केंद्रीय वित्त मंत्री
श्रीमती निर्मला सीतारमण से केंद्रीय बजट के निकट आने के साथ ही व्यापारी समुदाय की चिंताओं का समाधान की अपेक्षा है ।
सुशील कुमार जैन ने कहा कि
GST कानून में सरलीकरण किया जाय एवं जीएसटी के लागू होने के बाद से आये अनगिनत बदलावों के चलते यह क़ानून अव बहुत जटिल हो गया है । हम यह अपेक्षा करते हैं कि इस जीएसटी क़ानून का सरलीकरण करके दोवारा से लिखा जाय।
सुशील कुमार जैन ने कहा कि
वस्तु एवं सेवा कर (GST) कानून को व्यापारियों के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए इसे सुव्यवस्थित करने के महत्व को समझकर समाधान किया जाय । इसके जटिल मुद्दों के समाधान की सुविधा के लिए जिला स्तर पर GST समन्वय समितियों के गठन और एक मजबूत GST नेटवर्क बनाने की भी ज़रूरत है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को लाभ हो।
कैट के दिल्ली एनसीआर संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा कि मौजूदा कॉर्पोरेट ढांचे के अनुरूप उद्यमों के लिए एक अलग आयकर स्लैब की जरूरत है तथा दस लाख तक की आय को आयकर मुक्त करके पुराने और अप्रासंगिक प्रतिबंधों को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए सभी व्यापार-संबंधी कानूनों की पूरी समीक्षा करने की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री के “एक राष्ट्र, एक कर” लक्ष्य के अनुरूप, उन्होंने फर्मों के लिए एकल लाइसेंस पेश करके लाइसेंसिंग प्रणाली को सुव्यवस्थित करने पर काम हो । कैट ने ई-कॉमर्स नीति को शीघ्र जारी करने और राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति के कार्यान्वयन की भी अपेक्षा है। व्यापारियों के संगठन ने कम ब्याज वाले ऋणों तक पहुंच का विस्तार करने, व्यापारी पेंशन कार्यक्रम को संशोधित करने और थोक व्यापार के लिए राज्य की राजधानियों में विशेष व्यापार क्षेत्र स्थापित करने का काम हो । कैट ने निर्यात बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कपड़ा, खिलौने, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स, हार्डवेयर, आभूषण और रेडीमेड कपड़ों सहित विभिन्न उद्योगों में टास्क टीमों के गठन की वकालत की है। चेक बाउंस होने की समस्या से निपटने के लिए CAIT ने जिला स्तर पर रिकवरी ट्रिब्यूनल या लोक अदालत की स्थापना का हो, जिससे 45 दिनों के भीतर त्वरित निर्णय लिया जा सकेगा।
उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) पहल से उद्यमों तक लाभ पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, साथ ही बाजार अवसंरचना रणनीति की स्थापना की भी आवश्यकता पर जोर दिया है।
CAIT ने व्यवसायों के लिए बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के महत्व पर भी जोर दिया है, जिसमें डिजिटल भुगतान के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर बैंक दरों में सब्सिडी देने की ज़रूरत है, साथ ही डिजिटल भुगतान संवर्धन बोर्ड की स्थापना भी की जानी चाहिए।