पीएचडी किये हुए लोग ही असली डॉक्टर होते हैं – डॉ० भारद्वाज
डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने मुख्य अतिथि के तौर पर गोवा में एक शानदार समारोह के दौरान 223 प्रतिभागियों को उनकी मेहनत और उत्कृष्टता की पहचान दिलाने के लिए दीक्षांत/डॉक्टरेट डिग्री (Ph.D.) तथा मेडल प्रदान किए । इस दीक्षांत समारोह का आयोजन गोवा के एक पांच स्टार होटल रॉयल आर्किड में किया गया था। इस समारोह में डॉ. अनीता भारद्वाज को इंडो ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा “पूर्ण प्रग्ना पुरस्कार” से सम्मानित किया गया
डॉ० भारद्वाज ने पाँच पुस्तकों का भी किया लोकार्पण
इस कन्वोकेशन के दौरान, 5 पुस्तकों – “इकोनॉमिक डेवलपमेंट, लीड योरसेल्फ टुवर्ड्स इंडिनाइट ग्रोथ, दा गोवा रिवोल्यूशन डे, विमेंस लीडरशिप, और रक्तदान में जिंदगी” का भी लोकार्पण किया गया।
इस अद्वितीय अवसर पर, डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने नीदरलैंड के यूरो एशियन यूनिवर्सिटी, यूएसए के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, इंडो ग्लोबल यूनिवर्सिटी, लोगोस यूनिवर्सिटी, और सेंट्रल क्रिस्चियन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट्स को उनकी सफलता की मिली डिग्री और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया ।
डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने इस महत्वपूर्ण पल में शिक्षा के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रतिभागियों को बधाई और प्रेरणा दी तथा इस समारोह को सफलतापूर्वक आयोजित करने में सहयोग करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया ।
डॉ भारद्वाज ने कहा की –
असली लीगल डॉक्टर तो पीएचडी करे हुए लोग ही असली डॉक्टर होते हैं क्योंकि डॉक्टर शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ” डोसरे” से हुई है जिसका अर्थ है पढ़ना I 19वी सदी में फिजिशियनो ने स्वयं अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाना शुरू कर दिया जो की अब एक प्रथा बन गया है! उनका यह भी कहना है की डॉक्टरेट डिग्री धारकों को ही अपने द्वारा अर्जित ज्ञान को पढ़ाने के लिए डॉक्टर कहलाने का अधिकार है। दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. भारद्वाज ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की छात्रों को अनुसंधान , नवाचार की सोच के दायरे को बड़ा करना होगा ताकि भारत शोध के क्षेत्र में अधिक उन्नति पाठ पर चले।
डॉ. भारद्वाज मानते है की मनुष्य को सदैव अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिये। जड़ों से ही असली संजीवनी और सृजनशीलता मिलती है ।
इस दौरान उन्होंने पीएचडी करने के कुछ फायदे भी बताए जैसे-
• स्पेशलाइज्ड ज्ञान प्राप्त करना
• शोध व प्रोफेशनल लोगो में आपका नाम व सम्मान
• समाज में व्यतिगत निर्माण
• आप लेखक व प्रोफेसर भी बन सकते है।
• विकास के अनगिनत अवसर प्राप्त होते है।
• अनुसंधान व नवाचार में बेहतर भविष्य