Eros Times: नई दिल्ली। ‘संस्कार भारती’ दिल्ली प्रांत पिछले वर्ष आयोजित ‘दिल्ली कला उत्सव’ की अपार सफलता से उत्साहित होकर दिल्ली के कलाप्रेमियों व संस्कृतिधर्मियों में कलादृष्टि विकसित करने के लिए इस वर्ष 16-17 दिसंबर को रवींद्र भवन परिसर, मंडी हाउस, नई दिल्ली पुनः ‘दिल्ली कला उत्सव’ आयोजित कर रहा है। इस आयोजन में दिल्ली-एनसीआर के प्रसिद्ध व नवोदित प्रतिभाशाली कलाकारों की रम्य प्रस्तुतियाँ होंगी। इस वर्ष उत्सव का केंद्रीय विषय ‘समरसता के नायक राम’ है। जनवरी 2024 में राम मंदिर के उद्घाटन के पावन अवसर की पूर्वपीठिका के संदर्भ में श्रीराम का निर्बल, अशक्त, शोषित, वंचित वर्ग उत्थान और इन्हें मुख्यधारा में लाकर समरस समाज बनाने के उनके प्रेरक और अनुकरणीय जीवन का दिग्दर्शन होगा।
लगभग एक सौ चित्रकारों द्वारा श्रीराम और समरस समाज का चित्रण करती पेंटिंग्स और मूर्तिशिल्प की अद्वितीय प्रदर्शनी लगेगी। संगीत, नृत्य, गायन, नाटक, कविता आदि के माध्यम से श्रीराम के आदर्श और समतामूलक संदेश समाज में प्रसारित करने के लक्ष्य से आयोजित इस उत्सव में कला की पारंपरिक और लुप्तप्राय विधाएँ, यथा—कठपुतली, कुम्हार, बाइस्कोप, लोकनृत्य, लोकगायन की प्रस्तुतियों के साथ-साथ दिल्ली के प्रसिद्ध और स्वादिष्ट व्यंजनों के खान-पान के स्टॉल होंगे। युवाओं व कॉलेज विद्यार्थियों के लिए एक विशेष पोस्टर व फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है, जिसमें श्रीराम और दिल्ली के प्राचीन मंदिरों पर फोकस रहेगा।
‘संस्कार भारती’ साहित्य अकादेमी, ललित कला अकादेमी व संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से यह बृहद् आयोजन कर रही है। आयोजन समिति के प्रमुख दिल्ली प्रांत के कोषाध्यक्ष महेंद्र गुप्ता ने बताया कि ‘दिल्ली कला उत्सव’ केवल एक उत्सव नहीं है; वरन् यह दिल्लीवासियों को अपनी समृद्ध व प्राचीन कला-संस्कृति-विरासत से जुड़ने का अवसर है।
उत्सव में प्रवेश निशुल्क है; कलाप्रेमी सपरिवार आकर दिल्ली की कला-संस्कृति और खान-पान का आनंद ले सकते हैं।
‘संस्कार भारती’ कला और साहित्य को समर्पित राष्ट्रीय संस्था है, जो विभिन्न कला-संस्थाओं के साथ समन्वित प्रयास करके कला-साहित्य व संस्कृति को संरक्षित-संवर्धित करती है, कलाकारों को प्रोत्साहित करती है।