Eros Times: नोएडा पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता,कोतवाली 20 एवं कोतवाली फेस-1 के ज्वाइंट ऑपरेशन में गद्दू गैंग का किया खुलासा। सरगना सहित कुल 08 शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 10 लग्जरी कारें तथा चोरी करने में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उपकरण भारी मात्रा में एवं 9 ई0सी0एम0 तथा 01 पिस्टल मय 5 कारतूस 32 बोर व 03 तमंचे मय 03 जिन्दा कारतूस 315 बोर के बरामद किए है। वहीं नोएडा के डीसीपी हरिश्चंद्र ने गैंग के अपराध करने के तरीके को सिलसिले बार तरीके से बताया कि यह पूरा गैंग तीन कड़ियों में कम करता था जिसका मास्टर माइंड साकिब उर्फ गद्दू है और यह गिरोह दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र गाजियाबाद व नोएडा मे विभिन्न सेक्टरों/कालोनियों में खडी लग्जरी कार जैसे फॉर्च्यूनर, स्कार्पियों, इनोवा, क्रेटा, बलैनो को ऑन डिमांड चोरी करने का कार्य पिछले कई वर्षों से एक साथ मिलकर कर रहे थे।
इस गिरोह के सदस्य मो0 इमरान उर्फ टट्टी, मो0 फरमान, राशिद उर्फ काला, शाहिबजादा, मोनू उर्फ जमशेद, मास्टर माइंड शाकिब उर्फ गद्दू के लिए कार्य करते है, जिनको शाकिब उर्फ गद्दू द्वारा कार चोरी करने के डिवायस/पैड, चाबियाँ एवं अन्य उपकरण उपलब्ध कराए जाते थे,जिनकी सहायता से यह लोग कार चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे और इनके निशाने पर मार्केट में आई ऑन डिमान्ड ऐसी कारें होती थी जो टोटल लॉस या कैश लॉस हो जाती थी और यह दिल्ली/एनसीआर/नोएडा में रैकी कर उन गाड़ियों को निशाना बनाते थे जो कारें असुरक्षित स्थान पर खड़ी होती है,और गद्दू गैंग का सदस्य मो0 फरमान एवं राशिद काला जो कि कारों की चाबी की प्रोग्रामिंग के एक्सपर्ट है के द्वारा असुरक्षित खडी गाडी का ड्राईवर साईड का शिशा ग्लास ब्रेकर की सहायता से तोड दिया जाता है और अगर कार “PUSH BUTTON START” होती है तो मो0 फरमान एवं राशिद उर्फ काला के द्वारा “KEYPROGRAMMING DEVICE” को एक कनैक्टिंग कैबल के माध्यम से कार में कनैक्ट कर प्रोग्रामिंग सहायता से एक “REMOTE KEY” तैयार कर कार को स्टार्ट कर लेते हैं यदि कार KEY स्टार्ट होती है तो इनके द्वारा कार के स्टेरियगं के नीचे होल कर KEY LOCK SET जो कि पूर्व से कार में लगा होता को निकाल लेते है इनके पास मौजूद KEY LOCK SET WITH KEY को बदल कर कार को स्टार्ट कर लेते है इस कार चोरी की पूरी प्रक्रिया करने में 3-4 मिनट का वक्त लगता है और इसी दौरान गद्दू गैंग के अन्य सदस्य शाहिबजादा व मोनू उर्फ जमशेद बाहर उतरकर आस-पास की निगरानी करते है ताकी कोई खतरा आने पर वह कार चोरी के कार्य में लगे सदस्यों को बता सकें और इसी समय एक सदस्य मो0 इमरान कार को स्टार्ट रखकर बागने के लिए तैयार रहता है जैसे ही कार स्टार्ट हो जाती है तो मो0 फरमान द्वारा उस कार को टीम के ही एक सदस्य को देकर उस बताए गए स्थान पर मिलने के लिए कहता है जिसके बाद वह सदस्य कार को लेकर वहां से चला जाता है और बचे हुए सदस्य अन्य कारों को चोरी करने के लिए पुनः निकल जाते है। और इसी तरीके से यह एक दिन में कम से कम दो से तीन गाड़ियों को अपना निशाना बनाते हैं और गैंग के सभी सदस्य बताए गए स्थान पर आपस में मिलते हैं । अपनी कोड वर्ड भाषा में कहते हैं की गाड़ी को ठंडा कर दो जिसका यह अर्थ होता है कि उन गाडियों को एक या दो दिन के लिए कहीं खडी कर देते हैं, जिससे यदि उसमें जी0पी0एस0 आदि चीजें लगी हों, तो वह पुलिस की गिरफ्त में न आ सके और निगरानी के लिए 2000/- रू0 में एक लडके को रख लेते है । जो उन गाडियों पर नजर रखता है और कोई गडबडी होने पर इन्हें सूचना देता है। जब सारी परिस्थितियाँ सामान्य हो जाती है तो मो0 फरमान उक्त स्थान पर आकर कार में शिशा डालकर आस-पास ही मौजूद गद्दू को उन चोरी की गाडियों गद्दू को बेच देते हैं । इन चोरी की गाडियों को लेने के लिए या तो गद्दू आता है या फिर वह अपने किसी ड्राइवर को भेजकर उन गाडी की नंबर प्लेट को बदलवाकर ले जाता है इस गिरोह के सरगना शाकिब उर्फ गद्दू द्वारा खरीदी गई चोरी की कारें फार्च्यूरन को 8-10 लाख रूपये में, स्कार्पियों को 5-6 लाख में, क्रेटा को 3-4 लाख में व ब्रेजा व स्विफ्ट को 1-2 लाख रूपये में ऑन डिमान्ड के आधार पर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने अन्य साथी रोहित मित्तल, रंजीत, बप्पा को बेचकर पंजाब, जयपुर, हैदराबाद जैसे स्थानों पर भेज देता है ।
आखिर कौन है शाकिब उर्फ गद्दू और क्या है पुराना इतिहास!
साकिब उर्फ गद्दू मूल रूप से मेरठ का निवासी है और पहले यह एक बड़ा कबाड़ी हुआ करता था मगर वर्ष 2017 में सत्ता में आई भाजपा की योगी सरकार का सख्ती का असर ऐसा हुआ कि जहां पहले कभी चोरी की हुई गाड़ियों को गलाने का काम किया जाता था मगर योगी सरकार ने इस पूरी की पूरी मार्केट को पूर्ण रूप से बंद करा दिया है जिसके बाद से ही यह गैंग बनाकर वारदातों को अंजाम दे रहा था और लगभग 50 से अधिक अपराध के मुकदमे दर्ज हैं।
डीपीसी नोएडा ने बताया सैकेन्ड हैन्ड(पुरानी) कारें खऱीदते समय किन-किन बातों का रखें ध्यान
सबसे पहले सैकेन्ड हैन्ड गाडिया हमेशा ऑथॉराइस्ड डीलर से ही हमेशा क्रय करें और गाडी खऱीदने से पहले कम्पनी के ऑथॉराइस्ड डीलर से सर्वे कराकर चेक कराना चाहिए और गाडी का टॉटल लॉस का रिकार्ड बीमा कम्पनी की मदद से प्रमाणित करा कर ही खीरदें और गाडी के पीछले इतिहास के बारे में जानकारी, ऑथॉराइस्ड डीलर आरटीओ बीमा कम्पनी के माध्यम से चेक कराएं तथा गाडी को खरीदते समय गाडियों की चाबी को चेक करने पर यदि रिमाट ज्ञम्ल् में ज्ञम्ल् उपलब्ध न होने पर उसे कभी न खरीदे और यदि ज्ञम्ल् है तो उसकी जांच अवश्य कर ले की वह कहीं से घिसी तो नहीं है अगर यदि ऐसा होता है तो इस तरीके की गाडियों को न खरीदे औऊ जिन गाडियों में जी0पी0एस0 कम्पनी से लगा होता है वह जरूर चौक करें की वह काम कर रहा है या नहीं यदि जीपीएस कार्य नहीं कर रहा है तो इसकी जांच अवश्य कराने के पश्चात ही गाडी को खरीदें तथा किसी भी सैकेन्ड हैन्ड गाडी को खरीदते समय यह पुष्टि कर लें की उस गाडी की दो चाबियाँ है या नहीं ।