नोएडा, इरोस टाइम्स: केन्द्रीय आर्य युवक परिषद नई दिल्ली के तत्वावधान में डा.अशोक कुमार चौहान (संस्थापक अध्यक्ष एमिटी शिक्षण संस्थान) व् अमिता चौहान चेयर पर्सन,एमिटी इन्टर नेशनल स्कूल्स) के सान्निध्य में व् परिषद अध्यक्ष डॉ अनिल आर्य के कुशल नेतृत्व में चल रहे विशाल आर्य युवक चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास शिविर के छठे दिन जालंधर पंजाब से पधारे सरदार सुरेन्द्र सिंह गुलशन के मधुर ईश भक्ति व देश भक्ति के भजनों से युवकों को प्रेरित किया।
इस अवसर पर वैदिक विद्वान आचार्य गवेन्द्र शास्त्री ने कहा की 19वीं शताब्दी के महानायक, समाजसुधारक,क्रांतिकारी महर्षि दयानंद सरस्वती ने उस समय की समाजिक बुराई बाल विवाह, सती प्रथा को समाप्त करने व स्त्री शिक्षा को अनिवार्य बनाने तथा देश को स्वतंत्र कराने में अहम् भूमिका निभाई।उन्होंने नारा दिया की वेदों की ओर लौट चलो तभी जन-जन का कल्याण होगा।धर्म के नाम पर मच रही लूट को सत्यार्थप्रकाश , संस्कारविधि, व्यवहारभानु, ऋग्वेदादि भाष्यभूमिका, आर्याभिविनय , वेदों के भाष्य आदि रचनात्मक कार्य कर भ्रमित लोगों को वेद का सही मार्ग दिखाया।
इस अवसर पर केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महेन्द्र भाई ने अपने उद्धबोधन में कहा कि कोई व्यक्ति जन्म से नही बल्कि अपने कर्म से बड़ा होता है। आज समाज में किसी व्यक्ति को जन्म के आधार पर छोटा बड़ा माना जाता है। उसका परिणाम है समाज का आपसी ताना बाना कमजोर होता जा रहा है।समाज को मजबूत व सशक्त बनाने के लिए कर्मों के आधार पर व्यक्ति का मूल्यांकन होना चाहिए। समाज में फैले जातिवाद, साम्प्रदायिकता को एक झटके से खत्म करना पड़ेगा तभी एक आदर्श समाज की स्थापना होगी। आज के समय में जातिवाद व साम्प्रदायिकता देश के लिए सबसे बड़ी चुनोती है।
डॉ. वीरपाल विद्यालंकार ने कहा कि परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ कृति मानव का मुख्य आहार है शाकाहार।जैसा गीता में भी कहा है जिसका आहार-विहार-विचार-संस्कार युक्ति-युक्त प्राकृतिक एवं स्वाभाविक होता है वही योगी कहलाता है।वही व्यक्ति श्रेष्ठ ज्येष्ठ महान बुद्धिमान एवं विद्वान होता है,वही निरोग होता है।जो निरोग होता है उसी का योग होता है।इसलिये विद्वानों ने कहा है करो योग रहो निरोग। अन्न की पवित्रता एवं सादगी के बिना विचार पवित्र नहीं नहीं बन सकते।विचार के बिना अचार श्रेष्ठ नहीं बन सकता।
मुख्य शिक्षक सौरभ गुप्ता ने बताया कि नई पीढ़ी को ईश्वर भक्त ,देश भक्त संस्कारवान व चरित्रवान बनाने के लिए इस प्रकार के शिविरों का आयोजन किया जा रहा है ।
परिषद के सुयोग्य शिक्षक सूर्यदेव व्ययमचार्य ,योगेंदर शास्त्री,मनोज शास्त्री,सौरभ गुप्ता, प्रदीप आर्य,अनुज आर्य, पिंटू आर्य, गौरव गुप्ता, केशव आर्य, शिवकांत आदि के द्वारा शिविर में युवकों को योग,लाठी,कराटे,डम्बल,लेज़ियम,तलवार और आत्मरक्षा के गुण सीखाया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुश्री सोनिया आर्या ,त्रिलोक शास्त्री,प्रवीण आर्य आदि उपस्थित थे।