सरकार का बजट सत्र 15 से 20 फरवरी तक, वित्त मंत्री आतिशी पेश करेंगी बजट

दिल्ली कैबिनेट ने बजट सत्र आयोजित करने की दी मंजूरी, सरकार ने फाइल एलजी के पास भेजी

हर वर्ष की तरह इस बार भी दिल्ली विधानसभा के पटल पर पेश किया जाएगा आउट कम बजट

शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित होगा दिल्ली सरकार का बजट

स्कूलों की तरह कॉलेजों में भी आंत्रप्रिन्योरशिप प्रोग्राम शुरू करने के लिए बजट में हो सकता है धन आवंटित

केजरीवाल सरकार ने सभी हितधारकों से बजट पर सुझाव लिया है और अच्छे सुझावों को शामिल किया है

Eros Times: सीएम अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व में दिल्ली सरकार का बजट सत्र 2024-25 आगामी 15 फरवरी से शुरू होगा। 15 से 20 फरवरी तक चलने वाले बजट सत्र में पहली बार वित्त मंत्री आतिशी द्वारा दिल्ली का बजट पेश किया जाएगा। वहीं, आम आदमी पार्टी की सरकार का लगातार यह 10वां बजट होगा। केजरीवाल सरकार लगातार आउटकम बजट भी पेश करती आई है। लिहाजा, इस बार भी वित्त मंत्री द्वारा आउटकम बजट पेश किया जाएगा। केजरीवाल सरकार का बजट शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित होगा। सरकार ने बजट तैयार करते समय दिल्ली के सभी हितधारकों से उनका सुझाव लिया है और उनके अच्छे सुझावों को बजट में शामिल किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आयोजित बैठक में दिल्ली कैबिनेट ने बजट सत्र बुलाने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है और अब फाइल एलजी के पास भेज दी गई है। 

इस बार दिल्ली सरकार द्वारा मार्च के बजाय फरवरी में ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किया जा रहा है। बजट सत्र की शुरूआत आगामी 15 फरवरी से होगी और 20 फरवरी को समापन होगा। पिछले वित्तीय वर्ष की तरह इस बार का बजट भी भारी भरकम रहने की उम्मीद है। इस बार वित्त मंत्री आतिशी द्वारा बजट पेश किया जाएगा, जो उनके द्वारा पेश किया गया यह पहला बजट होगा। इस दौरान दिल्ली सरकार अपना आउटकम बजट भी पेश करेगी। पूरे देश में दिल्ली इकलौता राज्य है, जहां केजरीवाल सरकार द्वारा हर साल आउटकम बजट पेश किया जाता है। आउटकम बजट के द्वारा पिछले बजट के सार्वजनिक व्यय की पूरी पारदर्शिता के साथ दिल्ली की जनता को हिसाब दिया जाता है। एक तरह से आउटकम बजट पिछले वित्तीय वर्ष में आवंटित धन के आधार पर विभिन्न विभागों के प्रदर्शन का एक रिपोर्ट कार्ड होता है। दिल्ली कैबिनेट से बजट सत्र बुलाने की मंजूरी मिल गई है और इसकी फाइल अब एलजी के पास भेजी गई है। 

सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने अपने बजट के केंद्र में हमेशा आम आदमी को रखा है। इस बार भी बजट का केंद्र आम आदमी ही रहेगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रमुख रूप से शामिल हैं। दिल्ली सरकार इन बिन्दुओं पर सबसे ज्यादा फोकस करेगी। सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा हमेशा से सबसे उपर रही है। इस बार भी शिक्षा के लिए सबसे अधिक धन आवंटित किए जाने की उम्मीद है। इसके बाद स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को और मजबूत व बेहतर बनाने पर बजट में धन आवंटित किया जाएगा। सरकार हर बार की तरह इस बार भी बजट में अपने नागरिकों को पर्याप्त बिजली और साफ पानी मुहैया कराने पर बल देगी। दिल्ली के अंदर विभिन्न विकास कार्यों को लेकर भी अच्छा खासा धन आवंटित किए जाने की उम्मीद है।

कॉलेजों में आंत्रप्रिंन्योरशिप प्रोग्राम के लिए आवंटित हो सकता है धन

सीएम अरविंद केजरीवाल का मानना है कि वह शिक्षा किस काम की, जिससे रोजगार न मिले। इसलिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू किया गया है, ताकि बच्चे पढ़ाई पूरी करने के बाद खुद का बिजनेस शुरू कर सकें। अब इस प्रोग्राम के अच्छे नतीजे आने लगे हैं। इससे उत्साहित होकर दिल्ली सरकार आंत्रप्रिन्योरशिप प्रोग्राम को कॉलेजों में भी शुरू करना चाहती है। बताया जा रहा है कि कॉलेजों में फाइनल इयर और प्री फाइनल इयर के बच्चों के लिए यह प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। ताकि उनको कॉलेज से निकलने के बाद नौकरी तलाशने की जरूरत न पड़े, बल्कि वो खुद का बिजनेस शुरू कर सकें। इससे और लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसी उद्देश्य से केजरीवाल सरकार इस बार के बजट में आंत्रप्रिन्योरशिप प्रोग्राम के लिए भी धनराशि आवंटित कर सकती है।

78,800 करोड़ का था दिल्ली का पिछला बजट

दिल्ली सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में 78,800 करोड़ रुपए का भारी भरकम बजट पेश किया था, जो ‘‘साफ-सुंदर और आधुनिक दिल्ली’’ थीम पर आधारित था। सरकार का यह बजट दिल्ली में रहने वाले हर तबके को ध्यान में रख कर बनाया गया था। जिसमें सड़कों के सौंदर्यीकरण, फ्लाईओवर, इलेक्टिक बसें, बस डिपों का विद्युतीकरण, बस सेल्टर समेत अन्य मुद्दों पर फोकस किया गया था। दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 21 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। बता दें कि 2015 में दिल्ली का बजट महज 30,940 करोड़ रुपए का ही था, जो बीते वित्तीय वर्ष में ढाई गुना तक बढ़कर 78,800 करोड़ हो गया। केजरीवाल सरकार अपने नागरिकों को कई मुफ्त सहूलियतें देती है। इसके बाद भी दिल्ली का बजट हमेशा ही मुनाफे का रहा है। इस बार का बजट भी मुनाफे का रहने वाला बताया जा रहा है।

20 दिनों से चल रही बजट की तैयारी

दिल्ली सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट की तैयारी बीते 20 दिनों से कर रही है। 6 जनवरी को सीएम अरविंद केजरीवाल ने बजट को लेकर पहली उच्च स्तरीय बैठक की थी। उस दौरान सीएम ने सभी मंत्रियों से आगामी बजट की प्राथमिकताओं पर विस्तृत चर्चा की थी। सीएम द्वारा सभी मंत्रियों को अपनी अपनी प्राथमिकताएं तय करने के निर्देश दिए गए थे। सीएम ने स्पष्ट कहा था कि बजट आम आदमी के सरोकारों से जुड़ा हो, ताकि उनके जीवन में और खुशहाली आए। 

दरअसल, केजरीवाल सरकार दिल्ली के चहुंमूखी विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। दिल्ली को देश का सबसे खूबसूरत शहर बनाने की दिशा में सरकार ने कई सराहनीय पहलें की हैं। साथ ही, सरकार बजट बनाते समय हमेशा अपने नागरिकों का विशेष ध्यान रखती है। आम जनता से जुड़े मुद्दों को बजट में शामिल करके उसका समाधान दिया जाता है। दिल्ली सरकार ने हमेशा ही शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष फोकस दिया है। इस बार भी इन पर विशेष फोकस रहेगा।

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