EROS TIMES: NOIDA पुरानी कहावत है कि ‘वहीं बालक का खेलना, वहीं भूत का वास।’ सड़क दुघर्टनाओं पर यह कहावत खरी उतरती है। सड़कों का खस्ताहाल सड़कों पर परिवहन की बढ़ती निर्भरता से स्थिति बद से बद्तर होती जाती है। प्रतिवर्ष लाखों लोग सड़क दुघर्टनाओं में जान गंवा देते हैं। न्यायालयों में सड़क दुघर्टना बीमा के मामले दिन प्रतिदिन बढते ही जा रहे हैं। क्या इस सबके लिए केवल सड़कों की बदतर स्थिति ही जिम्मेदार है?आज जनपद गौतमबुद्धनगर में कर्मयोग एवं सड़क सुरक्षा अभियान के तहत आयोजित एक संगोष्ठी में सड़क सुरक्षा से संबंधित कई सवालों पर गहन विचार विमर्श किया गया।
गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित इस संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश के परिवहन सचिव एल वेंकटेश्वर लू, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा समेत आसपास के जनपदों के परिवहन विभाग से जुड़े अधिकारी, स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी और शिक्षण संस्थाओं के छात्रों ने हिस्सा लिया। प्रमुख सचिव ने आत्म संयम से सड़क पर चलने और यातायात नियमों का पालन करने का संदेश दिया। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने इस अवसर पर सड़क दुघर्टनाओं पर नियंत्रण के लिए सड़कों के डिजाइन से लेकर उन्हें गड्ढा मुक्त रखने, सड़कों पर दिशा सूचक तथा स्थान की जानकारी देने वाले बोर्ड लगाने, लोगों को यातायात नियमों के संबंध में शिक्षित करने तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही। गौरतलब है कि सबसे असुरक्षित परिवहन सड़क पर माना जाता है। इसके लिए सड़कों की खराब बनावट और रखरखाव में लापरवाही तो कारण है ही, लोगों का जानबूझकर यातायात नियमों को न मानना भी बढ़ती सड़क दुघर्टनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कारण है। तीन दिन पहले पुणे में एक नाबालिग कार चालक द्वारा शराब पीकर तेज रफ्तार कार से दो लोगों की जान लेने की घटना फिलहाल सुर्खियों में है। इन्हीं घटनाओं के मद्देनजर सरकार द्वारा निरंतर ऐसी संगोष्ठियों का आयोजन कर जन जागरुकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।(नेक दृष्टि)
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