दिल्ली के अंदर प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है, लेकिन अभी सबको सतर्क रहने की जरूरत है
दिल्ली के अंदर ग्रेप-1 , ग्रेप-2 और ग्रेप-3 की पाबंदियां अभी लागू रहेंगी
दिल्ली में बीएस तीन पेट्रोल और बीएस चार डीजल एलएमवी के संचालन पर प्रतिबंध जारी रहेगा
निर्माण-विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू रहेगा, जिन्हें छूट मिली है, उनको सभी नॉर्म्स का पालन करना अनिवार्य
दिल्ली के अंदर सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 बसें ही आ सकती हैं
धूल प्रदूषण रोकने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव तेज करने पर जोर दिया गया है:
Eros Times: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को बताया कि दिल्ली के अंदर वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है। वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद दिल्ली में ग्रेप -4 की पाबंदियां हटा ली गयी है। लेकिन ग्रेप-1 , ग्रेप-2 और ग्रेप-3 की पाबंदियां अभी लागू रहेंगी। निर्माण एवं विध्वंस कार्यों पर रोक अभी लगी रहेगी । साथ ही बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल गाड़ियों के संचालन पर प्रतिबंध जारी रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 बसें ही आ सकती है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हॉटस्पॉट पर विशेष निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही पानी के छिड़काव लगातार करने का आदेश दिया गया है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण के स्तर में पिछले 2 दिनों से लगातार सुधार देखा जा रहा है और आज ए.क्यू.आई. 290 तक पहुँच गया है। उन्होंने दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत के लोगों से निवेदन किया कि प्रदूषण में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार, दिल्ली में ग्रेप -4 की पाबंदियां को हटा दी गई है। ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध हटा लिया गया है। लेकिन ग्रेप-1 , ग्रेप-2 और ग्रेप-3 की पाबंदियां अभी लागू रहेंगी। बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के संचालन पर प्रतिबंध लागू रहेगा। एन सी आर से दिल्ली में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 बसें ही आ सकती है।
मंत्री गोपाल राय ने बताया कि ग्रेप-3 के तहत दिल्ली में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू रहेगा। निर्माण तथा विध्वंस पर बैन से कुछ विभागों को छूट है, लेकिन उन्हें निर्माण तथा विध्वंस के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना पड़ेगा।
इन विभागों को मिली छूट:-
रेलवे स्टेशन, मैट्रो, हवाई अड्डे, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित निर्माण तथा विध्वंस साइट, अंतर्राज्यीय बस अड्डे, अस्पताल, सड़क एवं राजमार्ग, फ्लाईओवर, बिजली, सीवर लाईन, स्वचछता परियोजनाओं पर निर्माण संबंधी छूट रहेगी। इसके साथ-साथ दिल्ली के अंदर जो इंटीरियर वर्क है, जैसे प्लम्बिंग का कार्य, बिजली फिटिंग का कार्य, फर्निचर का काम की छूट रहेगी।
निर्माण तथा विध्वंस स्थलों पर बोरिंग, ड्रिलिंग, खुदाई तथा भराई के काम पर अभी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। निर्माण एवं बिल्डिंग संचालन सहित तमाम संरचनात्मक निर्माण कार्य हैं, उसपर पूरी तरह बैन रहेगा। विध्वंस के कार्य पर पूरी तरह बैन रहेगा। निर्माण तथा विध्वंस साईट पर लोडिंग अनलोडिंग पर बैन रहेगा। कच्चे माल के स्थानांतरण मैनुअल तथा फलाईएस सहित बैन रहेगा। कच्ची सड़कों पर वहनों के आने जाने पर बैन रहेगा। टाइलों पत्थरों के काटने पर बैन रहेगा, फर्श सामग्री के काटने पर बैन रहेगा, पीसने की गतिविधियों पर बैन रहेगा।