वापस क्यों लिया? शराब करोबारियों की कमीशन को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किसने की और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं। किसके इशारे पर ब्लेक लिस्टेड कारोबारियों को अनुबंधित किया? दिल्ली को घोटालों की राजधानी बनाने वाले अरविन्द केजरीवाल नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि ‘‘थोड़ा भरोसा वक्त पर भी रखो, जो अच्छे से अच्छे चेहरे का नकाब उतार देता है’’। संवाददाता सम्मेलन में कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन श्री अनुज आत्रेय मौजूद थे।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए भारद्वाज ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली 15 साल की शीला दीक्षित सरकार पर मनघंढ़त आरोप लगाकर भ्रष्टाचारी कहा था क्या शीला दीक्षित के किसी भी मंत्री पर चार्जशीट हुई जबकि केजरीवाल सरकार के 9 वर्षों की सरकार के कार्यकाल में इनके 6 मंत्री जेल की हवा खा चुके है और मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन आज भी जेल में हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली मंत्रीमंडल के प्रमुख होने के नाते मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इस्तीफा दे और दिल्ली की जनता से माफी मांगे।
भारद्वाज ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल द्वारा अपने भ्रष्ट नेताओं की तुलना शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जी से करना उनका अपमान है क्योकि शहीदे आजम सरदार भगत सिंह जी ने देश को आजादी दिलाने के लिए फांसी के फंदे को चूमते हुए कुर्बानी दी थी। क्या भ्रष्ट केजरीवाल के मंत्रियों ने देशहित में कुछ किया है? भ्रष्टाचारियों की तुलना सरदार भगत सिंह जी से करने पर केजरीवाल देशवासियों से माफी मांगे। इस पर उन्होंने कहा कि ‘‘इन नेताओं ने क्या मासूमियत पाई है, ईमानदारी के नाम पर घोटाले की कमाई खाई है’’। उन्होंने कहा कि 9 साल लगे जो कहते थे कि कांग्रेस सरकार भ्रष्ट है, कांग्रेस ने वक्त पर भरोसा रखा और वक्त ने कुछ को किया बेनकाब और कुछ होंगे बेनकाब।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि शराब घोटाले की आंच में झुलसती आम आदमी पार्टी को बचाने के लिए केजरीवाल गांधी समाधि राजघाट पर जाकर बैठना क्या सही है और उनके मंत्री जेल में होने पर कहना कि जनता जवाब देगी सही है। आखिर अब उन्हें दिल्ली की जनता की याद क्यों आ रही है, जब कोविड के दौरान दिल्ली की जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी तब केजरीवाल जनता को बचाने की बजाय सिसोदिया के साथ मिलकर नई शराब नीति को अंजाम दे रहे थे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल कहते थे कि मौहल्ला सभा का विकास किया जाऐगा और हर नीति लागू करने से पहले रायशुमारी की जाऐगी। शराब नीति पर मौहल्ला सभा, महिला मंडल व ग्राम समितियों से रायशुमारी करने की बजाय केजरीवाल ने दिल्ली के हर मौहल्ले में शराब के ठेके जरुर खोल दिए।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने नई शराब नीति में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए सीबीआई, सीवीसी और उपराज्यपाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी वे सही साबित हो रही है और उन तथ्यों को सही बनाकर जांच एजेंसियों अदालत में सबूत पेश कर रही है। जिसका परिणाम दिल्ली सरकार के दो मंत्री आज जेल में है और मुख्यमंत्री पर इसकी जल्द ही जांच शुरु होगी। कौन हैं विजय नायर जिन्होंने पूछताछ के दौरान केजरीवाल के खिलाफ बयान दर्ज कराऐं हैं।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि शराब नीति बनाते समय कैबिनेट के मुखिया केजरीवाल ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में 3 सदस्य रखे जिनमें मनीष सिसोदिया, सत्येंन्द्र जैन और कैलाश गहलोट शामिल थे। इन्होंने प्रपोजल स्वीकार किए और एक्सपर्ट कमेटी द्वारा बनाई नीति में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने अपने मुताबिक बदलाव करके भ्रष्टाचार को अंजाम दिया और यह सभी संशोधन उपराज्यपाल के माध्यम से भाजपा के इशारे पर हुए। कांग्रेस जानना चाहती है कि ई.डी.-सीबीआई अरविन्द केजरीवाल से कब पूछताछ करेगी जबकि उनके खिलाफ सबूत दोनो एजेंसियों के पास हैं।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि 2014 में जनलोकपाल के गठन के लिए 49 दिन की सरकार से इस्तीफा देकर पुनः पूर्ण बहुमत से सत्ता हथियाने के बाद अरविन्द केजरीवाल के 9 वर्षों के कार्यकाल में जनलोकपाल तो नई बनाया परंतु दिल्ली को घोटाले की राजधानी जरूर बना दिया। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में जनलोकपाल होता तो दिल्ली के भ्रष्टाचारी पहले ही जेल में होते। कहां है जनलोकपाल।