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चेन्नई। शशिकला के शपथ ग्रहण पर असमंजस के बीच मंगलवार की देर शाम चेन्नई में एक “हाई वोल्टेज ड्रामा” शुरू हो गया। जयललिता की गैर मौजूदगी में सीएम का पद संभालने वाले ‘ओ पन्नीरसेल्वम’ जयललिता की समाधि के पास जाकर पहले मौन होकर बैठ गए। करीब आधे घंटे तक ऐसे ही बैठे रहने के बाद उन्होंने पत्रकारों से वार्ता करके कहा कि जयललिता की आत्मा ने मुझसे बात की। उन्होंने मुझे कहा की वो जनता को सच बता दे।
‘पन्नीरसेल्वम’ ने कहा कि शशिकला के लोग मुझ पर दबाव बना रहे है। पनीरसेल्वम ने कहा- “कि अगर पार्टी के कार्यकर्ता चाहें तो, मैं अपना इस्तीफा वापस ले सकता हूँ।” पनीरसेल्वम के आरोप लगने पर शशिकला ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे की वो किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं। पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है।
पार्टी से निष्कासित किए गए ‘पन्नीरसेल्वम’
शशिकला गुट पर ‘पन्नीरसेल्वम’ द्वारा लगाए आरोपों के बाद शशिकला के आवास पोस गार्डेन पर एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई। वहीं राज्यपाल ‘सी विद्यासागर राव’ बुधवार को ही चेन्नई वापस लौट रहे हैं। पार्टी विरोधी गतिविधि होने के चलते शशिकला ने पन्नीरसेल्वम को AIADMK पार्टी से तत्काल निष्कासित कर दिया है। पहले तो उन्हें कोषाध्यक्ष पद से हटाया गया। उनके स्थान पर डिंडीगुल श्रीनिवासन को कोषाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है।
शशिकला के खिलाफ फूंका बिगुल
इससे पहले पनीरसेल्वम ने कहा कि अगर पार्टी कार्यकर्ता चाहें तो मैं अपना इस्तीफा वापस ले सकता हूं। पन्नीरसेल्वम ने प्रेस वार्ता में बताया कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन अम्मा जब अस्पताल में थीं, तो उन्होंने कहा कि पार्टी और सरकार बचाने के लिए “मैं पदभार संभालूं।” पन्नीरसेल्वम ने कहा कि साइक्लोन वर्धा का मामला हो, जया की मौत पर कानून व्यवस्था संभालने का मुद्दा हो या फिर जलीकट्टू, मैंने अम्मा के बताए मुताबिक ही काम किया है। राजस्व मंत्री जब मेरे पास आए और बोले कि शशिकला को सीएम बनना चाहिए तो मेरे खिलाफ गलत शब्द बोले गए। मुझे नीचा दिखाया जाने लगा। एक और मंत्री मेरे पास आए और बोले कि राजस्व मंत्री के शब्द गलत थे।
गौरतलब है कि एआईएडीएमके महासचिव बनने के बाद जयललिता की करीबी रहीं शशिकला के लिए पनीरसेल्वम ने इस्तीफा देकर तमिलनाडु के सीएम की कुर्सी तो छोड़ दी लेकिन ये पिक्चर अभी बाकी है जैसे हालात नजर आ रहे हैं। एक तरफ तो शशिकला के सीएम बनने के बीच कई अड़चन आ रही हैं, वहीं पार्टी के अंदर भी उनके विरोध के सुर ऊंचे हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हो हुई याचिका
शशिकला के मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में भी एक याचिका दायर कर दी गई है। तमिलनाडु के अधिवक्ता सेंथिल कुमार की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यदि शशिकला मुख्यमंत्री बन जाती हैं, और इस बीच सर्वोच्च न्यायालय आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें बरी किए जाने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को पलट देता है तो उन्हें मजबूरन पद से इस्तीफा देना पड़ता है, तो ऐसी स्थिति में राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ कर्नाटक सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एक अपील भी की है और यह मामला शीर्ष अदालत में अभी लंबित है।
राज्यपाल का कर्तव्य है शपथ दिलाना: AIADMK
AIADMK के प्रवक्ता पनरूती एस.रामचंद्रन ने कहा कि विधिवत रूप से निर्वाचित व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाना राज्यपाल का संवैधानिक कर्तव्य है। सरकार के गठन में हो रहे विलंब के बारे में पूछे जाने पर रामचंद्रन ने कहा कि पार्टी राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव के चेन्नई लौटने का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि AIADMK के विधायी दल ने सर्वसम्मति से चिनम्मा (शशिकला) को अपना नेता चुना है। हम राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव के चेन्नई लौटने तक का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद हमारे सभी विधायक राजभवन जाएंगे और राज्यपाल के समक्ष पेश होंगे। साथ ही चिनम्मा के नेतृत्व में सरकार के गठन को लेकर वो लिखित में पार्टी की मंशा को जाहिर करेंगे।