गाजियाबाद,शनिवार को आर्य समाज कविनगर में दो दिवसीय दीपावली महोत्सव एवं दयानन्द बलिदान दिवस का भव्य शुभारंभ ब्रह्मा आचार्य प्रमोद शास्त्री के ब्रह्मत्व में महायज्ञ से हुआ। मुख्य यज्ञमान संजय गौतम एवं ऋतु गौतम रहे। यज्ञोप्रांत आचार्य ने यज्ञमानों को आशीर्वाद दिया और सुखद जीवन की प्रभु से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि जितना उपकार स्वामी दयानन्द ने महिलाओं पर किया है उतना अन्य किसी ने नहीं किया।
बुलंदशहर से पधारे आर्य जगत के सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक आचार्य नरेन्द्र,योगी प्रवीण आर्य एवं नरेश चन्द्र ने ईश्वर भक्ति के सुन्दर भजनों और दयानंद गुणगान से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य वक्ता स्वामी सूर्य देव ओंकारेश्वर (मध्यप्रदेश) ने कहा कि सात्विक स्वभाव के लोग एक अच्छी याददाश्त के साथ बहुत तेज़ दिमाग के होते हैं।वो सहज रूप से स्वच्छ,व्यवस्थित और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं। वे शांत,सभ्य और दूसरों का ध्यान रखने वाले और विनम्र और अच्छे शिष्टाचार के साथ सभी के लिए मददगार होते हैं। सात्विक लोग जीवन को एक अनुभव के तौर पर देखते हैं जिससे वो कुछ अच्छा सीख सकें, और वो पद का कभी घमंड नहीं करते, ना ही ईर्ष्या करते हैं। उन्होंने रामायण का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब श्रीराम बनवास गए तो भरत उन्हें वापसी लाने हेतु पीछे पीछे गए थे। वे उनकी खड़ाऊं लेकर अयोध्या लौटे।खड़ाऊं क्यों पहनते हैं?प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा सात्विक ऊर्जा के स्रोत को बढ़ाने के लिए खड़ाऊँ पहनते हैं।हाथ में शक्ति आने पर यदि आपके चेहरे पर कांति,सौम्यता बनी रहती है तो आप सात्विक ऊर्जा के स्वामी हैं।शक्ति का उपयोग लोक कल्याण के लिए करें तभी दीपावली मनाना सार्थक होगा।
मुख्य अतिथि कृष्ण देव शास्त्री ने कहा कि दीपावली हमारा पर्व आदि सृष्टि से प्रारंभ हुआ था।यह हमारा सनातन पर्व हैं।नवस्यसेष्टि पर्व वर्ष में दो बार शारदीय दीपावली, वासंती होली पर नवीन अन्न को सर्वप्रथम देवताओं को भोग यज्ञ अग्नि के माध्यम से लगाया जाता है,यह हमारी सनातन परम्परा है।जब जब नया अनाज आता है तब तब हम पर्व मनाते हैं।उन्होंने कहा आज पर्वों का व्यवसायीकरण हो गया है। घी तेल के दीयों की जगह चाइनीज लड़ियों, दीयों,पटाखों ने ले ली है,अपने बच्चों को सनातन परम्परा को समझाना होगा।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वामी सूर्यवेश ने कहा कि वाल्मीकि समाज में ओर गरीबों में यज्ञ करें, मिठाई बांटे और उनकी सहायता करें उन्हें धर्म परिवर्तन से बचाएं।
मंच का कुशल संचालन यशस्वी मंत्री लक्ष्मण सिंह चौहान ने किया।
समाज के प्रधान वीके धामा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री आर्य सेवाराम त्यागी, रामेश्वर दयाल गुप्त,उदयवीर शास्त्री, योगी प्रवीण आर्य,विजय पाल सिंह राठी, कविता राठी, विनोद अग्रवाल, मृदुला अग्रवाल, डा प्रमोद सक्सेना, हरवीर सिंह, सत्य पॉल आर्य,आशा रानी आर्य, बृजपाल गुप्ता, राजेन्द्र आर्य, प्रमोद गर्ग,महिपाल सिंह तोमर,नरेन्द्र आर्य आदि उपस्थित रहे।
शांतिपाठ एवं प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।