EROS TIMES: नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण रोकथाम में चौतरफा विफल आम आदमी पार्टी की आतिशी सरकार का प्रदूषण रोकने के लिए जारी हर कदम नाकाम साबित हो रहा है। गैस चैंबर बनी दिल्ली में अत्यंत गंभीर स्तर पर औसतन 401-450 एक्यूआई तक पहुॅचने के बाद एयर क्वालिटी मेनेजमेंट कमीशन को ग्रेप-3 लागू करना पड़ा। यादव ने कहा कि चिंताजनक है कि वायु प्रदूषण के हालात लगातार खराब हो रहे है और सरकारें कुछ करने में नाकाम साबित हुई।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि प्रदूषण के जहरीली होती हवा के बाद प्राईमरी क्लास तक स्कूल बंद करके ऑनलाईन कर दिया है। ग्रेप-3 के बाद सड़कों पर उड़ती धूल पर नियंत्रण पाने में विफल सरकार अब डीजल वाहनों पर सख्ती से प्रतिबंध के साथ बीएस -3 पेट्रोल वाहनों पर रोक रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण दिल्ली की जनता को सफर करना पड़ेगा क्योंकि डीजल वाहन प्रवेश पर पाबंदी के बाद सब्जी, दूध व रोजमर्रा की वस्तुआें के दामों पर असर पड़ेगा। निर्माण कार्य, तोड़ फोड़ पर पाबंदी लगने के बाद मजदूर वर्ग की रोजी रोटी प्रभावित होती है। यदि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए कारगर योजना के साथ काम करे तो लोगों की अजीविका प्रभावित नही होगी।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि प्रदूषण में सहायक पेंटिंग, वेलि्ंडग, गैस कटिंग, सड़कों मेन्यूल सफाई, झाडू लगाने, बिल्डिंग ढहाने, मलबा वाहनों, छतों पर वाटर प्रूफिंग के काम, टाईल कटिंग, ग्राईडिंग, सिमेंट प्लास्टर, सड़क निर्माण रिपेयरिंग काम, ईंट की चिनाई के काम पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद मजदूर वर्ग पूरी तरह बेरोजगार हो जाएगा। सरकार मजदूरों को सहायता राशि देने का प्रावधान करें। क्योंकि सरकार की विफलता के कारण ही ग्रेप-3 को लागू करना पड़ रहा है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि सकरार की प्रदूषण नियंत्रण की योजना इस तरह काम कर रही है कि जिस दिन आतिशी सरकार प्रदूषण रोकथाम के लिए कोई नई योजना की घोषणा करती है, एक्यूआई का स्तर पिछले दिन से अधिक खतरनाक स्तर पर पहुॅच जाता है। सरकार के पास प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोरी घोषणाओं के अलावा कोई ठोस योजना नही है, यही कारण रहा कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अपनी विफलता दर्शाते हुए विपक्षी दलों से प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सुझाव तक मांगे थे। आम आदमी पार्टी के निक्कमेपन के कारण आज लोगों की जिदंगी 5-12 वर्ष तक कम हो रही है, बच्चे, वृद्ध और सांस तथा फेंफड़ों की बीमारी से ग्रस्त लोगों को घर में रहने की सलाह दी जा रही है।