स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली, इरोस टाइम्स: धौनी को जैसे ही टीम इंडिया से हटाने की बात होती है तो करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस को ये अपने चहेते पूर्व कप्तान के साथ नाइंसाफी लगने लगती है। बेशक उनके जैसा कप्तान व फिनिशर आसानी से नहीं मिलता लेकिन एक हकीकत ये भी है कि खेल के मैदान से एक उम्र के बाद हर किसी की विदाई तय होती है। ऐसे में अब जब वो फॉर्म से भी बाहर हैं और उनकी जगह लेने के लिए कई नाम सामने तैयार नजर आ रहे हैं तो जल्द ही मुमकिन है कि हमें अपने चहेते खिलाड़ी को बाय-बाय कहना पड़ेगा। इन्हीं नामों में एक ऐसा खिलाड़ी है जो इस समय सीमित ओवर क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए परफेक्ट नजर आ रहा है।
# धोनी की जगह लेगा यह खिलाडी…
धौनी का जर्सी नंबर.7 लंबे समय तक विकेट के पीछे भारतीय टीम की पहचान रहा है। इस समय एक खिलाड़ी ऐसा है जो आए दिन अपनी विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी से फैंस का दिल जीत रहा है, ठीक वैसे ही जैसे लंबी जुल्फों वाले युवा धौनी किया करते थे।
नाम है रिषभ पंत और इन दिनों उनका जर्सी नंबर है 777..गुरुवार रात आइपीएल मैच में गुजरात के खिलाफ 97 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलकर उन्होंने खुद को फिर से साबित किया था। ये तो कहना गलत होगा कि जर्सी नंबर की तरह ही रिषभ में धौनी से तीन गुना ज्यादा प्रतिभा मौजूद है लेकिनं हां, इतना जरूर है कि इस 19 वर्षीय खिलाड़ी ने अंडर-19 से लेकर घरेलू क्रिकेट तक और अब आइपीएल में भी खुद को विकेट के पीछे और आगे, दोनों ही जगह साबित किया है। अब जब दिनेश कार्तिक का करियर पहले से ही लड़खड़ा चुका है, केदार जाधव और उथप्पा की निरंतरता को लेकर सवाल उठ रहे हों, पार्थिव पटेल को लेकर चयनकर्ताओं में एक राय नहीं हो और रिद्धिमान साहा की उम्र को देखते हुए छोटे प्रारूप में उन्हें लेना ठीक न दिख रहा हो तो ऐसे में रिषभ विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में एक फिट विकल्प नजर आ रहे हैं।
# छोटी सी उम्र में मिली बड़ी सफलताएं…
ये वही रिषभ पंत हैं जिन्होंने पिछले अंडर-19 विश्व कप में 18 गेंदों में अर्धशतक जड़ने के साथ-साथ पूरे टूर्नामेंट में धमाल मचाया था। ये वही रिषभ हैं जिन्होंने पिछले रणजी सीजन में 18 की उम्र में घरेलू क्रिकेट करियर का आगाज किया और झारखंड के खिलाफ 48 गेंदों में इस टूर्नामेंट का अब तक का सबसे तेज शतक जड़ डाला। यही नहीं, रिषभ वही खिलाड़ी हैं जिन्होंने इसी रणजी सीजन में महाराष्ट्र के खिलाफ मैच में तिहरा शतक जड़ा था। 308 रनों की उनकी उस पारी ने कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए थे। वो भारतीय टी20 टीम में भी इसी साल की शुरुआत में चुने गए और ये सफलता हासिल करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। बेशक उनके पास अनुभव की कमी है लेकिन ये भी नहीं भूलना चाहिए कि टीम इंडिया में धौनी समेत कई ऐसे खिलाड़ियों को अचानक एंट्री मिली और देखते-देखते वे स्टार बन गए।
जनवरी 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद धौनी पर जब ये दबाव बढ़ा कि अब उन्हें कप्तानी छोड़ देनी चाहिए तो इस पर धौनी ने एक खास बयान दिया था। धौनी ने कहा था कि, ‘मैं इससे चिपक कर रहना नहीं चाहता। अगर कोई बेहतर विकल्प है, तो मैं हटने को तुरंत तैयार हूं। दिन के अंत में आप यही चाहते हो कि आपकी टीम अच्छा प्रदर्शन करे, अगर कोई मुझसे बेहतर कर सकता है तो मुझे हटने में कभी एतराज नहीं होगा।’ धौनी का ये बयान कप्तानी को लेकर था लेकिन उनकी भावनाएं साफ थीं कि वो तब तक ही खेलेंगे जब तक वो फॉर्म में होंगे और जब तक उनका विकल्प नहीं होगा। अब ताजा तस्वीर माही के सामने है। उनकी बल्लेबाजी पहले जैसी नहीं रही और कप्तान अब वो हैं नहीं। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो चुका है, उनका योगदान भी अतुल्नीय है लेकिन सवाल यही है.. कि आखिर कब तक।