नई दिल्ली, 16 फरवरी 2017: हार्ट केयर फाउंडेशन आफ इंडिया आज समीर मलिक हार्ट केयर फाउंडेशन आफ इंडिया की तीसरी वर्षगाँठ मना रही है। समीर मलिक समृति दिवस के मौके पर 1000 लाभपात्री अपने परिवारों सहित एनजीओ के प्रेसीडेंट डॉ केके अग्रवाल के विचार सुनने के लिए समारोह में शामिल हुए, इस दौरान उनका चैकअप, डॉक्टरी सलाह और मनोरंजन गतिविधियां भी करवाए गए।
समीक मलिक फंड की शुरूआत तीन साल पहले इस सोच के साथ की गई कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक कमज़ोरी की वजह से दिल के रोगों से मौत के मुंह में नहीं जाना चाहिए। फाउंडेशन ने अबतक 500 से ज़्यादा सर्जरी के लिए आर्थिक सहायता दी है, और 1000 से ज़्यादा लोगों की इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गई है।
इस मौके पर बोलते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन आॅफ इंडिया के प्रेसीडेंट एवं आईएमए के नेशनल प्रेसीडेंट डॉ केके अग्रवाल और जनरल सेक्रेटरी डॉ आरएन टंडन ने कहा कि पुरूषों की तुलना में महिलाओं में दिल के रोगों का इलाज उतनी तत्तपरता से नहीं करवाया जाता। महिलाओं की 33 प्रतिशत एंजियोप्लासटी, स्टेंटस और बायपास सर्जरी ; 28 प्रतिशत इनप्लांटेबल डिफिब्रिलेटर्ज़ और 36 प्रतिशत की ओपन हार्टसर्जरी होती है। जन्मजात दिल के विकार लड़कियों में नज़रअंदाज़ कर दिए जाते है जिससे बाद में अपंगता और मौतहोने का ख़तरा बढ़ जाता है।
इसे देखते हुए पिछले साल हमने ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं और छोटे बच्चों की मदद करने पर ज़ोर दिया। हमारा मानना है कि जागरूकता, समय पर इलाज और आर्थिक सहायता से ज़्यादातर दिल के रोगों का इलाज किया जा सकता है और रोके जा सकते हैं। हम 1000 जाने बचाने में सफल रहे हैं और भविष्य में भी इस मुहिंम को जारी रखेंगे। मुख्य मेहमान पूर्व एलजी नजीब जंग ने कहा कि मैं हार्ट केयर फाउंडेशन आॅफ इंडिया को इस बेहतरीन काम के लिए मुबारकबाद देता हूं। संविधान में प्राप्त जीवन का अधिकार तभी संभव हो सकता है जब हर कोईसच में सेहतमंद हो। भारत इस समय गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है जिन्हें मिल जुल कर रोका जा सकता है। इसके लिए बड़े स्तर पर जागरूकता फैलाना आवश्यक है।
विशेष मेहमान के तौर पर पहुंचे पूर्व पुलिस कमिशनर बीएस बस्सी और पूर्व इंटेलीजेंस ब्यूरो डायरेक्टर सैय्यद आसिफ इब्राहिम ने कहा कि चिकित्या के क्षेत्र में कोई भी नई ईजाद तब तक बेकार है जब तक उसका फायदा ज़रूरतमंदों तक ना पहुंचे। भारत जैसे विकासशील देश में आर्थिक रूप से कमज़ोर लोग पीड़ित हैं, क्यूंकि उन्हें अच्छी स्वास्थय सेवाएं प्राप्त नहीं होती। हमें खुशी है कि एचसीएफआई अच्छी और किफ़ायती स्वास्थय सेवाएं सब तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। युवाओं में ख़ास तौर बढ़ते जीवनशैली के रोगों को देखते हुए बड़े स्तर पर जंक फूड, धम्रपान और शराब का सेवन के बारे जागरूकता फैलाना बेहद आवश्यक है। हम एनजीओ को लगातार सहयोग देते रहने का वादा करते हैं।