भारत के हस्तशिल्प क्षेत्र के विकास के लिए प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाने का प्रयास
हस्तशिल्प के क्षेत्र में वैल्यू चेन को मजबूत बनाने के लिए उद्योग के दिग्गजों, कारीगरों और हितधारकों ने की रणनीतियों पर चर्चा
Eros Times: नोएडा – भारत की ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी HCL टेक के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले संगठन, HCL फाउंडेशन ने माई ई-हाट पहल के दो साल पूरे कर लिए हैं। इस खास उपलब्धि का जश्न मनाते हुए, HCL फाउंडेशन ने एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया है। इस बेहद खास कॉन्क्लेव ने उद्योग की दिग्गज हस्तियों, कारीगरों और हितधारकों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया है। इन सभी ने कॉन्क्लेव में भारत के हस्तशिल्प क्षेत्र के विकास के लिए वैल्यू चेन को मजबूत बनाने की सिफारिश की है।
HCL फाउंडेशन की माई ई-हाट पहल कारीगरों को नए ट्रेंड एवं डिजाइन इनोवेशन, AI और IoT-आधारित क्राफ्ट आथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी, इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन और बिजनेस डेवलपमेंट के मौकों की जानकारी प्रदान कराती है। यह पहल माई ई-हाट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से कारीगरों को सीधी पहुंच दुनिया भर के ग्राहकों तक प्रदान करता है। अब तक, इस पहल ने भारत के 15 राज्यों में 3000 से अधिक कारीगरों की मदद की है।
15 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय, नई दिल्ली में आयोजित माई ई-हाट कॉन्क्लेव 2023 में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT), Okhai.org, Pyxera Global, नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस (ICA), SEWA भारत, फाउंडेशन फॉर एमएसएमई क्लस्टर्स (FMC), शिव नादर यूनिवर्सिटी और शिल्प एवं आजीविका क्षेत्र में काम करने वाले अन्य संगठनों ने भाग लिया।
डॉ. निधि पुंढीर, ग्लोबल हेड आफ सीएसआर एवं डायरेक्टर, एचसीएल फाउंडेशन ने कहा, “माई ई-हाट कॉन्क्लेव के जरिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाकर, हम कारीगरों के बीच संवाद बढ़ाना चाहते हैं, इसके साथ ही सभी के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए हम एक मंच तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस मंच ने न केवल प्रतिभाशाली कारीगरों को आगे बढ़ाने में मदद की है, बल्कि शिल्प उद्योग को भी बेहतर बनाने में योगदान दिया है। हम कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके योगदान के लिए के सभी प्रतिभागियों, प्रायोजकों और भागीदारों का आभार व्यक्त करते हैं।”
भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे समर्थन को ध्यान में रखते हुए, कॉन्क्लेव ने वैल्यू चेन को मजबूत बनाने और भारत में शिल्प-आधारित सामूहिकों के भविष्य पर चर्चा के लिए एक खास मंच प्रदान किया है। कॉन्क्लेव ने बेहतर परिणामों के लिए हैंडीक्राफ्ट में टेक्नोलॉजी के अधिकतम उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया है, इसके साथ ही महिला उद्यमियों आगे बढ़ाने और भारत के निर्यात-केंद्रित जिलों में सहकारी मॉडल से सीखने पर बल दिया है। कॉन्क्लेव में समावेशी और टिकाऊ सामूहिक मॉडल की जरूरतों पर भी प्रकाश डाला गया है।