बीजिंग, पीटीआई, इरोस टाइम्स: भारत के विरोध के कारण चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीइसी) का निर्माण अल्पकालिक समय के लिए प्रभावित हो सकता है, चीन को यह आशंका है। हालांकि चीनी मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर बीजिंग और इस्लामाबाद अपने सहयोग को लेकर दृढ़ हैं तो वे भारत के सभी संदेहों को दूर सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत सीपीइसी का विरोध कर रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, कुछ लोगों का मानना है कि भारत का विरोध चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए एक बाधा बन सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, अल्पकालिक समय के लिए कॉरिडोर का निर्माण प्रभावित हो सकता है। मगर दीर्घ कालिक दृष्टिकोण से चीन और पाकिस्तान अगर चाहें तो भारत के संदेहों को दूर कर सकते हैं।
यह रिपोर्ट पाकिस्तान में काम कर चुके एक शोधकर्ता द्वारा लिखा गया है, जिसका कहना है कि चीनी निवेश को ज्यादा फायदा मिल सकता है। शोधकर्ता के मुताबिक, चीन के लिए सीपीइसी से मुनाफा दूसरे देशों की तुलना में कहीं ज्यादा है। मौजूदा समय में चीन ने सीपीइसी में 51 प्रोजेक्ट में निवेश किया है। इनमें 19 प्रोजेक्ट पूरे भी हो चुके हैं। पाकिस्तान ने बताया है कि कुल निवेश 50 बिलियन तक पहुंच गया है। इसके अलावा भी चीन ने पाकिस्तान में 200 से अधिक प्रोजेक्ट में निवेश किया है। निवेश मुख्य रूप से एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित हैं, जिनकी पाकिस्तान के आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर चीनी सीपीइसी को लेकर संभावनाओं और सुरक्षित माहौल को लेकर चिंतित हैं। हालिया समय में पाकिस्तान में चीनी नागरिकों के अपहरण और कथित हत्या की कई घटनाएं सामने आई हैं। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह की घटनाओं के बावजूद पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति में सुधार देखने को मिला है।