मुंबई, इरोस टाइम्स। शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में आए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे अब कांग्रेस भी छोड़ने का मन बना रहे हैं। सूत्रों से बताया जा रहा है कि नारायण राणे इन दिनों कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। हाल ही में उनके पुत्र निलेश राणे ने प्रदेश कांग्रेस के महासचिव पद पर से त्यागपत्र दे दिया था।
दूसरी ओर उनके दूसरे पुत्र विधायक नीतेश राणे का नाम बुधवार को निलंबित किए गए 19 विपक्षी विधायकों की सूची से अंतिम समय में निकाल दिया गया। जबकि बजट पेश किए जाते समय वह हंगामा कर रहे विधायकों के साथ वहां मौजूद थे। माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ दलों से बढ़ती नजदीकी के कारण उनका नाम इस सूची से अंतिम समय में निकाला गया था।
बता दें कि शिवसेना से राजनीति शुरू करने वाले नारायण राणे 1995 में बनी शिवसेना-भाजपा की सरकार में छह महीने तक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लेकिन 1999 में कांग्रेस-राकांपा सरकार बनने के बाद उनकी शिवसेना से मोहभंग होने लगी। जबकि राज्य में लगातार दूसरी बार कांग्रेस सरकार बनने के बाद उन्होंने शिवसेना से नाता तोड़ा और कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उस समय तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष प्रभाराव उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का लालच देकर कांग्रेस में लाई थीं। लेकिन राणे की वह इच्छा भी पूरी नहीं हो सकी। कांग्रेस में उन्हें हमेशा बाहरी ही माना जाता रहा है। माना जा रहा है कि अब कांग्रेस से भी उनका मोहभंग हो चुका है।
राणे ने किया इन्कार कहा छोड़ दूंगा पार्टी
कांग्रेस छोड़ने के प्रयासों पर राणे ने कहा है कि मैंने किसी और दल में जाने का निर्णय नहीं किया है। न कोई नेता मुझसे मिला है, न किसी से मेरी उस बारें में कोई चर्चा हुई है। फिर भी पिछले 15 दिनों से मेरे कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं चल रही हैं। राणे कहते हैं कि मैं किसी काम से मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मिलने गया हुआ था। तो इसका मतलब यह कतई नहीं है कि मैं भाजपा में जा रहा हूं, या जाने वाला हूँ। उनका मानना है कि यह खबर फैलाने के पीछे कांग्रेस के ही आला नेताओं का हाथ है।