दिल्ली सरकार की बसों में अब तक 100 करोड़ ‘पिंक पास’ जारी किये गए
पिंक टिकट इस्तेमाल करने वाली महिला यात्रियों की संख्या 2020-21 में 25% और 2021-22 में 28% के मुकाबले 2022-23 में बढ़कर अब तक लगभग 33% हो गई है
केजरीवाल सरकार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अक्टूबर, 2019 में ‘पिंक पास’ योजना की शुरुआत की थी
2022 में, डीटीसी और डिम्ट्स बसों में औसतन 36 लाख यात्रियों ने रोज़ाना यात्रा की
केजरीवाल सरकार वर्तमान में 7,379 बसों का संचालन करती है
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में, दिल्ली सरकार ने यह दिखाया है कि कैसे मुफ्त यात्रा शहर में महिलाओं को सशक्त बना सकती है
पिछले कुछ वर्षों में महिला बस यात्रियों की बढ़ती संख्या इस योजना की सफलता को दर्शाती है
दिल्ली सरकार ने इन वर्षों में जारी किए गए पिंक पास पर कुल 1000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं
EROS TIMES: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दिल्ली सरकार की बसों में जनवरी 2023 के अंत तक 100 करोड़ पिंक टिकट जारी किए गए हैं। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित सभी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की योजना अक्टूबर 2019 में केजरीवाल सरकार द्वारा शुरू की गई थी। दिल्ली सरकार वर्तमान में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डिम्ट्स) के तहत 7,379 बसों का संचालन करती है। केजरीवाल सरकार की योजना इन बसों की संख्या में वृद्धि कर 2025 तक 10,480 करने की है।
केजरीवाल सरकार की इस सफलता पर बोलते हुए दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “न केवल सरकार के लिए बल्कि दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में, दिल्ली सरकार ने यह दिखाया है कि कैसे मुफ्त यात्रा शहर में महिलाओं को सशक्त बना सकती है। पिछले कुछ वर्षों में महिला बस यात्रियों की बढ़ती संख्या इस योजना की सफलता को दर्शाती है। इस योजना से दिल्ली में रोज़ाना सफर करने वाली महिलाओं को काफी लाभ मिला है। दिल्ली सरकार ने इन वर्षों में जारी किए गए पिंक पास पर कुल 1000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
दिल्ली भारत का पहला राज्य है जहाँ इतने बड़े पैमाने पर महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा योजना चल रही है। सार्वजनिक परिवहन शहर के विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। दिल्ली जैसे शहर में, जहाँ दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) का व्यापक नेटवर्क मौजूद है, इसके बावजूद बस यात्रियों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है। 2022 में, डीटीसी और डिम्ट्स बसों में औसतन 36 लाख यात्रियों ने रोज़ाना यात्रा की, जो कुछ महीनों में प्रतिदिन 40 लाख तक भी पहुंची है। पिछले साल, पिंक टिकट के ज़रिये दिल्ली सरकार की बसों में मुफ्त यात्रा करने वाली महिला यात्रियों का प्रतिशत कुल यात्रियों का लगभग 32% था।
दिल्ली में सरकारी बसों (DTC और DIMTS ) में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे कोविड-पूर्व की संख्या की ओर बढ़ रही है। 2019-20 में दिल्ली की बसों में सवारियों की संख्या 160 करोड़ से अधिक थी। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड के कारण यह घटकर 2020-21 में 71 करोड़ और 2021-22 में 93 करोड़ रह गई थी। अप्रैल 2022 से यह संख्या लगातार बढ़ी है और आज की तारीख में यात्रियों की संख्या लगभग 125 करोड़ तक पहुंच चुकी है। यह प्री कोविड यात्रियों की संख्या का लगभग 75% है। इन वर्षों में, अक्टूबर 2019 में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की शुरुआत के बाद से, पिंक टिकट इस्तेमाल करने वाली महिला यात्रियों की संख्या 2020-21 में 25% और 2021-22 में 28% के मुकाबले 2022-23 में बढ़कर अब तक लगभग 33% हो गई है।
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी सामाजिक उन्नति और आर्थिक विस्तार का एक महत्वपूर्ण कारक है। केजरीवाल सरकार से पहले, दिल्ली में महिलाओं के आवागमन में सहायता के अवसरों की कमी के कारण, महिला श्रम बल की भागीदारी औसत से नीचे थी। महिलाओं की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए, दिल्ली सरकार द्वारा संचालित सभी बसों में केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का दृष्टिकोण स्पष्ट था कि बसों में सुरक्षित वातावरण के साथ-साथ महिलाओं की मुफ्त यात्रा होनी चाहिए। दिल्ली सरकार की सभी बसों में इस समय महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस), क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे, पैनिक बटन के साथ-साथ बस मार्शल तैनात हैं।